शुक्रवार, 28 मई 2021

आपातकाल लोकतंत्र सेनानियों की रिट- उच्च न्यायालय जयपुर बेंच द्वारा राजस्थान व भारत सरकार को नोटिस जारी👌

 

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* करणी दान सिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 28 मई 2021.
आपातकाल लोकतंत्र सेनानियों की ओर से दायर की गई एक रिट पर राजस्थान उच्च न्यायालय की जयपुर बेंच ने राजस्थान सरकार भारत सरकार और अलवर पेंशन विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
यह नोटिस जयपुर बेंच की ओर से 21 मई 2021 को जारी हुआ है और अगली तारीख पेशी 15 जुलाई 2021 है।
एडवोकेट मोहित गुप्ता की ओर से यह रिट राजस्थान उच्च न्यायालय की जयपुर बेंच में पेश की गई थी। 
तीन लोकतंत्र सेनानी अलवर निवासी रघुनाथ बवेजा (79 साल) राधेश्याम शर्मा (63)साल और कमल सिंह की ओर से यह रिट की गई है। इन तीनों लोकतंत्र सेनानियों का ppo (परमानेंट पेंशन आर्डर)जारी हो चुके थे लेकिन इसके बावजूद पेंशन नहीं दी गई।
राजस्थान सरकार ने 16अक्टूबर 2019 को पेंशन रोक दी और  पेंशन संबंधी आदेश खत्म कर दिया था।
एडवोकेट मोहित गुप्ता ने बताया कि रिट तीनों की पेंशन के लिए है और राजस्थान सरकार ने पेंशन रोकने का आदेश 16 अक्टूबर 2019 को जारी किया उसको बहाल करने के लिए है।
राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर बेंच ने राजस्थान सरकार को प्रिंसिपल सेक्रेटरी के माध्यम से,भारत सरकार को सचिव के माध्यम से और निदेशक पेंशन एवं वेलफेयर डिपार्टमेंट अलवर को नोटिस जारी किए हैं। इन तीनों को पीपीओ जारी करने के बावजूद पेंशन शुरू नहीं की गई, जो अदालत से शुरू करवाने का आदेश जारी करने की याचना की गई है। केस जीतते हैं तो राजस्थान सरकार को इनकी पेंशन शुरू करनी होगी।

( राजस्थान मैं भारतीय जनता पार्टी की सरकार में वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री काल में सरकार ने मीसा और रासुका आपातकालीन बंदियों को 1 जनवरी 2014 से पेंशन शुरू की थी। यह पेंशन पहले ₹12000 पेंशन और 12 सो रुपए प्रतिमाह मेडिकल भत्ता कुल ₹13200 शुरू हुआ था। बाद में यह वृद्धि करके 20000 पेंशन और 4000 मेडिकल भत्ता ₹24000 प्रतिमाह किए गए जो शुरू भी हो गए। इनकी संख्या करीब 1600 थी। अनेक दिवंगत हो गए और उनकी पत्नियां बहुत परेशानी में हैं।
वसुंधरा राजे सरकार ने सीआरपीसी 107 151 116 बटा 3 में गिरफ्तार हुए आपातकाल बंधुओं को भी पेंशन शुरू की। यह संख्या करीब 350 थी जिनमें ढाई सौ के करीब लोगों को पेंशन शुरू हुई और बंद होने तक ₹260000 तक प्रत्येक को मिल गए थे लेकिन करीब 100 फाइलें विभिन्न जिला कलेक्टरों के दफ्तरों में सारी कार्रवाई पूरी होने के बावजूद रुकी रही। उन फाइलों में पेंशन दिए जाने की रिपोर्ट भी पुलिस और जेल विभाग के द्वारा लिखी गई लेकिन जिला कलेक्टरों  ने मीटिंग नहीं की। करीब 100 फाइलों में ऐसे आर्डर नहीं हो पाए इनको कुछ भी नहीं मिला।  * *राजस्थान में इस समय करीब अट्ठारह सौ के करीब लोग हैं जिनमें कई देहावसान हो गए उनकी पत्नियां हैं जो अब वृद्धावस्था और परेशानियों से ग्रस्त का लोकतंत्र सेनानी भी 60 साल से ऊपर 95 साल तक की उम्र के हैं। 
तीन तरह की स्थिति है। 
* मीसा  रासुका बंदी  जिनको पेंशन शुरू होने से बंद होने तक करीब साडे ₹900000  नौ लाख मिल चुके हैं। 
**सीआरपीसी के करीब ढाई सौ सेनानी जिन को शुरू से बंद होने तक करीब ₹260000( दो लाख साठ हजार) प्रत्येक को मिल चुके हैं।  *** तीसरे वे हैं जिन्हें जो सीआरपीसी में है और उन्हें कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ है। फाइलें तैयार जिला कलेक्टरों के दफ्तरों में पड़ी है।
👌 राजस्थान में करीब अट्ठारह सौ लोग लोकतंत्र सेनानी है विशेष बात यह है कि अट्ठारह सौ में से केवल 3 लोगों ने जयपुर में और 2 लोगों ने जोधपुर में रिट दायर की हुई है। * यह संख्या बहुत कम है। अन्य  लोगों को रिट  दायर करने के लिए तुरंत आगे आना चाहिए। 

👌 एडवोकेट मोहित गुप्ता ने बताया कि शीघ्र ही 10 अन्य सेनानियों की ओर से भी रिट दायर करने की तैयारियां चल रही है। 
मेरे विचार से अन्य सेनानियों को भी  शामिल होने के लिए रिट दायर करने के लिए आगे आना चाहिए। 
एडवोकेट मोहित गुप्ता से सीधे बात कर सकते हैं उनके नंबर यहां दे रहे हैं।
राजस्थान बहुत बड़ा इलाका है कोरोना काल में दूर तक के लोगों के बजाय अगर जयपुर के आसपास के लोग रिट दायर करने में आगे आते हैं तो उचित होगा और स्थिति बहुत अधिक मजबूत हो सकती है। महिलाओं को भी आगे लाया जा सकता है। 
राजस्थान में विभिन्न संगठन है मगर केंद्रीय सरकार को भेजे गए किसी पत्र का जवाब नहीं है। 
**अनेक सेनानी जो सत्ता पक्ष से और संघ से समर्पित कार्यकर्ता है वे भारत सरकार को प्रधानमंत्री को गृहमंत्री को नाराजगी के भाव प्रगट नहीं करना चाहते। 
उन केंद्र सरकार से नाराजगी प्रकट नहीं करने वालों को यहां राजस्थान के अंदर रिट दायर करनी ही चाहिए। मैं पहले भी सुझाव दे चुका हूं कि साधन संपन्न और पेंशन प्राप्त कर चुके सेनानियों को आगे बढ कर आधिक से अधिक संख्या में शीघ्रातिशीघ्र रिट लगवानी चाहिए।
* एडवोकेट मोहित गुप्ता जी के मो.नं ये हैं ं।

दि.28 म ई 2021.
आपका शुभेच्छु,


करणीदानसिंह राजपूत,
आपातकाल जेलयात्री पत्रकार,
सूरतगढ़।
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