रविवार, 25 अक्तूबर 2020

श्रीगंगानगर जिले में पराली व अन्य फसलों के अवशेष को जलाने पर प्रतिबंध


* करणीदानसिंह राजपूत *

श्रीगंगानगर, 25 अक्टूबर 2020.

प्रदूषण को रोकने और वातावरण को शुद्ध रखने के लिए जिला कलेक्टर ने फसल कटाई के इन दिनों में फसलों के अवशेष जलाने पर रोक लगा दी है।

जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट श्री महावीर प्रसाद वर्मा ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सम्पूर्ण जिला क्षेत्र में पराली व अन्य फसलों के अवशेष को, जलाने को लेकर प्रतिबन्धात्मक आदेश जारी किए है। 

 आदेशानुसार जिले के काश्तकार धान (चावल) व अन्य फसलों के अवशेष/कचरे को नही जलाएंगे। 

उन्होने संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट, तहसीलदार, व विकास अधिकारियों को इन आदेशों की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। इन आदेशों की अवहेलना किए जाने पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 एवं अन्य सुसंगत धाराओं के तहत दण्डित किया जाएगा। यह आदेश 24 नवम्बर 2020 की मध्य रात्रि तक प्रभावशील रहेंगे। 

 उन्होने बताया कि फसल खरीफ 2020 में धान (चावल) की कटाई चल रही है। धान (चावल) की फसल के अवशेषों/कचरे को काश्तकारों द्वारा आग लगाए जाने के कारण व केवल धुंए से वायु प्रदुषण फैलता, बल्कि हरे पेड भी जल जाते है तथा अग्नि से सम्पति, जान माल की हानि होने की संभावना भी रहती है। वायु प्रदुषण से आमजन प्रभावित होता है, जिसमें माननीय ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली द्वारा समय-समय पर आदेश किए गए है। कृषि अवशेषों को जलाया न जाकर उन्हे वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया जाए। ००


यह ब्लॉग खोजें