मंगलवार, 5 अप्रैल 2022

आपातकाल के लोकतंत्र सेनानियों को भूली भाजपा. मनाएगी स्थापना दिवस

 

👍 आपातकाल लोकतंत्र सेनानियों को भूल जाने वाली भारतीय जनता पार्टी 6 अप्रैल  2022 को अपना बैयालीसवां स्थापना दिवस मनाएगी।

*  यह कड़वा सच है कि 1980 में 6 अप्रैल को स्थापित इस पार्टी में एक भी सत्ताधारी और संगठन पदाधिकारी ऐसा नहीं है जो लोकतंत्र सेनानियों की आवाज बन सके।

* अपने बुजुर्गों को साथ लेकर चलने के बजाय सम्मान देने के बजाय उनको तिरस्कार करते रहने की घटनाएं होती रही है। सारा देश देखता भी रहा है। बुजुर्गों का आपातकाल लोकतंत्र सेनानियों का तिरस्कार स्थानीय स्तर से लेकर प्रधानमंत्री स्तर तक होता रहा है।


**आपातकाल लोकतंत्र सेनानियों की तरफ देखने का भी समय भाजपा नेताओं के पास नहीं है। सत्ता का बहुत बड़ा घमंड इसलिए है कि सामने प्रतिपक्ष शून्य जैसा है।

*आपातकाल के विरोधी, देश को बचाने वाले,संविधान को बचाने वाले,लोकतंत्र को बचाने और अपना सब कुछ खो देने वाले,जेलों में जाने वाले सेनानियों को सम्मानित करने की बात तक नहीं होती। 

*6 अप्रैल को जब देशभर में भारतीय जनता पार्टी अपना स्थापना दिवस मना रही होगी तब मंचों पर केवल भाजपा के सत्ताधारी नेता और संगठन के पदाधिकारी होंगे। मंचों पर आपातकाल लोकतंत्र सेनानी नहीं होंगे। भाजपा का ध्वज फहराने वालों में लोकतंत्र सेनानी आमंत्रित नहीं होंगे।

* यह कटु सत्य इसलिए लिख रहा हूं कि निरंतर ऐसा देख रहा हूं और हर स्थान पर लोकतंत्र सेनानी यह व्यवहार भोग रहे हैं। कोई पूछ नहीं है।

* भारतीय जनता पार्टी व्यवहार और संस्कार वाली पार्टी अपने आप को कहती है लेकिन अपने से बड़ों का सम्मान नहीं करना उनका आदर नहीं करना उनको याद नहीं करना यह कौन से संस्कारों में आता है। 

* बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद इसलिए लिया जाता है कि जीवन में सफलता मिलती रहे। पार्टी के नाम में भारतीय है लेकिन व्यवहार में भारतीयता नहीं है।


* आपातकाल लोकतंत्र सेनानियों की ओर से सम्मान की मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र जी मोदी से की गई। गृहमंत्री वर्तमान अमित शाह से भी कीथ गई।भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा जी से भी की गई लेकिन एक भी कार्यालय से उत्तर प्राप्त नहीं हुआ।किसी एक नेता ने भी व्यक्तिगत रूप से भी पत्र का उत्तर नहीं दिया। यह है संस्कार नीति।

* आपातकाल के लोकतंत्र सेनानियों की उम्र 65- 70 साल से ऊपर 90 - 95 साल तक है। इन बुजुर्गों का हर कदम पर हर समारोह में सम्मान होना चाहिए लेकिन कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस पर भी सेनानियों को याद नहीं किया गया है।


इसे बहुत बड़ी कमी या गलती माने और क्षमा मांग सुधारा जाना चाहिए। लेकिन जिस तरह का व्यवहार पिछले सालों से मैं देख रहा हूं मुझे लगता नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी के अहंकारी नेता लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान करने के लिए आगे आएंगे और अपनी गलती सुधार लेंगे।

लोकतंत्र सेनानियों का भारत सरकार की ओर से सम्मान किया जाना चाहिए इसके लिए पार्टी में क्या दो चार भी ऐसे व्यक्ति नहीं है जो अपने पदों का मोह छोड़कर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को स्पष्ट रूप से कहते हुए लोकतंत्र सेनानियों के साथ खड़े हो जाएं। 

अभी सत्ता मोह पद मोह है। ईश्वरीय विधान में कभी सत्ता नहीं रहेगी तब क्या होगा? 

भाजपा ऐतिहासिक गलती कर रही है। संघ लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान देने में किसी भी प्रकार से मना कर रहा है तो वह भाजपा का भविष्य खराब कर रहा है। 

दि. 5 अप्रैल 2022.

करणीदानसिंह राजपूत,

पत्रकार,

आपातकाल जेलबंदी,

सूरतगढ़ ( राजस्थान)

94143 81356.

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