बुधवार, 14 अक्तूबर 2015

गोपसिंह का राम रोल रेलवे रामलीला की जान होता था:


भरत मिलाप और लक्ष्मण मूर्छा में राम के अभिनय पर पंडाल रो पड़ता था:
- करणीदानसिंह राजपूत -
सूरतगढ़,14 अक्टूबर 2015.
रेलवे रामलीला की शुरूआत हुए करीब 45 साल हो गए हैं। पुराने लोको के पास में हर साल राम लीला का मंचन होता है।
शुरूआत के सालों में गोपसिंह और प्रेमसिंह दोनों सग्गे भाई राम व लक्ष्मण का रोल निभाया करते थे। दोनों का अभिनय ऐसा होता कि लोगों में दिन रात चर्चा होती थी। घर की खिड़की में से बच्चे सारे दिन कमरे में झांकते रहते थे राम को लक्ष्मण को देखने को।
भरत मिलाप और लक्ष्मण मूर्छा के अभिनय में राम का मिलन और विलाप देख कर पंडाल में उपस्थित नर नारी रो पड़ते थे।
इन दोनों छोटे भाईयों का अभिनय देखने का अवसर बहुत मिला। लोगों की सराहना भरे वाक्य सुन सुन कर प्रसन्न होता था।
रेलवे में अभी भी रामलीला होती है।
प्रेमसिंह सूर्यवंशी प्रमुख उदघोषक मंच संयोजक के रूप में उपस्थित होते हैं।
राम लक्ष्मण का रोल कई साल पहले अन्य कलाकार प्रस्तुत करने लगे थे।
गोपसिंह सूर्यवंशी आपातकाल 1975 में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून में बंदी रहे। पार्षद चुने गए। अनेक सामाजिक कार्य और संघर्षों में जूझते हुए दिनांक 15-12-2014 को संसार से विदा हो गए। 


यहां पर रामलीला का एक चित्र प्रस्तुत है जिसमें बीच में गोपसिंह है।

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