बुधवार, 19 जून 2024

बसंत बिहार में भूमि घोटाला। सार्वजनिक उपभोग की भूमि का व्यावसायिक पट्टा और कब्जा.

 


* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 2024.

बसंत विहार कॉलोनी में सार्वजनिक उपभोग के लिए बताई गई जमीन पर व्यावसायिक रूप में पट्टा जारी होने और उस पर अचानक टिन लगाकर अस्थाई रूप जैसा निर्माण कर कब्जा करने से कॉलोनी वासियों में रोष उत्पन्न हो रहा है। आज उपखंड अधिकारी सीता शर्मा और नगर पालिका की अधिशासी अधिकारी पूजा शर्मा को इस बाबत मांग पत्र दिया गया है कि सार्वजनिक उपभोग के लिए रखी गई जमीन को कब्जा मुक्त कराया जाए और जांच की जाय। मामला बड़ा पेचीदा है और इसे बड़ा घोटाला बताया जा रहा है कि सही होता तो अचानक टिन दीवार और रात को लगाने का काम क्यों किया गया।



👍आरोप लगाया जा रहा है कि नगर पालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कलवा  और ईओ पवन कुमार चौधरी के हस्ताक्षर से फ्री होल्ड व्यवसायिक पट्टा जारी हुआ और उसकी रजिस्ट्री 23 फरवरी 2024 को हुई।

वसंत विहार कॉलोनी 2005 में स्थापित हुई थी उसे समय प्लॉट भूखंड खरीदारों को यही बताया गया और नक्शा था कि उक्त स्थान पब्लिक यूटिलिटी के लिए है। यह स्थान 2005 के बाद 2024 तक खाली पड़ा रहा और उसमें झाड़ कचरा आदि उगते रहे। कॉलोनी वासियों ने चार दिन पहले इस स्थान पर सामुदायिक भवन मंदिर का निर्माण करने का निर्णय किया। चंदा भी बोल दिया गया। तब अगले दिन अचानक इस स्थान के ऊपर कचरा साफ किया गया और  देर रात तक टिन लगाकर जल्दबाजी में इस स्थान को कब्जे किया गया।

 * कॉलोनी वासियों में इस बात को लेकर रोष हुआ और मामला गंभीर मांगते हुए प्रशासन को सूचना दी गई। 

👍 बहुत आश्चर्य जनक है कि यह फाइल 2019 से चली और 2024  में 23 फरवरी को व्यवसायिक इनफॉरमल सेक्टर के रूप में फ्री होल्ड पट्टे का पंजीयन किया गया। 

कॉलोनी वासियों में रोष है कि यह कॉलोनी कोलोनाईजर  सुखवंत सिंह चावला की ओर से बनाई गई थी और नगर पालिका को सौंप दी गई थी। 

👍अब इनफॉरमल सेक्टर के नाम से फ्री होल्ड पट्टे की  जो रजिस्ट्री हुई है उसमें सुखवंत सिंह चावला पुत्र हरप्रीत सिंह,संदीप डांग पुत्र केवल कृष्ण, रमनदीप चुघ पुत्र राधेश्याम चुघ और  विपुल गुप्ता पुत्र राकेश गुप्ता के नाम से यह पंजीयन हुआ। 

*यह भूमि 9350 वर्ग फुट अर्थात 1868. 95 वर्ग मीटर है जिस पर से कब्जा मुक्त करने के लिए प्रशासन को लिखा गया है। अभी उजागर हुए कुछ दस्तावेज हैं अधिकृत कालोनी वासी प्राप्त करेंगे।





*जिन लोगों ने इस पर कब्जा किया उन्होंने कॉलोनी वासियों को चुनौती दी कि हमारे पास सब कुछ रजिस्ट्री आदि है। 

👍 कुछ लोगों ने आरोप लगाया है कि नगर पालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कलवा 20 फरवरी 2024 को सस्पेंशन से बहाल हुआ और 22 फरवरी को हस्ताक्षर किए। उसी दिन कुछ अन्य फाईलों के साथ यह फाईल भी सब रजिस्ट्रार कार्यालय को भेज दी गई जहां 23 फरवरी को इसकी रजिस्ट्री हुई।






👍ओमप्रकाश कालवा जयपुर में है और उनसे जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि मैंने 2 दिसंबर 2019 को कार्यभार ग्रहण किया। उक्त जमीन कब इन्फोरमल रूप में हुई? मेरे सामने तो फाईल इन्फोरमल रूप में ही आई होगी। भूमि का यह परिवर्तन स्वायत्त शासन विभाग का उपनिदेशक स्तर का अधिकारी ही कर सकता है। स्थानीय स्तर पर संभव नहीं तथा अभी बिना फाईल देखे कुछ कहा नहीं जा सकता कि यह कार्य कब किसके द्वारा किया गया।

👍अधिशासी अधिकारी पूजा शर्मा ने कालोनी वासियों के प्रतिनिधियों को कहा है कि  20 जून 2024 को बसंत बिहार और आनंद बिहार दोनों की फाईल प्रतियां उपलब्ध करा देंगी। सार्वजनिक उपभोग के लिए रखी गई जमीन को इन्फोरमल सेक्टर व्यावसायिक रूप में कब रूपांतरण हुआ। यह जांच से ही सामने आ सकेगा कि इस गड़बड़ी में कौन अधिकारी आदि ने यह कार्य किया? जमीन करीब चार पांच करोड़ की बताई जा रही है।

👍लोगों के रोष और जांच की मांग को देखते हुए यहां शीघ्र ही कोई भी व्यावसायिक निर्माण करना संभव नहीं लगता।०0०








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