* करणीदानसिंह राजपूत *
कोरोना संक्रमण फैलाव रोकने के लिए जारी गाईड लाईन में ऐसा पेचीदा निर्देश है जिसके कारण शहरों के स्कूलों के बच्चे शिक्षा से वंचित रह रहे हैं, लेकिन शहरों के जिन बच्चों ने शहरों के बाहर बने स्कूलों में प्रवेश ले रखा है वे बच्चे पढ रहे हैं। शहरों के हजारों बच्चे स्कूली वाहन से स्कूल जाते हैं और पढ कर घरों को लौटते हैं।
ग्रामीण स्कूलों के वाहन शहर में आकर बच्चों को लेकर जाते हैं और वापस छोड़ कर जाते हैं।
* शहरों से बाहर पांच सात किलोमीटर दूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल शहरों के संचालकों के ही बनाए हुए हैं। शहरोँ में जगह ज्यादा कीमती और कम लगी तो शहरों के नजदीक ही ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल खोल लिए। ऐसे ग्रामीण स्कूलों में शहरों के ही 80- 90 प्रतिशत बच्चे वाहन सुविधा होने से पढने को भर्ती हुए।
* अब अनुमान लगाएं कि एक शहर में 1000 बच्चे हैं जिनमें से 500 शहर के स्कूलों में हैं जो स्कूलों के बंद होने से पढाई से वंचित हैं। 500 बच्चे जो ग्रामीण स्कूलों में भर्ती हैं वे पढ रहे हैं।
स्पष्ट है कि शहरी स्कूलों के बच्चे कम्पीटीशन युग में कमजोर रहेंगे।
शहर से जो हजारों बच्चे रोजाना आते जाते रहेंगे, क्या उनसे कोरोना फैलने का खतरा नहीं है। गाईड लाईन के इस विवादास्पद निर्देश को संशोधित किया जाना चाहिए और शहरी स्कूलों को भी नियम लागू के निर्देश से खोलने का आदेश दिया जाना चाहिए।
दि.21 जनवरी 2022.
करणीदानसिंह राजपूत,
स्वतंत्र पत्रकार
( राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत)
सूरतगढ़ ( राजस्थान)
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