बुधवार, 18 जनवरी 2023

पालिका अध्यक्ष को हटाना बहुत आसान. पीछे हटते हैं फुस्स नेता व पार्षद




* करणीदानसिंह राजपूत *

राजस्थान नगर पालिका नियमों में परिवर्तन के बाद किसी भी चेयरमैन वाइस चेयरमैन को अविश्वास प्रस्ताव से हटाना आसान है। आरोप लगाने वाले नेता पार्षद और विरोधी पहले सौगंध संकल्प लेकर  मौखिक आरोप और सोशल साइट्स पर आरोप लगाने के बजाय लिखित तथ्यात्मक शिकायत सरकार को संबंधित अधिकारी के पास करें। यह मेहनत तो कर ही सकते हैं और यह नहीं करते हैं तो समझलें कि फालतू की फुस्स होने वाली हवा बनाते हैं। ऐसे फुस्स नेता हर जगह हैं।


चेयरमैन और वाइस चैयरमैन भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद भी पद पर बने हुए रहते हैं तो यह उनकी कोई खूबी/योग्यता  नहीं है,बल्कि आरोप लगाने वालों के सही कदम नहीं उठाने के कारण यह स्थिति होती है।


 * अविश्वास प्रस्ताव लाने के  नियम के अनुसार अब चेयरमैन वाइस चेयरमैन को हटाने के लिए कुल पार्षद संख्या का तीन चौथाई हिस्सा चाहिए। यदि हवाई बातें न करें और हटाने के लिए मेहनत करें आगे बढ कर काम करें तो मुश्किल कुछ भी नहीं होता। जो कहें कि यह तो बहुत मुश्किल है तो उनको अपने घरों में बैठना चाहिए तथा हवाई राजनीति नहीं करनी चाहिए।

👍 उदाहरण एक नगर पालिका का ही लें जिसमें कुल 45 वार्ड हैं। इन 45 पार्षद जिसमें एक चेयरमैन और एक वाइस चेयरमैन है।चेयरमैन या वाइस चेयरमैन के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए तीन चौथाई मत चाहिए। कम से कम 35 वोट की आवश्यकता होती है। इतने पार्षद एकत्रित होना या करना मुश्किल नहीं है। श्री बिजयनगर नगरपालिका का उदाहरण है जहां उपाध्यक्ष को हटाया गया है। वहां कोई मुश्किल नहीं हुई। पार्षदों की एकता हुई और सफलता मिल गई।

* भ्रष्टाचार के आरोप तथ्यात्मक प्रमाणित हैं तो स्वायत शासन विभाग में शिकायत करने से अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को निलंबित करवाया जा सकता है। यहां भी कार्यवाही तभी संभव हो सकती है कि पूरी मेहनत से शिकायत हो। 

** सच्चाई यह होती है कि पार्षद और नेताओं को नगरपालिका के नियमों का ही मालुम नहीं होता तथा नियमों की पुस्तक कोई पढना नहीं चाहते। 

*** नेता अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पर आरोप तो लगाते हैं मगर अपनी पार्षद मां,दादी,चाची,पत्नी बेटी को नगरपालिका बैठक में बोलने की छूट नहीं देते। वे बैठकों में चुप रहती हैं। अगर वे बोलने के लायक ही नहीं हैं तो पहले तो उनसे ही पार्षद पद से त्याग पत्र दिलवाना चाहिए। अध्यक्ष उपाध्यक्ष कोई नियमविरुद्ध कार्य करते हैं तो ऐसे न बोलने वाले पार्षदों के कारण ही करते हैं। नगरपालिका में यदि भ्रष्टाचार होता है तो एक बड़ा कारण यही है कि वे लोग चुन कर भेज दिए जाते हैं जो पार्षद के लायक ही नहीं होते। 


* अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को यह पत्थर पर लिखा पक्का मान कर भी नहीं चलना चाहिए कि उनको कोई हटा नहीं सकता या भ्रष्टाचार में निलंबित नहीं करवा सकता।

 ** कभी कभी आनबान शान की लड़ाई में हाथ धोकर पीछे पड़े लोग विभिन्न तौर तरीके षड़यंत्र आदि से या प्रेरित करके अविश्वास वाली संख्या पूरी भी कर लेते हैं। यह संख्या नहीं हो तो भ्रष्टाचार, नियम विरुद्ध कार्य,बैठकें न करना, समितियों का गठन नहीं करना आदि से निलंबित तो करवा ही देते हैं।


एक कहावत है।


" कदैई कदैई गादड़ा सूं सिंघ हार जावै,


बख्त को भरोसो कोनी कद पलटी मार जावै।०0०

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(राजपूत /वधू चाहिए)

अविवाहित बैस राजपूत 48 वर्षीय हैंडसम हनुमानगढ़ में डेकोरेशन व्यवसायी. हनुमानगढ़ गंगानगर जिले में सामान्य परिवार की लड़की को प्राथमिकता।संपर्क 94 143 81356.
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