शुक्रवार, 3 मार्च 2017

इंदिरा गांधी नहर कानौर हैड पर किसानों का महापड़ाव 3 मार्च से शुरू हुआ



- करणीदान सिंह राजपूत -

 एटा सिंगरासर माइनर की मांग करने वाले किसानों की संघर्ष समिति की ओर से पूर्व घोषित महापड़ाव आज 3 मार्च से इंदिरा गांधी नहर के कानौर हेड पर शुरू हुआ। महापड़ाव में सभी जुझारू नेताओं ने अपने अपने भाषणों में मांग पूरी होने तक डटे रहने का दावा किया। 

नेताओं ने  कहा कि इंदिरा  नहर से एटा सिंगरासर माइनर निकाली जाए और इस सूखे क्षेत्र को सिंचित किया जाए। इंदिरा गांधी नहर के पास के किसान 50 सालों से नहर के होते हुए प्यासे हैं।खेत प्यासे हैं। पशुधन प्यासा है और जीव जंतु प्यासे हैं।पहले किसानों के इस आंदोलन को आश्वासन से स्थगित करवा दिया गया था और जल संसाधन विभाग की ओर से लिखित में सूचना दी गई थी की नहर में पानी की खोज हो रही है। जहां भी पानी उपलब्ध होगा वह एटा सिंगरासर माइनर निर्माण के लिए पहला कदम होगा। जल संसाधन मंत्री आदि सभी का भरोसा बेकार गया। महीनों के बाद भी विभाग नहर में पानी की उपलब्धता पर जवाब नहीं दे पाया। पानी की खोज के लिए जो समिति बनाई गई उसका कार्यकाल 3 माह और बढ़ा दिया गया। इस इलाके का किसान चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल से संबंध रखता हो उसकी मांग एटा सिंगरासर माइनर में एक है और उसके लिए सभी किसान एकजुट होकर अपनी मांग पर डटे हैं।










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