गुरुवार, 19 अक्तूबर 2017

गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में जन्मदिवस पर मेरी अरदास करणी दान सिंह राजपूत




 दीपावली के दिन 19 अक्टूबर 2017 को 73 वें वर्ष में प्रवेश पर बहुत ही मंगल शुभ वक्त आया और मैं गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा सूरतगढ़ में पहुंचा।

गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष सर नवाया और अरदास की।

'मुझे सत्य लिखने के लिए शक्ति प्रदान करते रहें।'

श्रीगंगानगर के आदित्य नर्सिंग होम में 24 अप्रैल 2017 को मेरा एक ऑपरेशन हुआ। 25 अप्रैल को  चिकित्सालय के कक्ष 5 में विश्राम पर था। मेरे सामने 10 में गुरु सरबंस दानी गुरु गोविंद सिंह की तस्वीर लगी हुई थी। मैं एकटक उस ओर निहार रहा था। मुझे आश्चर्यजनक एहसास हुआ गुरु गोविंद सिंह कह रहे थे' तुझे अभी लोगों की और सेवा करनी है।'

मैंने सिख गुरुओं का इतिहास पढ़ा जो मुझे ग्रामोत्थान विद्यापीठ से भेंट में मिला था। शिक्षा संत स्वामी केशवानंद जी के द्वारा वह लिखवाया गया था। गुरुओं का इतिहास पढ़ते समय कुर्बानियां मुझे जोश दिला रही थी और उन कुर्बानियों को पढ़ते-पढ़ते नयनों में नीर भी झरता रहा था। करीब 1 माह में मैंने वह इतिहास पूर्ण किया। ऐसी कुर्बानियां कोई नहीं दे सकता जो गुरुओं ने मानव रक्षा के लिए  दी।  ये कुर्बानियां हिंदू धर्म की रक्षा के लिए दी गई थी।


मुझे पीड़ितों दुखियारों के लिए  लिखने की प्रेरणा मिलती रहेगी। मेरे सिर पर गुरुओं का वरदहस्त रहेगा। यही मेरी आस्था है कि मैं जो लिखूं वह लोगों के काम आए। 

दिनांक 19 अक्टूबर 2017.

करणीदानसिंह राजपूत,

सूरतगढ़, राजस्थान, भारत (इंडिया)

 संपर्क 91 9414381356. 

यह ब्लॉग खोजें