* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ 4 सितंबर 2024.
लोक सेवक पार्षद होते हुए नगर पालिका की संपत्ति की रक्षा करना कर्तव्य होते हुए फर्जी दस्तावेज के आधार पर फर्जी गवाही के आधार पर नगर पालिका संपत्ति का दो बार गलत सत्य प्रस्तुत कर अलग अलग समय पर 2 पट्टे बना लिए गये।
👍 इस घोटाले के आरोप में गीता देवी पत्नी मोहनलाल वार्ड नंबर 9, अंतराम पुत्र मोहनलाल वार्ड नंबर 9, पवन पुत्र मोहनलाल वार्ड नंबर 9, ममता रानी पत्नी पवन कुमार, कौशल्या देवी पत्नी अंतराम, कृष्ण लाल पुत्र राम प्रताप वार्ड नंबर 4, राकेश कुमार पुत्र मदन सिंह वार्ड नंबर 4, राकेश कुमार पुत्र अने सिंह वार्ड नंबर 4,ओम प्रकाश पुत्र अमी लाल वार्ड नंबर 9,महेंद्र कुमार पुत्र रामप्रताप वार्ड नंबर 9 के खिलाफ अदालत के आदेश से सूरतगढ़ पुलिस स्टेशन में 3 सितंबर 2024 को मुकदमा नं 434 दर्ज हुआ है। भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत यह मुकदमा अशोक कुमार पुत्र सुरेश चंद्र वार्ड नंबर 9 की शिकायत पर अदालत के आदेश से हुआ है।
👌 आरोप लगाया गया है कि मोहनलाल गीता देवी ने 2012 में दो गवाहों के प्रमाणीकरण के आधार पर 2014 में एक आवेदन किया।दो गवाह राकेश कुमार पुत्र मदन सिंह और अने सिंह थे।उम्र इसमें गवाह की 34 वर्ष दिखाई गई और आवेदन में बताया गया की 25 वर्ष से मैं जानता हूं। इस पट्टे के लिए राशन कार्ड इस्तेमाल हुआ उसमें पता रामदेव रोड का था और असल में प्लाट दूसरे स्थान पर था। सन् 2012 को शपथ पत्र दिया कि कोई और कब्जा नहीं है और इसमें 4 वर्ष पुराना यानी 15 अक्टूबर 2009 का स्टाम्प इस्तेमाल किया गया। इसमें आश्चर्यजनक रहा की अपने घर की सीमा दिखाई उसमें एक तरफ अपने पुत्र अंत राम का मकान दिखाया। यह स्पष्ट फर्जी वाड़ा था।इसमें और भी गड़बड़ी हुई कि मोहनलाल ने दिखाया कि 1976 से वह इस स्थान पर कब्जा धारी है और मोहनलाल ने अपनी उम्र 1961 की बताई। आश्चर्य जनक रूप से क्या 15 वर्ष की उम्र में ही वहां कब्जा कर लिया था। इससे भी बड़ा आश्चर्य यह है कि उस वक्त मोहनलाल अपने परिवार मनीराम पिता जैसा राम के साथ ढींगावाली गांव में रहता था और उसने अपना कब्जा सूरतगढ़ में बताया था। उस समय नगर पालिका ने मोहनलाल गीता देवी के नाम से पट्टा संख्या 1015 जारी कर दिया।
👍 इस पट्टे के बाद में एक पुराना कब्जा इंदिरा सर्किल पर बताते हुए आवेदन किया।
पुराना राशन कार्ड रामदेव रोड वाला इस्तेमाल किया। वह राशनकार्ड दो आवेदनों में इस्तेमाल किया। नेशनल हाईवे नंबर वर्तमान 62 पर दुकानों के बीच के अंदर एक आवासीय प्लाट का पट्टा बनवाया।यह पट्टा संख्या 35 कुल 450 वर्ग फुट का बनाया गया। एडवोकेट विष्णु शर्मा ने बताया कि लोकसेवक द्वारा नगरपालिका कोष को हानि पहुंचाई गयी।
नगर पालिका में एक पट्टा लेने के बाद दूसरा पट्टा लेने का कोई नियम नहीं है लेकिन यहां लोक सेवक होते हुए पहला पट्टा धोखाधड़ी कर लिया और दूसरा पट्टा फिर धोखाधड़ी कर लिया। ०0०
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