रविवार, 31 अक्टूबर 2021
शनिवार, 30 अक्टूबर 2021
चीन की नई चाल मेड इन चाइना के बजाय मेड इन इंडिया के नाम से भारत में बिक्री
रविवार, 24 अक्टूबर 2021
सूरतगढ़ बार संघ ( न्यायिक) चुनाव:कड़ी टक्कर में जगतपाल थोरी 9 वोटों से जीते.
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 24 दिसंबर 2021.
बार संघ न्यायिक के अध्यक्ष पद पर कड़ी टक्कर से हुए निर्वाचन में जगतपाल थोरी अध्यक्ष चुने गए।
जगतपाल थोरी को 88 और बजरंग स्वामी को 79 मत प्राप्त हुए। जीत में केवल 9 मतों का अंतर रहा। कुल 179 मतों में से 167 मत डाले गए।
जगतपाल थोरी को माल्यार्पण और गुलाल खेलकर बधाइयां दी गई।
कार्यकारिणी में सचिव पद पर विकास राजपुरोहित और कोषाध्यक्ष पद पर गौरव गोदारा चुने गए।
* निर्वाचन कार्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी एडवोकेट सहदेव जोशी, निर्वाचन अधिकारी एडवोकेट सुभाष बिश्नोई एवं सहायक निर्वाचन अधिकारी एडवोकेट पूनम शर्मा ने संपन्न कराया।०0०
गुरुवार, 21 अक्टूबर 2021
श्रद्धेय पत्रकार कर्पूर चंद कुलिश ने कहा:चर्चा कब से खबर बनने लगी?चर्चा में खबर के तत्व ही नहीं होते.
* करणीदानसिंह राजपूत *
बुधवार, 20 अक्टूबर 2021
* मेरा 77 वें वर्ष में एवं पत्रकारिता का 56 वें वर्ष में प्रवेश: करणीदानसिंह राजपूत*
पत्रकारिता एवं लेखन के वर्षों के संघर्ष और आनन्ददायी अनुभवों व महान लेखकों पत्रकारों की रचनाओं को पढ़ते और उनसे मिलते हुए मेरे जीवन के 76 वर्ष पूर्ण हुए एवं 19 अक्टूबर 2021 को 77 वें वर्ष में प्रवेश की सुखद अनुभूति।
* आपातकाल 26 जून 1975 से 21 मार्च 1977 ईसवी.*
* पुरस्कार - अलंकरण *
* इंदिरागांधी नहर पर 12 श्रंखलाएं लिखी जो सन् 1991 में छपी तथा दूसरी बार 1992 में पुन: राज्य स्तरीय प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ।
* राजस्थान की शिक्षा प्रणाली पर व्यापक अध्ययन कर दो श्रंखलाओं में सन् 1993 में प्रकाशित लेख पर तीसरी बार राज्य स्तरीय प्रथम पुरस्कार 1994 में प्राप्त हुआ।
* इसके बाद सन 1996 में राजस्थान की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पद्धति पर व्यापक अध्ययन कर 4 श्रंखलाएं लिखी। इस पर सन् 1997 में राज्य स्तरीय दूसरा पुरस्कार मिला।
* वर्ष 1997 में विश्व प्रसिद्ध शिक्षा संस्थान ग्रामोत्थान विद्यापीठ संगरिया के बहादुरसिंह ट्रस्ट की ओर से पत्रकारिता में सम्मान व पुरस्कार प्रदान किया गया।
* बीकानेर संभाग का "राजस्थान गौरव पत्रकारिता सम्मान 2019" बीकानेर के रवीन्द्र मंच पर 4 अगस्त 2019 को प्रो.ललित किशोर चतुर्वेदी स्मृति संस्थान जयपुर की ओर से प्रदान किया गया।
मेरे परिवार जन,मित्रगण और कानून ज्ञाता जो साथ रहे हैं वे भी इस यात्रा में सहयोगी हैं।
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रविवार, 17 अक्टूबर 2021
यह डेंगू डेंगू क्या है?आओ सब मिल फैलने से रोकें डेंगू :रविवार को सूखा दिवस मनाएं
* करणीदानसिंह राजपूत *
प्रत्येक व्यक्ति एक आदर्श नागरिक की तरह कई बातों का ध्यान रखें, तो डेंगू को फैलने से रोका जा सकता है। घर के अंदर व आंगन में जहां भी पानी एकत्रित हो रहा है, उसे साफ करें।
घर में कोई भी बेकार बर्तन, खुली बोतल, डिब्बे, पुराने टायर, कबाड़ एवं प्लास्टिक का सामान एकत्रित ना होने दें। इनमें पानी के ठहरने से डेंगू मच्छरों के पनपने का खतरा सबसे अधिक होता है। बर्तनों को खाली कर उल्टा रख दें। पानी के बर्तन, टंकी और हौदी को ढक कर रखें। गमलों में पानी एकत्र ना होने दें, नियमित पानी बदलें। कूलर के पानी को खाली कर बदलें या साफ कर साइड में रखें। इन छोटे से प्रयासों से हम अपने परिवार को डेंगू से बचा सकते हैं।
वर्षा प्रभावित स्थानों पर जलजनित एवं मच्छरजनित बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है। मौसमी बीमारियों की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्साधिकारी एवं पैरामेडिकल स्टॉफ को संवेदनशीलता बरतने के निर्देश दिए। इसके साथ ही आमजन से हर रविवार को सूखा दिवस मनाने की अपील की है। सभी घरों में भरा पानी खाली करते हुए सूखा दिवस मनाने की अपील है।
मच्छरजनित बीमारियों सबसे पहले हमारे घरों से ही पैदा होती है। हमारे घरों में रुके हुए साफ पानी में मच्छरों का लार्वा पनपता है। यह लार्वा मच्छर बनकर डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, जीका सहित अनेक बीमारियां फैलाता है।
हमें अपने घर से ही इस लार्वा को खत्म करना होगा। महिलाओं, बच्चों सहित समस्त परिजनों को घर में रुके हुए पानी को नष्ट करना होगा ताकि लार्वा समाप्त हो सके।
* डेंगू बुखार एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। यह मादा मच्छर होती है, जो हमारे घर के आसपास जमा पानी, बर्तनों, पौधों, कूलर, छत पर पड़े टायर आदि में अण्डे देती है। हमें इसे पैदा होने से ही रोकना होगा ताकि हमारा परिवार सुरक्षित रह सके।
मच्छरों की रोकथाम के लिए चिकित्सा विभाग द्वारा एंटीलार्वल गतिविधियों एवं फोगिंग करवा रही है, लेकिन आमजन को अपने घरों के अंदर पैदा हो रहे मच्छर को स्वयं समाप्त करना होगा। घर के आसपास उगी गाजर घास एवं झाडिय़ों, नलियों की सफाई अवश्य करवाएं। ०0०
पत्रकारिता में सहयोगी दो मित्र:दोनों रमेश: रमेश रमेश आपस में समधी:
* करणीदानसिंह राजपूत *
पत्रकारिता में अनेक लोगों का सहयोग मिलता रहा है। इंजीनियर रमेश चंद्र छाबडा और इंजीनियर रमेश चंद्र माथुर दोनों का सहयोग सराहनीय और आज भी स्मरणीय है। बड़े दावे के साथ कह सकता हूं कि व्यक्ति चाहे तो पत्रकारिता क्षेत्र में सहयोग मिलने पर बहुत कुछ कर सकता है।
रमेश चंद्र छाबड़ा और रमेश चंद्र माथुर दोनों सिंचाई विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके हैं और सूरतगढ़ में निवास कर रहे हैं आश्चर्यजनक है कि रमेश चंद्र छाबड़ा और रमेशचंद्र माथुर आपस में समधी हैं।
रमेश चंद्र छाबड़ा कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं और लेखन में रुचि रखते हैं। एक पुस्तक छप चुकी है। फेसबुक पर व स्वयं के ब्लॉग में लिखते हैं। रमेश चंद्र माथुर भाजपा के कार्यकर्ता हैं और रक्तदान सहित अनेक समाजसेवी कार्यों में सहयोग देते शामिल रहते हैं। रमेश चंद्र माथुर और पत्नी प्रभा माथुर युगल रूप में अनेक बार रक्त दान कर चुके हैं।
मैं राजस्थान पत्रिका में कार्य करता था तब दोनों सिंचाई विभाग में कार्यरत थे और डिप्लोमा इंजीनियर्स युनियन के पदाधिकारी थे। सन् 1991 में इंदिरा गांधी नहर की एक श्रंखला राजस्थान पत्रिका में 12 किस्तों में छपी और कड़वा मीठा सच्च 1992 में राज्यस्तरीय प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ। उसमें और अन्य समाचारों में बड़ा सहयोग मिला। राजस्थान पत्रिका की प्रगति पर पत्रकारिता के कड़े सिद्धांत रखने वाले संपादक श्री विजय भंडारी जी ने पुस्तक लिखी जिसमें मेरा और इस श्रंखला का विशेष उल्लेख किया गया था।
दोनों रमेशों ने कड़वा मीठा सच्च के अनेक लेखों में ऐसी समस्याएं छपवाने में सहयोग दिया जिससे अनेक कार्य सरकार को,विभागों को समाधान करने पड़े और लोगों को लाभ हुआ। पीडि़त लोगों को लाभ दिलाने का अपार आनंद हम तीनों ने उठाया। लोगों के जीवन में खुशियाँ भरने का आनंद। राजस्थान पत्रिका ने मेरे हर लेख और विचारों को छापा।
आज भी दोनों रमेशों का सहयोग मिलता रहता है।०0०
गुरुवार, 14 अक्टूबर 2021
सूरतगढ़:शारदीय नवरात्रों पर करणी माता मंदिर में राजपूत सरदारों ने सपत्नी हवन किया
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 14 अक्टूबर 2021.
शारदीय नवरात्रा के शुभ अवसर पर बाई पास रोड सूरतगढ़ स्थित करणी माता मंदिर में नवरात्रा स्थापना से नवमी तक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हुए। यजमानों द्वारा प्रतिदिन सुबह मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की और मां करणी जी की विधिवत पूजा अर्चना हुई। मां करणी की प्रतिमा का विशेष शृंगार किया गया।
नवमी के अवसर पर मन्दिर परिसर में हवन का आयोजन हुआ। मल सिंह भाटी, करणीदान सिंह राजपूत, छत्रपाल सिंह बीका, राजेन्द्र सिंह पड़िहार, उम्मेद सिंह शेखावत, एवं लाल सिंह बीका ने सपत्नीक हवन किया।। श्रद्धालुओं व उपस्थित राजपूत परिवारों ने हवन में पूर्णाहुति डाली। मंदिर में स्थापित सभी देवी देवताओं के धूप अर्चना की गई।
हवन सम्पन्न होने के बाद मां करणी की आरती की गई और मां करणी को विभिन्न पकवानों का भोग लगाया गया। पूजन कार्यक्रम पंडित भगवती प्रसाद शर्मा, दीपक शर्मा ने सम्पन्न करवाया।
कंजक पूजन कर उन्हें प्रसाद भोजन कराया गया। भंडारे का आयोजन हुआ जिसमें सभी धर्मप्रेमियों को प्रसाद वितरित किया गया।
इस मंगल अवसर पर राजपूत क्षत्रिय संस्था के अध्यक्ष प्रहलाद सिंह राठौड़, उपाध्यक्ष भीम सिंह राठौड़, महासचिव अजय सिंह चौहान,, राम कुमार सिंह परमार, नारायण सिंह राठौड़, वीरेन्द्र सिंह सिसोदिया, गणपत सिंह भाटी, बजरंग सिंह परमार, शायर सिंह गौड़़, सूरज सिंह भाटी, वीरेन्द्र सिंह राठौड़, राम सिंह शेखावत, महेन्द्र सिंह निर्वाण, सुरजन सिंह राठौड़, हेम सिंह शेखावत, गजेन्द्र सिंह शेखावत उपस्थित रहे।०0०
मंगलवार, 12 अक्टूबर 2021
वृक्ष मित्र परिवार:सूरतगढ़ को जगाता:हरियाला बनाता: पेड़ लगाता:
* करणीदानसिंह राजपूत *
विकास की ओर अग्रसर सूरतगढ़ में भी ऊंचे शानदार भवनों के सीमेंट कंक्रीट के फैलते जंगल में आज जहां से गुजरें वहां आंखों के आगे एक नाम छा जाता है' वृक्ष मित्र परिवार'।
शहर की सड़कों सरकारी कार्यालयों के समीप, परिसरों में और अनेक सामाजिक धार्मिक संस्थाओं मंदिर परिसरों में पौधे जो बन रहे हैं पेड़। पौधों पेड़ों के सुरक्षा कवच पर एक नाम दिखता है। मै इसी नाम वृक्ष मित्र की चर्चा कर रहा हूं जिसने सूरतगढ़ की सूरत बदल दी। इस संस्था के सदस्यों ने शहर में जाग पैदा कर दी और यह प्रमाणित कर दिया है कि आदमी चाहे वह सब कर सकता है। पेड़ ही पेड़। पेड़ों की कतारें। पौधा रोपण आसान नहीं और उनको सींचना तो बहुत कठिन। ऐसी जगह भी हैं जहां दूर तक पानी नहीं। लागि ऐसी लगन सब हो गए मगन। इस लगन का परिणाम आज दिखाई दे रहा है और आने वाले कुछ सालों में भरपूर छाया और प्राणवायु देगा। और उस समय लोगों के मुंह से निकल पड़ेंगे आशीष के दो शब्द!
वृक्ष मित्र संस्था ने आम नागरिकों को प्रेरित किया है वहीं जनप्रतिनिधियों, सरकारी अधिकारियों, संस्थाओं को भी साथ में खड़ा किया है। प्रशासनिक अधिकारियो कर्मचारियोंं को साथ लिया है तो वहीं पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों को भी साथ लिया है।
' साथी हाथ बढाना साथी रे' की गूंज सी सुनाई पड़ती है। सूरतगढ़ शहर में। मेरे सूरतगढ़ में। ०0०
12 अक्टूबर 2021.
करणीदानसिंह राजपूत,
स्वतंत्र पत्रकार ( राजस्थान सरकार के सूचना एव़ जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत)
सूरतगढ़. (राजस्थान.)
94143 81356.
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