मनोज कुमार स्वामी के राजस्थानी कहानी संग्रह 'मनगत' का विमोचन:बीकानेर मेंं समारोह
^^^ करणीदानसिंह राजपूत ^^^
मनगत की कहानियां प्रतिरोध की कहानियां है- मधु आचार्य 'आशावादी'
सूरतगढ़ 24-3-2019. राजस्थानी कहानी संग्रह मनगत का विमोचन समारोह गर्भस्थ शिशु संरक्षण समिति व सरस्वती काव्य कला एंव संस्कृति संस्थान बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान मे आयोजित हुआ।
समारोह की अध्यक्षता नांवा से राजस्थानी के आशु कवि पं. राधेश्याम शर्मा ने की। मुख्य अतिथि केन्द्रीय साहित्य अकादेमी के राजस्थानी परामर्श मंडल सलाहकार वरिष्ठ साहित्यकार डा. मधु आचार्य आशावादी थे।
मुख्य वक्ता के रूप मे भवानी शंकर व्यास विनोद ने राजस्थानी कहानी पर अपना विचार रखते हुए कहा कि कहानी वो होती है जो आने वाले कल की आहट को सुन ले। उन्होंने कहा कि औरत को केवल घर में बंद रहने वाली बच्चे जनने वाली मशीन मानने वालों की सोच को बदलना होगा। स्त्री पूर्णतया एक सांस्कृतिक इकाई है और उस नारी के पत्नि मां, प्रेयसी सभी रूप को मनगत कहानी संग्रह में बखूबी उठाया गया है। आठवें दशक से राजस्थानी कहानी में परिर्वतन होना शुरू हुआ और उस दृष्टि से मनोजकुमार स्वामी एक कहानीकार के रूप में अग्रिम पंक्ति में खड़े हैं।
मुख्य अतिथि केन्द्रीय साहित्य अकादेमी समन्वयक डा. मधु आर्चाय आशावादी ने कहा कि मनगत की कहानियां प्रतिरोध की कहानियां है, लेकिन उसके बावजूद इन कहानियां को पढ़कर पाठक को ऐसा ऐहसाश होगा जैसा तपती लू में ठण्डे पवन के झौंके से होता है। उन्होंने कहा कि अकादेमी स्तर पर पहले चाहे कुछ भी होता रहा है उनका प्रयास रहेगा कि साहित्य अकादेमी को जनता तक ले जाया जाए।
वरिष्ठ साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार ने कहानी संग्रह पर पत्र वाचन किया।
गर्भस्थ शिशु संरक्षण समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामकिशोर तिवाड़ी, समालोचक डा नीरज दईया, राजेंद्र जोशी और हरीश बी. शर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की व अपने विचार रखे।
लेखक मनोजकुमार स्वामी ने अपनी रचना प्रक्रिया पर विचार रखे।
विमोचन समारोह का संयोजन आकाशवाणी बीकानेर के वरिष्ठ उदघोषक प्रमोद शर्मा ने किया।
आयोजन में साहित्यकार डा. कृष्णलाल बिश्नोई, मइनुदीन कोहरी, व्यंगकार बुलाकी शर्मा, शायर इरसाद अजीज, अशदअली अशद, योगेन्द्रसिंह भाटी, डा. तुलसी राम मोदी, रामेश्वरलाल सोनी, मुकेश रामावत, कैलाश जनागल, प्रशांत जैन, किशनलाल स्वामी, अरविंद उभा आदि ने समारोह में भाग लिया।