गैंगस्टर अंकित भादू इनकाउंटर में मारा गया:पंजाब पुलिस से इनकाउंटर
*उसके 2 साथियों को पकड़ने की खबर है*अंकित भादू के दो साथी किंदा काणा और जरमजीत गिरफ्तार किये। लॉरेंस बिश्नोई गैंग के 3 गैंगस्टर पीर मुशल्ला के महालक्ष्मी अपार्टमेंट्स में थे मौजूद।पूरे पीर मुशाल्ला इलाके को पुलिस ने चारों तरफ से घेरा और किया सील। करीब4 महीने से रह रहे थे। अंकित भादू और उनके साथी रात को शराब पीकर हुल्लड़बाजी करते थे जिसको लेकर आसपास के लोगों ने पुलिस को शिकायत भी की थी परन्तु पुलिस ने कोई ध्यान नहीं दिया। अंकित भादू ने मकान के पीछे से भागने की कोशिश की और पड़ोस की एक की लड़की को अगुआ कर लिया ताकि उसकी आड़ में बच निकले परन्तु पुलिस ने बच्ची को बचाते हुए गोली मारी।
चंडीगढ़ के समीप जीरकपुर में पीर मुछला में अंकित और पंजाब की संगठित अपराध सेल के बीच मुठभेड़ हुई थी। जिसमें पुलिस ने पीरमुछला को चारों तरफ से घेर लिया। इसके बाद पुलिस और बदमाशों के बीच फायरिंग हुई। जिसमें अंकित की गोली लगने से मौत हो गई।
इनकाउंटर में अंकित के दो साथियों को भी गोली लगी हैं। पिछले साल मई में श्रीगंगानगर में हिस्ट्रीशीटर जॉर्डन उर्फ विनोद चौधरी पर ताबड़तोड़ फायिरंग कर उसकी हत्या कर देने के मुख्य आरोपी अंकित भादू का पुलिस कई दिनों से पीछा कर रही थी।
राजस्थान के डीजीपी ने बुधवार को डीजीपी ने एक लाख रुपए का ईनाम घोषित किया था।
जानकारी के अनुसार पंजाब में पुलिस और अंकित भादू के बीच मुठभेड़ हो गई। इसमें अंकित की गोली लगने से मौत हो गई। अंकित की गैंग में शामिल बदमाशों के भी घायल होने की खबर है। अंकित के खिलाफ हत्या, लूट, रंगदारी जैसे अनेक गंभीर मामले पंजाब और राजस्थान में दर्ज हैं। इस कुख्यात बदमाश को लॉरेंश बिश्नोई का दाहिना हाथ बताया जाता था।
हिस्ट्रीशीटर जॉर्डन का किया था मर्डर
राजस्थान के श्रीगंगानगर में पुरानी आबादी के मोहर सिंह चौक निवासी हिस्ट्रीशीटर जॉर्डन उर्फ विनोद चौधरी पर 23 मई 2018 को ताबड़तोड़ फायिरंग कर उसकी हत्या कर दी गई थी। वारदात को तब अंजाम दिया गया जब जॉर्डन इंदिरा वाटिका के पास मेटालिका जिम में सुबह करीब पांच बजे वर्क आउट करने गया था।
अंकित भादू जॉर्डन की हत्या का मुख्य आरोपी भी है। सूचना देने वाले को मिलेंगे एक लाख रुपए जॉर्डन की हत्या के बाद से अंकित भादू फरार चल रहा था। इसको पकड़ने के लिए राजस्थान पुलिस लगातार प्रयास कर रही, मगर इस कुख्यात बदमाश का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया था। इसकी सूचना देने पर 50 हजार रुपए का ईनाम रखा गया था, जो बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया गया है।