गुरुवार, 30 जून 2016

मोदी की हंसी वाली पुस्तक 'फेकूजी हवे दिल्ली मा:कोर्ट का प्रतिबंध से इनकार:


पुस्तक ने गुजरात में जबरदस्त हलचल मचाई: फेकू जी अब दिल्ली में
- विशेष समाचार-
29 जून 2016.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाने वाली गुजराती में छपी एक किताब ने जबरदस्त हलचल मचाई है और लोग उसे पढऩे को उत्सुक हैं। गुजरात में इसकी बिक्री खूब हो रही है। इस किताब का शीर्षक है,'फेकूजी हवे दिल्ली मा जिसका हिन्दी अर्थ होता है फेंकूजी अब दिल्ली में।


मंगलवार, 28 जून 2016

एसडीएम पोटलिया एसीबी छापे:चौंकाने वाला सच्च:घूस की रकम जमा होना झूठ:



अखबारों में कथित घूस 3 लाख माँ ब्रह्माणी ट्रेडिंग कं में जमा होना छापा गया था:
1 जनवरी से 25 जून तक फर्म की बही में रकम का कोई इन्द्राज नहीं:

सोमवार, 27 जून 2016

करौली के युवाओं का सम्पूर्ण शराबबन्दी आन्दोलन में साथ


करौली 27-6-2016.
 जस्टिस फॉर छाबडा जी (सम्पूर्ण शराबबन्दी आन्दोलन ) संगठन की संयोजक पुनम अंकुर छाबडा जी पहुची करौली की धरा पे युवा प्रतिभाओं को किया सम्मानित 

रविवार, 26 जून 2016

राहुल गांधी यात्रा के बाद कांग्रेसी नेता नहीं लगाऐंगे फेरी:


- करणीदानसिंह राजपूत -

15-7-2015
up date 4-1-2016 
update 26-6-2016
राहुल गांधी की पैदल यात्रा के बाद कोई भी कांग्रेसी नेता व कार्यकर्ता फेरी लगाकर लोगों से संपर्क करते रहने के लिए खड़ा नजर नहीं आएगा। यह शंका मुझे ही नहीं है बल्कि अनेक लोगों को भी हो रही होगी। राहुल गांधी नहीं आते तो यहां कोई यात्रा नहीं होती।
राहुल गांधी इस इलाके में आए है तो एक दिन स्थानीय नेता उनके साथ हो लेंगे। वे नहीं आते तो किसी के दिमाग में ही यह बात नहीं आती कि जनता से मिलते रहने का प्रयास होता रहे।
इसलिए यह शंका है कि राहुल की पद यात्रा में आगे आगे साथ साथ चलने वाले अपने स्तर पर यात्राएं करते लोगों से मिलते रहते तो राज जाने की हालत ही पैदा नहीं होती।
विधान सभा चुनावों में तीसरे चौथे क्रम पर पहुंच जाने के बाद भी कांग्रेसी नेताओं के दिमाग के कपाट बंद ही पड़े हैं। इनको हथोड़े मार कर भी खोला नहीं जा सकता।
जनता से मिलने का कार्यक्रम कांग्रेस जनों को मुफ्त सेवा का लगता है।
देश में अधिक समय तक राज करने वाली कांग्रेस पार्टी के नेताओं को मुफ्त में सेवा करना भाता नहीं है। यह सोच भी हो सकती है कि जब पहले कभी मुफ्त में सेवा नहीं की तो अब नई परंपरा क्यों शुरू की जाए?
महात्मा गांधी तो जगाते रहने का प्रयास करते करते ही संसार से कूच कर गए।
उठ जाग मुसाफिर भोर भई
अब रैन कहां जो सोवत है
जो सोवत है सो खोवत है
जो जागत है सो पावत है।
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4,50,000 की ऊंचाई से पार:सत्यम् शिवम् सुंदरम्:सत्यमेव जयते:

करणी प्रेस इंडिया तेज और तेज:सच्च को सामने रखने में सदा आगे:
- करणीदानसिंह राजपूत -
सूरतगढ़, 26 जून 2016.
सच्च को सामने लाने में और दबे हुए लोगों की आवाज को समाज को जगाने का प्रयास करने में करणी प्रेस इंडिया के पाठक 4 लाख 50 की संख्या के शिखर को पार कर गए। यह ऊंचाई पार करना प्रसन्नता पैदा करने वाली और आगे बढऩे की प्रेरणा देने वाली रहेगी। इस साइट को देखना या इसके लिंक को फेस बुक पर देख पढ़ कर तत्काल विचार प्रगट करना पाठकों का ऐसा कदम रहा है कि उससे तेजी आई है। इसका लिंक ऑल वर्लïï्ड ब्लॉग्स से भी है जो इसे बहुत बड़े क्षेत्र में पहुंचाता है।
राजनैतिक आपराधिक सामाजिक धार्मिक आर्थिक विषय शहरी व ग्रामीण,सरकारी व गैर सरकारी सभी में आगे रहने का प्रयास सदा सफल रहा है।
हमारे समाचार,विचार,टिप्पणियां,लेख,कहानियां,कविताएं एवं फोटो कवरेज को आसपास और देश प्रदेश में सभी वर्गों द्वारा सराहे जाते रहे हैं।
हमारे असंख्य पाठकों की आलोचनाओं समालोचनाओं और दिल खोल कर दी गई राय ने ही इस ऊंचे शिखर पर पहुंचाया है। उनकी आलोचनाओं भरी राय से ही आगे और आगे बढऩे की प्रेरणा मिली है।
उच्च कोटि की टिप्पणियों व समाचारों के लिए लोग इस साइट पर भरोसा करते हुए देखते हैं। आज बड़े से बड़े अखबारों और चैनलों के संवाददाता सच्च को देख कर रिकॉर्ड करके भी पाठकों के सामने रखने में पीछे हट जाते हैं।
सदा ऐसे मामले उठाने में आगे रहे हैं जो अखबारों आदि में नहीं होते।


पाठकों से आग्रह है कि करणी प्रेस इंडिया के फोलोवर बनें।

सरकारी विभागों पर एसीडी की नजर: गुप्त सूचनाओं पर प्रभावी कार्यवाही होगी:


लेट लतीफ, काम से मन चुराने वाल, नकारा कार्मिकों को नोटिस दिए जाने के निर्देश:
स्पेशल न्यूज- करणीदानसिंह राजपूत

शनिवार, 25 जून 2016

एसडीएम रामचन्द्र पोटलिया के ठिकानों पर एसीबी के छापे:अपुष्ट खबरें गर्म:


आय से अधिक संपत्ति की शिकायतें: कुछ माह पहले भी हुई थी शिकायतें और बाद में हो गया था खंडन:बीकानेर,चुरू व सीकर की एसीबी टीमों की कार्यवाही:सूरतगढ़ 25 जून:
सूरतगढ़ में पद स्थापित एसडीएम रामचन्द्र पोटलिया के सूरतगढ़ सहित अन्य कई ठिकानों पर एसीबी की संयुक्त छापामार कार्यवाही हुई। पोटलिया के पास आय से अधिक संपत्ति होने की शिकायतें होने पर एसीबी ने पोटलिया व उनके पुत्र से संबंधित ठिकानों पर छापे मारे हैं। एसीबी की वेबसाईट पर शाम तक कोई अधिकृत समाचार नहीं था कि छापों में क्या कुछ मिला है या कुछ भी नहीं मिला। तरफ से अधिकृत कोई सूचना अभी तक जारी नहीं हुई है लेकिन हर तरफ अफवाहों व अपुष्ट समाचारों की हलचल है। लोग अपने अपने तरीकों से पोटलिया की संपत्तियों का बखान कर रहे हैं। सूरतगढ़ में बीकानेर की एसीबी टीम ने छापेमारी की जिसका नेतृत्व एडीशनल एसपी पर्वतसिंह कर रहे थे। ज्योंहि यह खबर मिली मीडिया कर्मी पहुंच गए व काफी देर तक न्यूज मिलने का इंतजार करते रहे। रात तक पोटलिया के सूरतगढ़ ठिकाने पर कार्यवाही चल रही थी। कई घंटों से चल रही कार्यवाही से कुछ मिलने की संभावना की जा रही है।
जैतसर में पुत्र का व्यवसाय है। वहां पर भी कार्यवाही हुई है। पोटलिया के विरूद्ध पिछले कुछ महीनों से गुपचुप कार्यवाही चल रही थी।
कुछ माह पहले राजस्थान सरकार को पोटलिया के विरूद्ध संपत्ति बनाने की शिकायतें हुई थी तथा कमीश्रर बीकानेर के निर्देश पर जाँच जिला कलकटर को सौंपी गई थी। उसके बाद पत्रकार वार्ता में एक व्यक्ति राधाकृष्ण श्योराण ने यह कहा कि उसके दस्तखतों से किसी अन्य ने शिकायत करदी है। इसके बाद पोटलिया ने पत्रकारों को बताया कि अन्य चार पांच शिकायतें थी लेकिन उन नामों के लोगों ने भी शपथपत्रों के साथ लिखा कि शिकायत उनकी तरफ से नहीं की गई है। पत्रकारवार्ता में राधाकृष्ण श्योराण का किया खंडन अगले ही दिन प्रमुखता से छपा। एक दैनिक ने तो खंडन की न्यूज मुख्यपृष्ठ पर काफी बड़ी लगाई।
एसीबी सभी स्थानों की कार्यवाही की एक ही रिपोर्ट जारी करेगी की संभावना है। अभी अफवाहें व अपुष्ट समाचार हैं जब भी अधिकृत न्यूज मिलेगी देने का प्रयास होगा।

बुधवार, 22 जून 2016

पुनम अंकुर छाबडा ब जैन मुनि पारस मुनि के सानिध्य में बोरावड मे नशा मुक्ति संकल्प सभा


जस्टिस फॉर छाबड़ा जी कि संयोजक पूनम अंकुर छाबड़ा ने एस डी एम मकराना को दिया शराब बंदी का ज्ञापन ।
 बोरावड मे हुई नशा मुक्ति संकल्प सभा ।
 सरकार सवेदनहीन और सवांदहीन - पुनम छाबडा
मकराना ।
       जस्टिस फाॅर छाबडा शराब बंदी आंदोलन के तहत आज बागंवाले बाग में विशाल नशा मुक्ति संकल्प सभा का आयोजन हुआ जिसमे टीम सयोजंक पुनम अंकुर छाबडा के साथ जैन मुनि पारस मुनि के सानिध्य में सभा का आयोजन हुआ 

रविवार, 19 जून 2016

पालिकाध्यक्ष काजल व एइएन की एसीबी जाँच:

मालचन्द जैन कि शिकायत में अध्यक्ष काजल छाबडा,जेठ राजकुमार छाबड़ा का भी उल्लेख था। राजकुमार जो करता था वह काजल की अनदेखी में नहीं था।

काजल राज भ्रष्टाचार को समर्पित:भ्रष्टाचार नहीं हटाया बोर्ड हटा दिए:

27~9~2015
update 19-6-2016
- ब्लास्ट की आवाज की तीसरी आँख -
सूरतगढ़। नगरपालिका बोर्ड में जुगाड़ से भाजपा की काजल छाबड़ा अध्यक्ष चुनी गई तब शहर वासियों को बड़ी आशाएं थी कि कांग्रेस की फैलाई गंदगी से मुक्ति मिलेगी और शहर का हर वार्ड और कच्ची बस्तियां विकसित होंगी व शहर स्वर्णिम सूरतगढ़ की ओर आगे बढ़ चलेगा। यह विश्वास विधायक राजेन्द्रसिंह भादू  ने और काजल छाबड़ा दोनों ने भी दिए थे। दोनों के दिए विश्वास भ्रष्टाचार को समर्पित हो गए। दोनों पर इतने आरोप लगे हैं कि उनका स्पष्टीकरण दे नहीं पाऐंगे।
अभी यहां पर काजल छाबड़ा पर नजर डालें।
पालिका बोर्ड की अध्यक्ष चुनी जाने पर शहर में प्रमुख पांच जगहों पर जीत की खुशी में बड़े बड़े बोर्ड लगवाए। इन पर लिखे गए वाक्य इतने बड़े बड़े थे कि कमजोर से कमजोर नजर वालों को भी दिखाई पड़ जाएं। यही हुआ। जनता खुश हुई। लोग बोर्ड देखते और आश्चर्य प्रगट करते हुए कहते कि बड़ी अच्छी दिलेर औरत अध्यक्ष आई है। भ्रष्टाचारियों का खाया पिया सब निकाल देगी और आगे किसी को खाने नहीं देगी। यह दिलेरी दूसरी तरफ उतर गई। भ्रष्टाचार का काला रंग अधिक प्रभावशाली रहा और काजल राज पर ऐसा चढ़ा है कि उतरने का नाम नहीं ले रहा है। इतनी दिलेरी जरूर हुई है कि जो बोर्ड लगाए गए थे वे उतरवा दिए गए। न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी। बोर्ड देख कर ही तो जनता भ्रष्टाचार हटाने की मांग करती सो बोर्ड ही हटवा दिए। किसी को याद भी नहीं रहेगा कि कोई वादे किए थे और विश्वास दिया था। दोनों हाथ जोड़ कर। बोर्ड की फोटो यहां दी जारही है और जिस स्वर्णिम सूरतगढ़ को देखना चाहते हैं उसकी तस्वीरें इसी अंक में अन्य खबर में देखें कि कैसे बनाया गया है सूरतगढ़ को स्वर्णिम।
जनता के विश्वास और आशीर्वाद के आगे नत मस्तक होने अभिभूत होने की घोषणा की और उसके टुकड़े टुकड़े कर दिए कुछ महीनों में ही।
भ्रष्टाचार के एक नहीं अनेक प्रमाण उजागर हो गए हैं। कुछ तो जाँच के लिए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में दर्ज भी हो गए हैं। नगरपालिका बोर्ड की बैठकों में भ्रष्टाचार को दबाने के लिए पार्षदों की आवाज को दबाने की साफ तस्वीरें हैं। बोर्ड की बैठकों की कार्यवाही की प्रतिलिपियां दी ही नहीं जाती जो कि पार्षदों को दिए जाने के नियम बने हुए हैं। बड़े लोगों के अतिक्रमणों तोडऩे के बजाय उनके व्यावसायिक रूप को अपनी मनमर्जी से मान लिया है। नगरपालिका के नियमों के विपरीत निर्माण करवाए जा रहे हैं। भाजपा के पार्षदों को साथ लेकर विधायक राजेन्द्र भादू ने जो शिकायतें वसुंधरा राजे को करवााई थी। उन फाईलों के अनोखे पंख लग गए हैं और उन पर कार्यवाही किए जाने के बजाय उनको सुशोभित किया जाने लगा है। काजल राज में लोग गैरकानूनी ढ़ंग से मालामाल हो रहे हैं लेकिन राजकोष व पालिका कोष को हर माह लाखों रूपए की हानि हो रही है।
अब कुछ उदाहरण अच्छी व्यवस्था के अच्छे दिन आने के।
1.दो बार दमकल की जरूरत पड़ी और दोनों ही वक्त उसमें पैट्रोल नहीं था।
2.सन सिटी के पीछे एक घर में पानी भर गया। ईओ नहीं थी। उनकी छुट्टियां देखें। वे कितने दिन सूरतगढ़ में रहती हैं। फोन करके तरसेम अरोड़ा को सूचना दी गई। लाचारी की हालत में ईंजन भिजवाया गया। ईंजन नहीं चला। उसमें तेल नहीं था। उसके बाद में खराबी सामने आई कोई पुरजा भी खराब था।
वर्षा के दिनों में कब आफत आ जाए इसलिए ईंजन मोटरें आदि सर समय दुरूस्त रखे जाने चाहिए लेकिन किसी को भी परवाह नहीं। कोई जिम्मेदारी नहीं। पालिकाध्यक्ष का कर्तव्य है कि वर्षा काल में और साधारण समय में भी वार्डों का निरीक्षण करती रहें। लेकिन जब अध्यक्ष को परवाह नहीं हो तब ईओ व अन्य कर्मचारियों को परवाह क्यों होगी।

कांग्रेसी नेता बलराम वर्मा और सावित्री की एफआईआर:जैसी दर्ज कराई:


बरखा पानी की निकासी सही होती तो झगड़ा ही नहीं होता:
- करणीदानसिंह राजपूत -

सूरतगढ़ 19 जून 2016.
नगरपालिका बोर्ड की अनदेखी के कारण इंजिनियरों व ठेकेदारों ने मनमर्जी के लेवल से सड़कों व नालियों को बनाया और घटिया भी बनवाया और अभी भी इसी तरह बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। नालियों से घरों का पानी नहीं बहता और वर्षा का तेज गति का भराव वाला पानी सड़कों के ऊपर से भी नहीं निकल पाता। पूरा शहर नगरपालिका के निकम्मेपन की परेशानी भोगता है। पालिका के अध्यक्ष व ईओ को बाढ़ की हालत में भी शहर को देखने की नैतिकता नहीं होती। 

जिला कलक्टर जिले में बैठके करते हैं नगरपालिकाओं,नगरपरिषद और ग्राम पंचायतों तक को सचेत किया जाता है लेकिन सभी जगह अनदेखी चलती है। पालिका व अन्य के गलत निर्माएा को भी देखा नहीं जाता। अखबारों में छपता हे तो उस पर कोई पाषर्द भी बोलना नहीं चाहता। ऐसी हालत में हर आदमी अपने स्तर पर पानी से बचाव करता है और फिर कभी कभी गरमा गरमी में झगड़े फसाद हो जाते हैं। आपस में झगड़े होते हैं तो पुलिस में मुकद्दमें भी होते हैं। कौन किसे समझाए की हालत होती है जिससे हर कोई बचना चाहता है कि अपने भी लपेटे में न आ जाएं। व्यक्ति दोनों ओर से नेता हों या राजनैतिक दलों के कार्यकर्ता तो और भी विकट स्थिति।
11 जून शाम को भारी वर्षा हुई पानी निकासी की हालत घंटो तक प्रमुख रूप से बाजारों में भी नहीं थी सो मोहल्लों में तो हालत अधिक खराब रही होगी। पानी का झगड़ा हुआ। उस समय कौन कौन लोग पास में थेï और उसमें कौन सच्चा और कौन झूठा? दोनों ओर से प्राथमिकियां दर्ज हो गई जिनका अनुसंधान पुलिस करने में लगी हुई है।
दोनों ओर से एफआईआर दर्ज हुई है जो हूबहू यहां दी जा रही हैं। 


शनिवार, 18 जून 2016

आरोपों में घिरी काजल की अध्यक्षता वास्ते महिला प्रत्याशियों को हरवाया था:


भाजपा का कौनसा नेता यह नहीं जानता:
- करणीदानसिंह राजपूत -
सूरतगढ़। नगरपालिका की अध्यक्ष काजल छाबड़ा के जेठ पालिका के लिपिक राजकुमार छाबड़ा के रिश्वत में गिरफ्तार होने के बाद से भाजपा नेता और पार्टी लगातार सवालों के घेरों में फंसते जा रहे हैं लेकिन किसी एक ने भी अपनी स्वच्छता को घोषित करने की हिम्मत नहीं दिखलाई। नगरपालिका में रिश्वत के आरोप तो काजल के बनने के कुछ दिन बाद ही शुरू हो चुके थे। लेकिन राजकुमार की गिरफ्तारी के बाद और सबूतों की जरूरत ही नहीं रही।

शुक्रवार, 17 जून 2016

सूरतगढ़ नगरपालिका रिश्वत कांड: भाजपा नगरमंडल सवालों के घेर में:


नगरमंडल अध्यक्ष पदाधिकारी व सदस्य पूरी तरह से जिम्मेदार:
विकास के नाम पर पनपाए भ्रष्टाचार से सूरतगढ़ लूटा जाता रहा: नगरपालिका पर आरोप लगते रहे। सभी अनदेखी अनसुनी करते रहे।
ऐसे लापरवाह नगरमंडल की जरूरत क्या है? भाजपा की छवि को और कितनी धूमिल करवाई जाएगी?
- करणीदानसिंंह राजपूत -
सूरतगढ़। नगरपालिका में भाजपा को बोर्ड बनाने का श्रेय संगठन व नेताओं ने लिया था और अब पालिकाध्यक्ष के जेठ पालिका में लिपिक राजकुमार छाबड़ा के एक कार्य के लिए 80 हजार रूपए की रिश्वत में गिरफ्तार हो जाने पर भाजपा नगरमंडल पूरी तरह से जिम्मेदार है जो लगातार लगते रहे आरोपों के बावजूद चुप रहा। किसी एक दिन भी मंडल अध्यक्ष महेशकुमार सेखसरिया ने अपनी जुबान नहीं खोली और पूरे मंडल ने कभी नगर में भ्रमण करके नहीं देखा कि शहर क्या हाल बना कर रख दिया गया है? जब भाजपा बोर्ड बनाने का श्रेय नेता लेते हैं तब पालिका में रोज रोज हो रहे भ्रष्टाचार का दोष भी इन पर थोपा जाना चाहिए। मंडल से जवाब तलब किया जाना चाहिए और भंग कर दिया जाना चाहिए। भ्रष्टाचार का इतना बड़ा सबूत पकड़ में आ गया कि पालिकाध्यक्ष का जेठ पकड़ा गया। भाजपा नेताओं को इससे अधिक और कौनसे सबूत की जरूरत है? नैतिकता का ढिंढोरा पीटते रहने वालों को तो अपने आप ही पद छोड़ देने चाहिए या अभी तक उनको अपने निक्कमेपन का मालम नहीं पड़ा है? या अभी नाक और कटवानी है। कुछ दिन पूर्व जब श्रीगंगानगर में पार्टी की जिला उपाध्यक्ष व पार्षद महिला रिश्वत में पकड़ी गई थी तब मेंने लेख लिखा था कि जिले में नाक कट गई और अब सूरतगढ़ व अनूपगढ़ में कटनी बाकी है। उस लेख में भी नगरमंडल पर सवाल थे कि मिट्टी के माधो अध्यक्ष बिठाए हुए हैं। लो अब सूरतगढ़ में भी नाक कट गई। यक और संगठन है आरएसएस जिसे माना जाता है कि वह भाजपा के नेताओं व जन प्रतिनिधियों पर निगाह रखता है। सूरतगढ़ में जब जब भ्रष्टाचार के समाचार छपे उसने भाजपा संगठन की लापरवाही दूर नहीं की। उसने भी शहर में चल रही लूट पर कभी मौके पर जाकर नहीं देखा।
सूरतगढ़ में जो भ्रष्टाचार का प्रमाण मिला है। वह किसी भी रूप में कम करके नहीं आंका जा सकता। भाजपा नैतिकता के नाम पर इस्तीफे मांगती रही है और अब भी मांगती रहती है जहां पर अन्य सरकारें हैं। उसी नैतिकता के नाम पर मंडल खुद चलता बने तो क्या हर्ज है? देखते हैं कि नगरमंडल अध्यक्ष खुद चला कर कब इस्तीफा देता है? भाजपा संगठन भी कब नगरपालिका अध्यक्ष काजल छाबड़ा से पद छोडऩे का कहता है।


गुरुवार, 16 जून 2016

मजौ आ जावतो जै चेयरमेनणी अर ईओ सागै झल जांवती।






- आ भाई भोळू,गजब रा गोळू....कांई खबरा सबरां है?
-खबरां भाई जी थां पतरकारां खनै होवै। म्हारै खनै खबरां कठै सूं आवे? पण थारै सूं एक बात पूछूं?
-बात तो एक नीं दो पूछ लेई पण तूं हणै उतावळो उतावळो कठै सूं आयो है। तेरो लिलाड़ पसीना पसीना हो रैयो है?
-उतावळो उतावळो आयो हूं। बात ही उतावळे आण बरगी है। जी तो घणो कर्यौ भागतो आऊं पण लारला दिनां आई बरखा सूं भरयो रे पाणी मांय जोरदार फिसल ग्यौ। म्हारो पग नाळी रे मांय चलो गियो। गिट्टो अर पिंडली चीरीजगी। 

सूरतगढ़ पालिकाध्यक्ष व ईओ होटल के गलत निर्माण पर बोलें:


पुराने बस स्टैंड पर बन रहा होटल:छज्जों को बनाये कमरे:
छप रहे समाचारों व फोटो पर चुप्पी: खुला भ्रष्टाचार:
- करणीदानसिंह राजपूत -
सूरतगढ़। नगरपालिका में एक लिपिक राजकुमार छाबड़ा की रिश्वत में गिरफ्तारी पर पालिकाध्यक्ष काजल छाबड़ा व ईओ प्रियंका बुडानिया सवालों के घेरे में फंसी हुई हैं तथा चौथे दिन भी उनका मुंह नहीं खुला है। नगरपालिका में खुले चल रहे भ्रष्टाचार में कनिष्ठ लिपिक 80 हजार की रकम नहीं ले सकता। उसमें किन किन का हिस्सा था।
नगरपालिका में निर्माण कार्यों पर खुला भ्रष्टाचार हो रहा है तथा निर्माण करने वाले को हर प्रकार की छूट दे दी जाती है। पालिका निर्माण की जाँच के लिए अपने किसी इंजीनियर व अन्य स्टाफ को नहीं भेजती।
पुराने बस स्टैंड पर कई दिनों से एक होटल का निर्माण गलत चल रहा है। कानून है कि छज्जों को खुला रखा जाएगा व कमरे नहीं बनाए जाऐंगे लेकिन उक्त होटल में छज्जों को गैर कानूनी रूप से कमरों का रूप दे दिया गया है। यहां पर फोटो दी जा रही है।
नगरपालिका की अध्यक्ष व ईओ प्रियंका बुडानिया इस होटल के गलत निर्माण में किसी रूप में शामिल नहीं है तो होटल का निर्माण बिना किसी विलंब के रोका जाना चाहिए और होटल को नगरपालिका द्वारा सीज किया जाना चाहिए।
इस होटल के गलत निर्माण का समाचार कई अखबारों में छपने के बावजूद अध्यक्ष व ईओ का कोई कार्यवाही नहीं करना अपने आप में प्रमाणित करता है कि नगरपालिका में भ्रष्टाचार खूब पनपा हुआ है और काजल व प्रियंका की शह पर सभी चल रहा है।
प्रतिपक्ष कांग्रेस के पार्षद व पार्टी देखते हैं कि कितने दिन बाद कार्यवाही करते हैं या सदा के लिए चुप ही रहते हैं।
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बुधवार, 15 जून 2016

राजकुमार छाबड़ा रिश्वत पर विधायक राजेन्द्र भादू सवालों के घेरे में:


नगरपालिका अध्यक्ष काजल छाबड़ा को भादू ने अध्यक्ष बनवाया और आजकल ग्रामीण उदघाटनों में भादू के साथ होती है:
भादू के पुत्र अमित भादू पालिका के निर्माण कार्यों पर काजल के पति सुनील के साथ मौजूद होते हैं,क्यों?
- करणीदानसिंंह राजपूत -

सूरतगढ़ 15 जून 2016.
नगरपालिका के लिपिक पालिकाध्यक्ष के जेठ राजकुमार छाबड़ा के 80 हजार श्रपए की रिश्वत लेने में गिरफ्तार होने के बाद से भाजपा के विधायक राजेन्द्रसिंह भादू सवालों के घेरे में है कि वे तीसरे दिन बीत जाने के बावजूद चुप क्यों है? भाजपा का एक वोट बोर्ड के गठन में कम था जो जुगाड़ करके भादू ने ही काजल को अध्यक्ष बनवाया था। नगरपालिका में भ्रष्टाचार के समाचार लगभग छपते रहे लेकिन भादू ने कभी भी भ्रष्टाचार को रूकवाने की कोशिश नहीं की।
आरोपों के घेरे में फंसी पालिकाध्यक्ष काजल छाबड़ा को भादू अपने ग्रामीण उदघाटनों तक में साथ ले जाते रहे हैं। इसलिए वे सवालों के घेरे में हैं और तब तक रहेंगे जब तक अपनी स्थिति का खुलासा नहीं करेंगे। विधायक भादू ने अपने 2 साल के कार्यकाल का ब्यौरा पत्रकारों को दिया उसमें काजल छाबड़ा को भी साथ रखा था।
भादू पर सवाल का घेरा इसलिए भी बना है कि उनका पुत्र अमित भादू नगरपालिका की अध्यक्ष के पति सुनील छाबड़ा के साथ पालिका के कार्यों पर लगभग देखे जाते रहे हैं।
नगरपालिका में भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे और पालिका की बेठक में 25 प्रतिशत कमीशन का आरोप लगा लेकिन भादू ने अपना मुंह नहीं खोला।
विधायक के नाते उनकी ड्यूटी बनती है कि वे अपनी पार्टी को व सरकार को तुरंत ही सारी हालात से वाकिफ करवाते।
पार्टी को उन्होंने क्यों नहीं बतलाया? विधायक बनने के बाद उन्होंने पालिका में कांग्रेस बोर्ड के तीन माह बाकी थे तब मुख्यमंत्री को लिखित में शिकायत करके अध्यक्ष बनवारीलाल को सस्पैंड करवाया था। इस शिकायत में 2 आरोप थे। उक आरोप मनीषा को अतिक्रमण का पट्टा देने का लगाया गया था। आश्चर्य यह है कि जिस प्लॉट को गलत बताया गया व जाँच की मांग की गई। काजल छाबड़ा के कार्यकाल में उसको निरस्त नहीं किया गया बल्कि वहां पर चिकित्सालय बनवा दिया गया।
इसके भी समाचार छपे लेकिन भादू आजतक चुप रहे हैं? आखिर डाक्टर की पत्नी मनीषा के साथ पालिका की क्या ऐसी डील हो गई कि वहां पर चिकित्सालय बनवा दिया गया। निश्चित है कि वह डील ईमानदारी की तो नहीं रही होगी?
अब देखते हैं कि भादू जी आनी जुबान कब खोलते हैं और कब काजल छाबड़ा से त्यागपत्र दिलवाते हैं?
सूरतगढ़ में राजकुमार के पकड़े जाने के बाद से तूफान मचा हुआ है।
अतिक्रमण तोडऩे की मांग कर रही समिति ने 14 जून शाम को विधायक राजेन्द्रसिंह भादू का पुतला जलाया। 15 जून को माकपा ने अध्यक्ष को हटाने की मांग राज्य सरकार से की और ज्ञापन उपखंड अधिकारी के माध्यम से भेजा।
16 जून को कांग्रेस पार्टी की तरफ से पालिका कार्यालय के आगे धरना प्रदर्शन होगा और भादू की भी जम कर आलोचना होगी। भादू को जवाब तो देना ही पड़ेगा क्योंकि वे काजल छाबड़ा को अध्यक्ष बनाने के कारण चपेट में है।



नगरपालिका भ्रष्टाचार में कांग्रेस व पूर्व विधायक गंगाजल मील सवालों के घेरे में हैं:



कांग्रेस बोर्डो में अध्यक्ष इकबाल और अध्यक्ष बनवारीलाल मुकद्मों में फंसे:
ईओ राकेश मेंहदीरत्ता,ईओ पृथ्वीराज जाखड़ व ईओ भंवरलाल सोनी भी भ्रष्टाचार के मुकद्दमों में फंसे हुए हैं।
- करणीदानसिंह राजपूत -

सूरतगढ़।
नगरपालिका में काजल छाबड़ा के भाजपा बोर्ड में भ्रष्टाचार और काजल छाबड़ा के जेठ पालिका में लिपिक राजकुमार छाबड़ा के 80 हजार रूपए की रिश्वत में गिरफ्तारी पर कांग्रेस पार्टी की ओर से नगरपालिका के आगे 16 जून को धरना लगाने की घोषणा के साथ ही पूर्व विधायक गंगाजल मील की अपील जारी हुई है कि उसमें अधिक से अधिक संख्या में पहुंचे।
विपक्षी पार्टी होने के कारण कांग्रेस का यही कदम होना चाहिए लेकिन कांग्रेस व गंगाजल मील दोनों ही इन्हीं मुद्दों पर और उनके बोर्डों के अध्यक्षों इकबाल मोहम्म्द कुरैशी व अध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल के भ्रष्टाचार में दर्ज मुकद्दमों पर सवालों के घेरे में है। अब वे धरना दे रहे हैं लेकिन उनके बोर्डों का कार्यकाल भयानक भ्रष्टाचार में डूबा हुआ रहा था। इकबाल मोहम्म्द कुरैशी पर अपने ही रिश्तेदारों को गलत ढंग से पट्टे देने के आरोप में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में मुकद्दमें हैं। बनवारीलाल मेघवाल तो और अधिक नामी रहे जिन पर भ्रष्टाचार के मुकदद्मों के अलावा एक अनुसूचित जाति की महिला के साथ बलात्कार व यौन शोषण का मुकद्दमा दर्ज है। अदालत में दो बार प्रसंज्ञान लिया जा चुका है और अब बनवारीलाल व आरोपित सिपाही रोहिताश बड़ी अदालत में अपील में गए हुए हैं जहां अपील पुन:विचार की विचाराधीन है।
गंगाजल मील के विधायक काल में बनवारीलाल पालिकाध्यक्ष चुने गए थे। उन पर अदालत के आदेश से मुकद्दमा हुआ और जाँच शुरू होने से पहले ही विधायक गंगाजल मील ने अपने खास कुछ पत्रकारों को बुलाकर पत्रकारवार्ता की और बनवारीलाल को निर्दाेष तक बतला दिया। ईओ पृथ्वीराज जाखड़,भंवरलाल सोनी और राकेश मेंहदीरत्ता तीनों ही भ्रष्टाचार के मुकद्दमों में फंसे हुए हैं। राकेश मेंहदीरत्ता तो बलात्कार व यौनशोषण के मुकद्दमें में भी फंसे हुए हैं।
हालत यह है कि कांग्रेस पहले अपना दामन तो उजला करके दिखलाए।
गंगाजल मील साहेब इसलिए भी सवालों के घेरे में है कि केवल कुछ घंटों का धरना लगाने से क्या होगा? वे विधायक राजेन्द्र भादू पर व काजल छाबड़ा आदि पर सीधे मुकद्दमें दर्ज करवा कर जाँच कराने में पीछे क्यों रह रहे हैं?
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राजकुमार छाबड़ा रिश्वत पर अध्यक्ष व ईओ चुप क्यों हैं?


अस्सी हजार की रिश्वत में किस किस का हिस्सा था?
- करणीदानसिंह राजपूत -
सूरतगढ़, 15 जून 2016.
नगरपालिका सूरतगढ़ के लिपिक राजकुमार छाबड़ा के रिश्वत में पकड़े जाने के बाद से अध्यक्ष और ईओ दोनों के होंठ चिपक गए हैं जैसे मिर्गी में दांत भिंच जाते हैं। अस्सी हजार रूपए की रकम रिश्वत में लिया जाना ही अध्यक्ष व ईओ पर सवाल खड़े करता है। 


सोमवार, 13 जून 2016

राजकुमार छाबड़ा की शैक्षणिक प्रमाणपत्र में कोई गड़बड़ है?


ईओ और अध्यक्ष काजल छाबड़ा दोनों ने ही सूचना नहीं दी:

-स्पेशल न्यूज-
सूरतगढ़ 13 जून 2016.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की छापामारी में रिश्वत में फंसे लिपिक राजकुमार छाबड़ा की शैक्षणिक योग्यता में कोई न कोई गड़बड़ होने की आशंका है, जिसके कारण सूचना के अधिकार में मांगी गई सर्विस फाइल की प्रति ईओ व पालिकाध्यक्ष काजल छाबड़ा उपलब्ध नहीं करा रही है। अगर सविँस रिकार्ड साफ सुथरा है,कोई गड़बड़ नहीं है तो प्रतिलिपि उपलब्ध कराने में रूकावट नहीं होती। क्या यह रूकावट इसलिए की गई कि राजकुमार छाबड़ा रिश्ते में काजल छाबड़ा का जेठ लगता है?


पालिकाध्यक्ष जेठ पालिका में बाबू राजकुमार छाबड़ा रिश्वत में गिरफ्तार:


80 हजार रूपए रिश्वत मनोज कुमार से ली गई:
ठेकेदार राकेश उपनेजा भी गिरफ्तार:बीकानेर एसीबी एडीशनल एसपी पर्वतसिंह ने छापा मारा:
- स्पेशल न्यूज -
सूरतगढ़। नगरपालिका कार्यालय में लिपिक राजकुमार छाबड़ा और एक ठेकेदार राकेश उपनेजा को 80 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की बीकानेर टीम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पर्वतसिंह ने यह गिरफ्तारियां की। 


श्रीगंगानगर के झांकी वाले बालाजी । सब की सुनते है झांकी वाले बाबा

 
प्रस्तुतकर्ता-करणीदानसिंह राजपूत
 कहते है कि भगवान कण-कण में विद्यमान है। जहां देखो, जिस रूप में देखो और जैसे ही सुमिरो, उसी रूप में भक्तों को मिलते हैं। श्रीबालाजी भजन मंडल ने लकड़ी से बनी झांकी में बालाजी को ढूंढ़ा और उन्हें खोज लिया। नाम रख दिया झांकी वाले बालाजी। पुरानी आबादी सिद्ध श्री झांकी वाले बालाजी मंदिर की कुछ ऐसी ही महिमा है।

शुक्रवार, 10 जून 2016

उच्च न्यायालय माॅनिटरिंग कमेटी जोहड़ पायतन मौका स्थल का अध्ययन करेगी।



 हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बीकानेर एवं जैसलमेर जिलों में जोहड़ पायतन भूमियों के मौका स्थल का अध्ययन करेगी। 
सिविल रिट पिटीशन बना राजस्थान राज्य व अन्य के तहत 


राजनीति में कामिनी जिंदल और वसुंधरा राजे का जोरदार मिलन:


मजबूरी जोड़ मजबूरी बराबर नई दोस्ती: आगे जब तक वसुंधरा चाहे:
- करणीदानसिंह राजपूत -
राजनीति में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भाजपा को पटखनी देकर जीती हुई विधायक कामिनी जिंदल का जोरदार मिलन हुआ है। इसे बिना फोटो के ही समझ जाऐं कि जैसे शादी ब्याह में खुशी के खासमखास मौकों पर जैसे गले मिल कर झूमते हुए खुशी का इजहार किया जाता है ठीक उस तरह का गले मिलन हुआ है।
राजस्थान से भाजपा के 4 नेताओं को राज्य सभा के लिए प्रत्याशी बनाया गया है और उनकी जीत को पक्की करने के लिए ऐसा किया गया है। राजनीति में ऐसे समझौते या दोस्ती चाहे किसी भी मजबूरी में किए जाते हों लेकिन उनको कभी भी दोनों ओर से मजबूरी नहीं कहा जाता। यह राजनैतिक दलों व उनके नेताओं की सूझबूझ होती है। कोई कितनी ही गालियां निकाल चुका हो जब गले मिलते हैं तो ऐसे मिलते हैं कि लोग ठगे से रह जाते हैं।
श्रीगंगानरगर के वोटरों ने कामिनी जिंदल को इसलिए जिताया कि वे न तो भाजपा को वोट देना चाहते थे और न अपना वोट कांग्रेस को देना चाहते थे।
इसलिए उन्होंने जमींदारा पार्टी की प्रत्याशी कामिनी जिंदल को चुना। वे वोटर अब ठगा सा अनुभव करते ही होंगे जिन्होंने कामिनी जिंदल को चुना। खासकर उन वोटरों की हालत का अंदाजा लगाया जाना चाहिए जिन्होंने भाजपा के होते हुए भाजपा को ठुकराया और कामिनी जिंदल को साथ दिया। वे वोटर न घर के रहे न घाट के रहे। अपने पुराने वर्षों वर्षों के साथियों को छोड़ा। उनकी पुराने दोस्तों से चुनाव में बातें भी हुई होंगी तकरार भी हुई होगी। वे वोटर माने या न माने लज्जा का अनुभव तो करेंगे ही। कोई जोरदार ढंग से कुचरेगा तब कह देंगे कि राजनीति में किसका भरोसा करें किसका भरोसा नहीं करें। कामिनी जिंदल भरोसे वाली नहीं निकली तो अब करें भी क्या? कामिनी जिंदल ने जीत से पहले और बाद में भी वोटरों को जो भरोसा दिया वह भरोसा अब राज की मालिक वसुंधरा राजे को दे दिया।
एक बात है भारतीय वोटर को बहुत समझदार माना जाता है लेकिन समझदारी क्या करे? यह हालत लगभग सभी राजनैतिक पार्टियां जरूरत के समय जिसे मजबूरी का समय भी कह सकते हैं,करती रही है।
अभी तो दोनों की मजबूरी हो सकती है लेकिन राज्य सभा के चुनाव संपन्न होने के बाद मजबूरी केवल कामिनी जिंदल की रहेगी। वसुंधरा राजे की कोई मजबूरी नहीं रहेगी। वसुंधरा राजे की जो पद्धति रही है उसके अनुसार तो उनके पास में वक्त भी नहीं होता। दोनों के बीच क्या अलिखित समझौता हुआ है। उदोनो ही जानती हैं और यदि दोस्ती आगे नहीं चली तब कामिनी जिंदल कैसे बताऐगी?
जनता के सामने जो विचार हैं उनमें कामिनी के पिता बीडी अग्रवाल का मुकद्दमा भी प्रमुख वजह हो सकता है जिसके कारण कामिनी जिंदल ने वसुंधरा का सहारा लेना उचित समझा हो।
अभी तो कोई सटीक बात कही नहीं जा सकती केवल अनुमान लगाते रहें जो जिसके दिमाग में आए।
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गुरुवार, 9 जून 2016

गुरूशरण छाबड़ा जयंती पर पूजा छाबड़ा ने शराबबंदी का संकल्प कराया:


शराब बंदी आंदोलन के अग्रदूत स्व. गुरशरण छाबड़ा जी की जयंती 9 जून 2016 पर नशा मुक्ति का संकल्प
सूरतगढ़, 9 जून।   
 राजस्थान में संपूर्ण शराबबंदी के अनशन में शहीद हुए पूर्व विधायक  गुरूशरण छाबड़ा जी कि 70 वीं जयंती  सूरतगढ मे  छाबड़ा चौक पर मनाई गइ जिसमें वक्ताओं ने शराबबंदी आंदोलन को सक्ति से चलाने का संकल्प लिया और स्वर्गीय छाबड़ा को श्रद्धांजलि अर्पित की। छाबड़ा के प्राणत्याग के बाद में आमरणअनशन पर बैठ आंदोलन को गति देने वाली छाबड़ा की पुत्रवधु पूजा छाबड़ा इस अवसर पर मौजूद थी। पूजा छाबड़ा ने शराबबंदी का आह्वान करते हुए बताया कि राजस्थान में यह आंदोलन लगातार चल रहा है तथा लोगों का व्यापक समर्थन ीाी मिल रहा है। नाारी उतथान केन्द्र की अध्यक्ष एवं पार्षद श्रीमती राजेश सिडाना,श्याम मोदी सहित अनेक लोगों ने छाबड़ा के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किए।
इस कार्यक्रम में बसपा नेता डूंगरराम गेदर ने कहा कि शराब बंदी आन्दोलन के लिऐ शहिद हुए छाबड़ा जी के सपने को पूरा करना सूरतगढ के लोगों की जिम्मेदारी बनती है। श्रवण सिंगाठिया ने कहा नशे से दूर रहकर युवा  इस आन्दोलन को गति देने का काम करे। इस अवसर पर  श्रवण सिंगाठिया ने पूरे प्रदेश में चल रहे आन्दोलन की जानकारी दी। पवन सोनी ने कहा कि शराब बंदी से समाज मे नैतिक पतन रूकेगा । महिला नेता हरबक्सकौर ने कहा शराब बंदी से घरेलू हिंसा रूकेगी। राजेन्द्र मुदग्गल,पूर्व डायेरेक्टर हंसराज भाट, बसपा कार्यकर्ता लेखराम नायक, ईमीचन्द मेघवाल,वेदप्रकास,रामेश्वर भोभरिया,पृथ्वी मेघवाल,किसन पारीक,वकील दीपक शर्मा,वकील विष्णु शर्मा,राजपाल वर्मा,दीपक टाक,बलराज मेघवाल,पूनम सोनी,कृष्णा भाटिया आदि ने आन्दोलन तेज करने,शराब मुक्ति और प्रदेश से शराब का नामो निशान मिटाने का संकल्प लिया। 


जस्टिस फाॅर छाबड़ा जी शराब बंदी आंदोलन-गुरशरण छाबड़ा जयंती 9 जून 2016

शराब बंदी आंदोलन के अग्रदूत स्व. श्री गुरशरण जी छाबड़ा जी की जयंती 9 जून 2016 पर युवा का  नशा मुक्ति का संकल्प ।

      जस्टिस फाॅर छाबड़ा जी शराब बंदी आंदोलन की संयोजक  पूनम अंकुर छाबड़ा (पुत्रवधु स्व. श्री गुरशरण जी छाबड़ा ) के निर्देशानुसार   गुरुवार को  गुरूशरण छाबड़ा जी कि 70वीं जयंती  सुरतगढ मे  छाबड़ा चौक पर मनाई गई  11 बजे आयोजित कार्यक्रम मे  मुख्य वक्ता बसपा नेता डूंगरराम गेदर ने कहा कि शराब बंदी आन्दोलन के लिऐ शहिद हुऐ छाबड़ा जी के सपने को पूरा करना सुरतगढ के लोगो की जिम्मेदारी बनती है   श्रवण सिंगाठिया ने कहा नशे से दूर रहकर युवा  ईस आन्दोलन को गति देने का काम करे    ईस अवसर पर  श्रवण सिंगाठिया ने  पूरे प्रदेश भर  चल रहे आन्दोलन की जानकारी दी  

रविवार, 5 जून 2016

थर्मल का कोयला पानी रोकना इन नेताओं की ताकत नहीं:


नेताओं को टकराव का रास्ता टालना उचित:
अभी तक शासन प्रशासन ने जो भी कदम उठाए हैं वे टकराव को टालने वाले ही रहे हैं:
ऐटा सिंगरासर माईनर आँदोलन:
- करणीदानसिंह राजपूत -
सूरतगढ़। सत्ता से बाहर वाले दल कांग्रेस,बसपा,माकपा,शिव सेना,जमींदारा पार्टी के नेताओं के भाषणों से कोई भी घोषणा व चेतावनी पूरी नहीं हो पाई। घेराव और रास्ता जाम नहीं कर पाए तब बहुत ताकत वाली घोषणाएं कि थर्मल को कोयला पहुंचाने वाली रेल पटरी को रोक देंगे और थर्मल को पानी पहुंचना रोक देंगे जैसी घोषणाएं पूरी करना आसान नहीं। इन घोषणाओं से धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों में घंटे दो घंटे का जोश तो पैदा किया जा सकता है लेकिन जहां पूरी करने की बात आती है वहां पर लोग बहुत सोच विचार कर कदम उठाते हैं कि नेता खुद सबसे आगे खड़ा है या नहीं है? अभी ऐसी स्थिति दिखाई नहीं पड़ी है कि नेता खुद रेल पटरी व पानी रोकने के लिए सबसे आगे खड़े होंगे।
पहले के नेता खुद पहले आगे बढ़ते थे और लोगों को साथ लगने का आह्वान करते थे। अब जो बदलाव हुआ है उसे समझना जरूरी है। अब नेता यह नहीं कहते कि मैं आगे चलूंगा जो कुछ होगा पहले मेरे साथ होगा। अब नेता कहते हैं कि हम किसान के साथ हैं वह जो कदम उठाऐंगे उसमें साथ देंगे।
रेल पटरी रोकने पानी रोकने के मामले में एक महत्वपूर्ण बात रखी थी कि नेताओं के नामों सहित पहली दूसरी तीसरी पंक्ति की सूचियां बनाई जाए और उनको सार्वजनिक किया जाए ताकि बाद में कोई नेता और कार्यकर्ता किसी प्रकार का बहाना बना कर दूर रहने का प्रयास नहीं कर पाए। ईमानदारी से यह काम होता तो पक्का विश्वास होता लेकिन सभी भाषण दे रहे हैं और चाहते हैं कि उनके आह्वान पर किसान आगे हो जाएं। क्या इतने नेताओं में अपना नाम पहली पंक्ति में लिखने की ताकत नहीं है। कांग्रेस ने गांधीवादी तरीके से शांतिपूर्ण तरीके से आँदोलन में साथ की घोषणा की हुई है। उसने भी अभी तक घोषणा नहीं की कि वह रेल रोकने पानी रोकने जैसे जबरदस्ती वाले कदमों में साथ रहेगी। कांग्रेस के नेता पूरी तरह से चुप हैं। शासन प्रशासन इतनी अहम परियोजना का कोयला पानी किसी भी दशा में बंद नहीं करने देगी। दोनों कदमों में नेताओं व कार्यकर्ताओं के जोश से सुरक्षा बलों से किसी भी समय टकराव होने का खतरा रहेगा और अगर टकराव हुआ तो सुरक्षा बलों का बल प्रयोग भी निश्चित होगा। टकराव में अचानक हिंसा हो जाती है। वैसे तो जबरन रोकना का कदम भी हिंसात्मक की श्रेणी में आता है इसलिए कांग्रेस के स्थानीय मौजूदा नेताओं पूर्व विधायक गंगाजल मील और पृथ्वीराज मील के द्वारा साफ किया जाना चाहिए कि वे और पार्टी कहां होगी? अभी तक इन्होंने असमंजस क्यों बनाया हुआ है? अगर वे इन कदमों में साथ हैं तो गांधीवादी तरीके वाली घोषणा क्यों की हुई है? वैसे अन्य पार्टियों के सूरतगढ़ के नेता हैं उन्होंने कभी इस प्रकार का शक्ति प्रदर्शन सूरतगढ़ में तो किया नहीं इसलिए लगता नहीं कि वे भाषणों से कहीं आगे बढ़ेंगे। 

ये चेतावनियां 12 जून के लिए दी हुई हैं जिसमें अभी समय है और सुलह का कोई कदम उठाना पीछे हटना और हारना नहीं होता। जहां तक माइनर की मांग है उसकी घोषणा बिना सोचे समझे किसी भी हालत में नहीं की जा सकती जैसी मांग की जा रही है। सरकारी कदम कहें या प्रशासन के कदम कहें अब तक की कार्यवाही टकराव को टालने की रही है जिस पर भी गौर करना चाहिए। विधायक राजेन्द्रसिंह भादू ठुकराना पड़ाव में अभी फिर पहुंचे और बात रखी व सरकारी प्रयास जो हो रहे हैं उसकी जानकारी दी। विधायक का यही प्रयास हो सकता है जो निभाया गया है। आँदोलनकारियों को जंचना न जंचना अलग बात है जो सभी विपक्ष के नेताओं से संचालित हो रहा है।
यहां पर टकराव को टाला जाना ही उचित है।
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शनिवार, 4 जून 2016

गुरूद्वारा बुढ्ढाजोहड़ को पर्यटन के रूप में विकसित किया जायेगा



श्रीगंगानगर, 3 जून2016.
अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री जसबीर सिंह ने कहा कि गुरूद्वारा बुढ्ढाजोहड़ को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जायेगा, इसके लिये धरोहर सरंक्षण समिति के अध्यक्ष श्री ओंकार सिंह लखावत का दौरा करवाया जायेगा।
सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय

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