बुधवार, 31 मई 2017

रामचन्द्र पोटलिया एसडीएम सूरतगढ़ का क्या हुआ?


 पोटलिया का एडीएम परमोशन हुआ-
- करणीदानसिंह राजपूत -
सूरतगढ़ 30 सितम्बर 2016.
अप डेट 31-5-2017.

राजस्थान सरकार द्वारा एसडीएम रामचन्द्र पोटलिया वरिष्ठ आरएएस को परमोट कर अतिरिक्त जिला कलक्टर बनाया गया है।
यह परमोशन कुछ महीनों पहले हो गया था लेकिन यह आदेश पत्र लिफाफे में बंद कर दिया गया था। किसी प्रकार की जाँच चल रही हो तब जो भी निर्णय होता है उसे लिफाफे में बंद कर दिया जाता है चल रही जांच के पूर्ण होने पर बंद लिफाफा खोला जाता है। अब जयपुर में लिफाफा खुला तो उसमें परमोशन का आदेश निकला। 


पोटलिया यहां पर एसडीएम पद पर कार्यरत होते हुए एसीबी जांच के दिन
 25-5-2016. से मेडिकल अवकाश पत्रों पर चल रहे थे।कलक्टर ने अनुपस्थिति मानी और सरकार को सूचित किया तब पोटलिया को सस्पेंड कर दिया गया।
एसीबी की कार्यवाही में आय से अधिक संपत्ति की जांच का कार्य चल रहा है।
सेवा काल 31जुलाई तक ही है।
इससे अधिक कोई सूचना फिलहाल नहीं है।

तंबाकू सेवन से मुंह जीभ गला फेफड़ों व अन्य अंगों में कैंसर का खतरा बढ़ता है

- करणीदानसिंह राजपूत -

 *अन्तर्राष्ट्रीय तम्बाकु निषेध दिवस 31 मई पर विशेष*


तम्बाकु का सेवन चाहे धुम्रपान के रुप बीड़ी​, सिगरेट, हुक्का या खाने चबाने के रुप जर्दा गुटखा, खैनी इत्यादी हर रुप मे स्वास्थ्य के लिए घातक सिद्ध होता है।

 तम्बाकु के सेवन ने मुंह, जीभ, होठ, गला, फेफडों के साथ-साथ शरीर के अन्य अंगों में भी केंसर का खतरा तेजी से बढता है, जो कि मनुष्य की मौत का कारण होता है।
तम्बाकु के सेवन से हाथों, पैरों की नाड़ियों मे खून का दौरा कम हो जाता है, जिससे बरगर रोग हो जाता है, हार्ट अटेक की संभावनाएं भी काफी हद तक बढ जाती है।


इसलिए आज अन्तर्राष्ट्रीय तम्बाकु निषेध दिवस के अवसर पर हम सब सामूहिक रुप से तम्बाकु नामक नशे को जड़ से खत्म करने का संकल्प लेकर नशा मुक्त भारत के निर्माण मे सहयोगी बने।

नशा करना गलत है, क्योकि इससे परिवार बर्बाद हो जाते है। नशे के कारण भाई भाई का दुश्मन बन जाता है।

गुरुओ एवं महापुरुषों ने भी नशा ना करने का उपदेश दिया है, जिस पर हमे चलना चाहिये ।

नशा मानवता का दुश्मन है। नशे के कारण व्यक्ति मानव को मानव नही समझता तथा अत्याचारी बनकर मानवता के विरुद्ध गलत राह पर चलने लग जाता है, जबकि हम सभी को महापुरुषों के बताये मार्ग पर चलकर  खुद को नशे से बचाना चाहिये और दूसरे लोगों को भी नशे से बचाना चहिये।





मंगलवार, 30 मई 2017

उदंत मार्तंड हिंदी का प्रथम समाचार पत्र 30 मई 1826 ईस्वी में प्रथम अंक छपा:






उदन्त मार्तण्ड हिंदी काप्रथम समाचार पत्र था। इसका प्रकाशन 30 मई, 1826 ई. में कलकत्ता से एक साप्ताहिक पत्र के रूप में शुरू हुआ था। कलकता के कोलू टोला नामक मोहल्ले की 37 नंबर आमड़तल्ला गली से पं. जुगलकिशोर शुक्ल ने सन् 1826 ई. में उदन्त मार्तण्ड नामक एक हिंदी साप्ताहिक पत्र निकालने का आयोजन किया। उस समय अंग्रेज़ी, फारसी और बांग्ला में तो अनेक पत्र निकल रहे थे किंतु हिंदी में एक भी पत्र नहीं निकलता था। इसलिए "उदंत मार्तड" का प्रकाशन शुरू किया गया। इसके संपादक भी श्री जुगुलकिशोर शुक्ल ही थे। वे मूल रूप से कानपुर संयुक्त प्रदेश के निवासी थे।

शाब्दिक अर्थ

उदन्त मार्तण्ड का शाब्दिक अर्थ है ‘समाचार-सूर्य‘। अपने नाम के अनुरूप ही उदन्त मार्तण्ड हिंदी की समाचार दुनिया के सूर्य के समान ही था। उदन्त मार्तण्ड का प्रकाशन मूलतः कानपुर निवासी पं. युगल किशोर शुक्ल ने किया था। यह पत्र ऐसे समय में प्रकाशित हुआ था जब हिंदी भाषियों को अपनी भाषा के पत्र की आवश्यकता महसूस हो रही थी। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर ‘उदन्त मार्तण्ड‘ का प्रकाशन किया गया था।

उद्देश्य

उदन्त मार्तण्ड के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए जुगलकिशोर शुक्ल ने लिखा था जो यथावत प्रस्तुत है-

‘‘यह उदन्त मार्तण्ड अब पहले पहल हिंदुस्तानियों के हेत जो, आज तक किसी ने नहीं चलाया पर अंग्रेज़ी ओ पारसी ओ बंगाली में जो समाचार का कागज छपता है उसका उन बोलियों को जान्ने ओ समझने वालों को ही होता है। और सब लोग पराए सुख सुखी होते हैं। जैसे पराए धन धनी होना और अपनी रहते परायी आंख देखना वैसे ही जिस गुण में जिसकी पैठ न हो उसको उसके रस का मिलना कठिन ही है और हिंदुस्तानियों में बहुतेरे ऐसे हैं‘‘

हिंदी के पहले समाचार पत्र उदन्त मार्तण्ड ने समाज के विरोधाभासों पर तीखे कटाक्ष किए थे। जिसका उदाहरण उदन्त मार्तण्ड में प्रकाशित यह गहरा व्यंग्य है-

‘‘एक यशी वकील अदालत का काम करते-करते बुड्ढा होकर अपने दामाद को वह सौंप के आप सुचित हुआ। दामाद कई दिन वह काम करके एक दिन आया ओ प्रसन्न होकर बोला हे महाराज आपने जो फलाने का पुराना ओ संगीन मोकद्दमा हमें सौंपा था सो आज फैसला हुआ यह सुनकर वकील पछता करके बोला कि तुमने सत्यानाश किया। उस मोकद्दमे से हमारे बाप बड़े थे तिस पीछे हमारे बाप मरती समय हमें हाथ उठा के दे गए ओ हमने भी उसको बना रखा ओ अब तक भली-भांति अपना दिन काटा ओ वही मोकद्दमा तुमको सौंप करके समझा था कि तुम भी अपने बेटे पोते तक पालोगे पर तुम थोड़े से दिनों में उसको को दोगे।

उदन्त मार्तण्ड ने समाज में चल रहे विरोधाभासों एवं अंग्रेज़ी शासन के विरुद्ध आम जन की आवाज़ को उठाने का कार्य किया था। क़ानूनी कारणों एवं ग्राहकों के पर्याप्त सहयोग न देने के कारण 19 दिसंबर, 1827 को युगल किशोर शुक्ल को उदन्त मार्तण्ड का प्रकाशन बंद करना पड़ा। उदन्त मार्तण्ड के अंतिम अंक में एक नोट प्रकाशित हुआ था जिसमें उसके बंद होने की पीड़ा झलकती है। वह इस प्रकार था-

‘‘आज दिवस लौ उग चुक्यों मार्तण्ड उदन्त। अस्ताचल को जाता है दिनकर दिन अब अंत।।‘‘

उदन्त मार्तण्ड बंद हो गया, लेकिन उससे पहले वह हिंदी पत्रकारिता का प्रस्थान बिंदु तो बन ही चुका था।

विशेष बिंदु

यह साप्ताहिक पत्र पुस्तकाकार (12x8) छपता था और हर मंगलवार को निकलता था।इसके कुल 79 अंक ही प्रकाशित हो पाए थे कि डेढ़ साल बाद दिसंबर, 1827 ई. को इसका प्रकाशन बंद करना पड़ा।इसके अंतिम अंक में लिखा है- उदन्त मार्तण्ड की यात्रा- मिति पौष बदी 1 भौम संवत् 1884 तारीख दिसम्बरसन् 1827। उन दिनों सरकारी सहायता के बिना, किसी भी पत्र का चलना प्रायः असंभव था।कंपनी सरकार ने मिशनरियों के पत्र को तो डाक आदि की सुविधा दे रखी थी, परंतु चेष्टा करने पर भी "उदंत मार्तंड" को यह सुविधा प्राप्त नहीं हो सकी।इस पत्र में ब्रज और खड़ी बोली दोनों के मिश्रित रूप का प्रयोग किया जाता था जिसे इस पत्र के संचालक "मध्यदेशीय भाषा" कहते थे।




सोमवार, 29 मई 2017

पीलीबंगा क्षेत्र की 13 वर्षीय लड़की से सामूहिक दुष्कर्म,:सूरतगढ़ के पास छोड़ भागे


दुष्कर्म करने वाले सभी पर पीलीबंगा थाने में मामला दर्ज हुआ है​

 पीलीबंगा 29 मई 2017. पीलीबंगा मंडी से कुछ दूरी पर स्थित दुलमाना गांव की 13 वर्षीय लड़की को घर से उठा ले जाने और सामूहिक दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है।घटना 26 मई की रात को घटित हुई और और उसी रात दुष्कर्म कर सूरतगढ के पास छोड़ भागे।
 लड़की के पिता ने पुलिस​ में मामला दर्ज कराया। पिता ने लिखाया। उसकी 13 वर्षीय पुत्री लघुशंका के लिए बाहर गई तब  सूरतगढ़ के किशनपुरा निवासी भागीरथ पुत्र सुखराम जाट,
 पल्लू  थाना क्षेत्र रानीसर गांव के राजू राम पुत्र जीवन राम जाट और चेतराम जाट लड़की को बाइक पर ले गए।
पल्लू क्षेत्र में कहीं सुनसान जगह पर दुष्कर्म किया और रात में ही सूरतगढ क्षेत्र में छोड़ कर भाग गए।
 लड़की को सुबह होश आया तब उसने यह जानकारी दी इस जानकारी के आधार पर परिजनों को सूचना मिली तब-पीलीबंगा थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया।

शनिवार, 27 मई 2017

घर में शाम की पूजा में घंटी शंख बजाना अशुभ माना जाता है

हिन्दु धर्म में सुबह व शाम पूजा का काफी महत्व है और लगभग सभी घरों में दोनों समय पूजा होती है। कहा जाता है सूरज की पहली किरण के साथ ही पूजा करना काफी शुभ होता है और उस समय घंटियां और शंख बजाने को भी शुभ माना गया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि शाम कीपूजा में शंख व घंटियां नहीं बजानी चाहिए। शाम की पूजा करते समय वैसे विशेष ध्यान रखना चाहिए। जा‌निए शाम की पूजा में ध्यान रखने की जरूरी बातें

- अधिकतर घरों की शाम की पूजा और सुबह की पूजा में कोई खास फर्क नहीं होता। शाम की पूजा में भी घंटी और शंख बजाई जाती है, जिसे अशुभ माना गया है। ज्‍योतिषियों के अनुसार सूर्यास्त के बाद देवी देवताओं के सोने का समय हो जाता है, ऐसे में शंख और घंटी नहीं बजानी चाहिए।

- शाम की पूजा के लिए दिन में भी फूल तोड़कर रखें, क्योंकि शाम को वनस्पति को छेड़ना अशुभ होता है। इसीलिए कभी भी शाम को फूल नहीं तोड़ना चाहिए।

- भगवान विष्‍णु व श्रीकृष्‍ण की पूजा तुलसी के पत्ते के बिना अधूरी मानी जाती है, लेकिन अगर आप इनकी पूजा शाम को कर रहे हैं तो उस समय कभी भी तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।

- भगवान सूर्य को दिन का देवता माना जाता है। इसीलिए शाम को या रात में इनकी पूजा नहीं करनी चाहिए।

प्रत्याशियों को अपने आय के स्रोत के साथ जीवनसाथी की आय का स्रोत भी बताना होगा



दि 27-5-2017.
अब चुनाव लड़ने से पूर्व प्रत्याशियों को नामांकन भरने के दौरान खुद के साथ पत्नी की आय का भी स्त्रोत बताना होगा। चुनाव आयोग का कहना है कि इससे चुनाव में ज्यादा पारदर्शिता होगी। सरकार ने चुनाव आचार संहिता में संशोधन करते हुए हलफनामें में एक नया कॉलम बनवाया है। जिसके तहत उम्मीदवार को अपना और जीवन साथी पत्नी/पति  की आय का स्त्रोत भी बताना होगा। बीते साल योजना आयोग ने इस सिलसिले में कानून मंत्रालय से संपर्क भी किया था। चुनाव आयोग का मानना है कि इससे चुनाव प्रक्रिया में और ज्यादा पारर्शिता आएगी।
 इस संबंध में साल के शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट में भी एक हलफनामा दाखिल किया गया था। वहीं चुनाव निगरानी दल का कहना है कि लोकतंत्र की बेहतरी की लिए ये किया गया है। इससे मतदाता को उम्मीदवार और उसके परिवार की आय का स्त्रोत पता होगा। नए नियम को बीती सात अप्रैल (2017) को कानून मंत्रालय ने अधिसूचित किया था।

इससे पहले चुनाग आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि एक उम्मीदवार ने नामांकन पत्र के दौरान अपना और अपने परिवार की आय का कोई स्त्रोत नहीं दिया था। जबकि फॉर्म नंबर 26 में अपना, पत्नी और परिवार के आश्रित सदस्यों की आय का ब्यौरा देना था जबकि ऐसा नहीं किया गया। बता दें कि देश में भारतीय नागरिक ही चुनाव लड़ सकता है। लेकिन अब एक विशिष्ट कॉलम होगा जिसमें उम्मीदवार को ये बताना होगा कि वो भारतीय नागरिक है या नहीं? साथ ही उम्मीदवार को ये भी बताना होगा कि क्या उसके पास कोई प्रोफिट ऑफिस है। उम्मीदवार को ये भी बताना होगा कि वो किसी सरकारी कंपनी में मैनेजर तो नहीं है। चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार को ये भी बताना होगा कि क्या वे केन्द्र या राज्य सरकार में भ्रष्टाचार या अन्य किसी वजह से पद से खारिज किए गए थे।

वहीं चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों को सहूलियत देते हुए कहा अगर उम्मीदवार चाहें तो नामांकन पत्रों में ईमेल और सोशल मीडिया के खातों का विवरण भी दे सकते हैं।

अफसर कर्मचारी के भ्रष्टाचार दस्तावेज व्यक्तिगत कहकर देने से मना नहीं किया जा सकता

वैभव श्रीधर, भोपाल। प्रदेश सरकार आरटीआई के तहत किसी भी अधिकारी-कर्मचारी के भ्रष्टाचार या अनियमितता की जांच से जुड़े दस्तावेज ये कहकर देने से इंकार नहीं कर सकती कि वो व्यक्तिगत जानकारी का हिस्सा है। राज्य सूचना आयुक्त हीरालाल त्रिवेदी ने ये महत्वपूर्ण फैसला तीन आईएएस अफसरों के मामले में सूचना के अधिकार के तहत मांगे गए दस्तावेजों की अपील पर सुनवाई करते हुए दिया। उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग के उस आदेश को भी निरस्त कर दिया,जिसके तहत जानकारी के लोकहित से जुड़े नहीं होने और तीसरे पक्ष से संबंधित बताकर दस्तावेज देने से इंकार किया जा सकता।

सूचना आयुक्त हीरालाल त्रिवेदी ने आदेश में कहा कि भ्रष्टाचार और मानव अधिकार से जुड़े मुद्दे सरकारी अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ होते रहते हैं। हर प्रकरण में किसी न किसी का नाम जुड़ा होता है, यदि किसी का नाम आने मात्र से वह व्यक्तिगत जानकारी मान ली जाए, तो ऐसी कोई जानकारी नहीं बचेगी, जो दी जा सके। भ्रष्टाचार के मामले को व्यक्तिगत कहकर जानकारी नहीं देना सूचना का अधिकार कानून की मूलभावना के खिलाफ है।

वहीं, दुबे का कहना है कि आईएएस अधिकारियों से जुड़ा मामला होने की वजह से जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा रही थी। आयोग के फैसले के बाद अब जांच से जुड़े दस्तावेज देने ही पड़ेंगे। उन्होंने इसके लिए शुक्रवार को मुख्य सचिव और सचिव सामान्य प्रशासन 'कार्मिक" के यहां आवेदन लगाकर तीनों अधिकारियों की जांच से जुड़े दस्तावेज देने की मांग की है।

बीएम शर्मा- तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ, छिंदवाड़ा। मनरेगा के तहत खरीदी से जुड़े सभी दस्तावेज।

सुखबीर सिंह- तत्कालीन कलेक्टर सीधी। मनरेगा के तहत जेट्रोफा पौधारोपण में अनियमितता।

चंद्रशेखर बोरकर- तत्कालीन सीईओ सीधी। मनरेगा के तहत जेट्रोफा पौधा रोपण में अनियमितता।

इस मामले में सामान्य प्रशासन विभाग ने ये कहते हुए जानकारी देने से इंकार कर दिया था कि इससे लोकहित का समाधान नहीं होता है। जानकारी तीसरे पक्ष से जुड़ी है। फैसले के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के गिरिश रामचंद्र देशपांडे विरुद्ध केंद्रीय सूचना आयुक्त में पारित आदेश को आधार बनाया गया। इसमें कहा गया कि दंड, जांच, अनुशासनात्मक कार्रवाई और शासकीय सेवक व नियोक्ता के बीच सेवा संबंधी मामले व्यक्तिगत सूचना की श्रेणी में आते हैं।

आदेश में कहा गया कि सामग्री खरीदना, शासकीय काम करना, उसकी शिकायत और जांच सूचना का अधिकार की धारा 8 (1) में नहीं आता है। इससे जुड़े दस्तावेज किसी अधिकारी-कर्मचारी के व्यक्तिगत नहीं हैं। हाईकोर्ट जबलपुर ने भी सेवा पुस्तिका या व्यक्तिगत नस्ती को ही व्यक्तिगत रिकार्ड माना है। भ्रष्टाचार या अनियमितता जैसी चीज को व्यक्तिगत जानकारी का हिस्सा नहीं माना जा सकता है।

शुक्रवार, 26 मई 2017

नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म, धर्म परिवर्तन का दबाव डाला, गिरफ्तार

जयपुर।
24-5-2017.
राजस्थान के सीकर जिले के दांतारामगढ़ कस्बे में एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद ब्लैकमेल कर धर्म परिवर्तन कराने का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में राजाखान और रोशनखान को गिरफ्तार किया है। वहीं एक बाल अपराधी को भी पकड़ा है। चौथे आरोपी सद्दाम खान की तलाश की जा रही है।

पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि आरोपियों ने एक गिरोह बना रखा है। ये लड़कियों को प्यार के जाल में फांसकर उनका देह शोषण करते हैं। ये चारों सात माह पहले पीड़िता को बहला-फुसला कर सीकर ले गए और उसके साथ दुष्कर्म किया। दुष्कर्म का वीडियो भी बना लिया।

बाद में इन चारों युवकों ने पीड़ित बालिका से जबरन धर्म परिवर्तन कर शादी करने का दबाव बनाते हुए घर से गहने और पैसे लाने की बात कही और बात नहीं मानने पर वीडियो सार्वजनिक करने की धमकी दी।

बालिका के मना किए जाने पर युवकों ने फर्जी फेसबुक आईडी से वीडियो फेसबुक और व्हाट्सऐप पर डाल दिया।

बालिका के पिता की शिकायत पर पुलिस ने  युवकों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे लंबे पुल का उद्घाटन किया





दि.26-5-2017.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम में ब्रह्मपुत्र की सहायक लोहित नदी के ऊपर बने देश के सबसे बड़े पुल का उद्घाटन किया. इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी खुद पुल का जायजा लेने पैदल ही निकल पड़े. पीएम मोदी ने इस पुल का नाम विश्व प्रसिद्ध लोकगायक भूपेन हजारिका के नाम पर रखने का ऐलान किया.

असम के सादिया को अरुणाचल प्रदेश के ढोला जिले से जोड़ने वाले इस पुल को बनाने में 2,056 करोड़ रुपये आई है. यह पुल 28.50 किलोमीटर लंबा है, जो कि मुंबई के बांद्रा-वर्ली सी लिंक से 3.55 किलोमीटर ज्यादा है. इस पुल के बन जाने से चीन सीमा से सटे अरुणाचल प्रदेश तक सैनिकों और आर्टलरी को तुरंत पहुंचाने की जरूरत को ध्यान में रखते हुए पुल को टैंकों के गुजरने के हिसाब से डिजाइन किया गया है.

इस पुल के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए अपनी सरकार की तीन साल की उपलब्धियां गिनाईं. पीएम मोदी ने लोगों से कहा, 'आप सब लोग अपने फोन का कैमरा ऑन कर लीजिए ताकि पता चले कि कितना बड़ा जश्न हो रहा है.' पीएम मोदी के इस आह्वान पर लोगों ने अपने मोबाइल फोन के फ्लैश जलाकर पुल के उद्घाटन का उत्सव मनाया.

गुरुवार, 25 मई 2017

नाबालिक से बलात्कार मूवी बनाकर डर पैदा कर 1 साल से देह शोषण

सूरतगढ़ 25 मई 2017.
 सिटी पुलिस थाना क्षेत्र में​ घर में अकेली  एक किशोरी से पहले जबरन बलात्कार किया और मोबाइल पर वीडियोग्राफी की बाद में डर पैदा कर 1 साल तक देह शोषण किया जाता रहा।
यह संगीन मामला पीड़िता के पिता की ओर से मंगलवार 23 मई शाम को दर्ज कराया गया। द
बलात्कार और देह शोषण के शिकार पीड़िता 17 वर्षीय किशोरी अनुसूचित जाति की है और आरोपी श्रवण भादू स्वर्ण जाति का है। पुलिस ने यह प्रकरण पोक्सो एक्ट और अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम में दर्ज किया है। इसकी जांच श्रीगंगानगर के पुलिस उपाधीक्षक चेतराम सेवदा को सौंपी गई है।उप अधीक्षक  सूरतगढ़ पहुंचे और उन्होंने अनुसंधान शुरू किया। सिटी पुलिस थाने में दर्ज
रंग महल गांव का यह मामला है जो पीड़ित किशोरी के पिता ने दर्ज करवाया है।
प्रकरण के अनुसार पिता ड्राइवरी करता है और माता छोटे बच्चों की एक सरकारी योजना में काम करती है।

करीब 1 साल पहले माता पिता दोनों के बाहर होने पर किशोरी घर में अकेली थी। श्रवण भादू गाड़ी किराए पर लेने के लिए बात करने आया और उसने देखा कि  घर में किशोरी अकेली है तो उसका मन खराब हुआ। वह किशोरी को जबरन कमरे में ले गया और जबरदस्ती बलात्कार किया तथा अपने मोबाइल से अश्लील फिल्म बना ली।उसके बाद जब मौका मिलता वह किशोरी को डराता कि फिल्म लोगों को दिखा देगा। यह डर पैदा कर ब्लैकमेलिंग करते हुए 1 साल तक देह शोषण करता रहा।
 किशोरी इस डर और देहशोषण से गुमसुम रहने लगी। किशोरी की हालत पर मां बाप की नजर गई तो उन्होंने पूछा तब उसने पूरा घटनाक्रम बताया कि श्रवण ने उसके साथ बुरा काम किया है और डरा कर 1 साल से बुरा काम कर रहा है। श्रवण भादू बडोपल डेहर का निवासी है और बेरल पॉइंट चलाता है।

इस घटना से सावधान रहने की आवश्यकता है जहां माता पिता दोनों बाहर काम के लिए जाते हैं और घर में लड़कियां अकेली होती हैं।

बुधवार, 24 मई 2017

धर्मशाला सामाजिक संस्था जमीन पर अवैध व्यावसायिक निर्माण पर कार्यवाही हो सकती है

- करणीदान सिंह राजपूत-

नगर विकास न्यास, नगर परिषद और नगर पालिका जैसी संस्थाएं सामाजिक व धार्मिक संगठनों को प्रचलित दरों से बहुत कम दरों पर और मुफ्त में जमीनें देती रही हैं।
 आवेदन में सामाजिक कार्य के लिए धर्मशालाओं के लिए उपयोग लिखा जाता है। यह लिखकर बहुत कम दर पर जमीन ले ली जाती है और बाद में समाज के धनपति वह राजनीतिक प्रभाव रखने वाले बड़े लोग वहां पर दुकान या बड़े स्टोरों का निर्माण कर लेते हैं। धर्मशाला आदि का स्वरूप सड़कों के किनारे बदल दिया जाता है।यह सब नियम विरुद्ध और गैरकानूनी होता है।
नगर पालिका नगर परिषद नगर विकास न्यास से जब नक्शा मंजूर कराया जाता है तब उसमें दुकानें और स्टोर नहीं होते।

 धर्मशाला सामाजिक संस्था में दुकानें और व्यवसायिक स्टोर खोले जाते हैं वह निर्माण बिना मंजूरी के पूरा अवैध होता है।
समाज के कई सद्भावी लोग अवैध निर्माणों का  विरोध करते हैं। अनुबंध के आधार पर ही भवन का निर्माण की मांग करते हैं  लेकिन नगर पालिका अधिकारी सूचनाओं को फाइलों में दबाते रखते हैं।आवेदन करने वालों को चक्कर कटवाते रहते हैं।
 ऐसी स्थिति में शिकायतकर्ता को नगर पालिका अधिकारियों को दंडित करने और उनके सस्पेंड करने की मांग करनी चाहिए।वे सरकार से वेतन लेते हैं और सरकार के हित में काम नहीं करते। इसके लिए उपखंड अधिकारी को भी चेतावनी पत्र दिए जा सकते हैं। स्वायत्त शासन निदेशालय को शिकायत की जा सकती है।भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को भी शिकायत की जा सकती है। नगरपालिका से धोखा देकर सस्ते में जमीनें लेकर और व्यवसायिक उपयोग करके सरकार को लाखों कार्यकर्ताओं नुकसान पहुंचाया जिसमें पालिका के कर्मचारी शामिल रहे हैं। सरकार से धोखा देकर सामाजिक कार्य के नाम पर जमीनें ली और
इन जमीनों का उपयोग अनुबंध के आधर पर किए जाने के बजाय व्यावसायिक या अन्य प्रकार से किया जाने लगा। पालिका अधिकारी ने अवैध निर्माण को मिलीभगत से नहीं रुकवाया यानी सरकार को जानते बूझते नुकसान पहुंचाया।
 संगठन में संस्थाओं में चाहे हजारों लोग सदस्य हों लेकिन जमीनों का लाभ चंद गिने चुने लोग ही उठाते हैं। ऐसे बली लोगों के विरूद्ध मोर्चा दो चार लोग ही खोलते हैं।

अवैध निर्माण पर जमीन को सीज करवाने की कार्यवाही भी करवाई जा सकती है। इसके लिए उपखंड अधिकारी को शिकायत करनी होती है। इससे पहले चाहे तो संचालक समिति को अवैध निर्माण रोकने का लिखा जाए उसमें चेतावनी भी हो की अवैध निर्माण रोका नहीं गया तो जमीन को सीज करने की अर्जी दी जाएगी।समाज का भला चाहते हैं तो अवैध निर्माण रोक दें बाद में सीज  की कार्रवाई का दोष हमें नहीं दिया जाए।
 इस पर समाज के लोग संस्था के संचालक अवैध निर्माण नहीं रोकें तो सीज की अर्जी लगाने में देरी करने की जरूरत ही नहीं होगी। यह कार्य कोई बोल्ड व्यक्ति ही कर सकता है।

प्रभावशाली और बली लोगों से टकराना मामूली नहीं होता। पहले तो इनके विस्द्ध शिकायत करने को कोई तैयार ही नहीं होता। कोई तैयार होता है तो उसे दबाया जाता है और धिकारा जाता है कि वह समाज के विरूद्ध कार्य कर रहा है। जो प्रभावशाली होते हैं उनके साथ लाभ उठाने वाले भी जुड़े हुए होते हैं जो शिकायतकर्ता के विरूद्ध जहर उगलने लगते हैं और प्रताड़ित करते हैं। अनेक लोग अखबारों तक समाचार छपवा कर विरोध में एक दो शिकायतें कर चुप हो कर बैठ जाते हैं। अखबार वाले भी चुप हो जाते हैं।
लेकिन अनेक लोग ऐसे भी होते हैं जो चुप नहीं होते तथा जंग को तैयार रहते हैं।
 आप के शहर व कस्बे में ऐसा हो रहा है और आप सही कराना चाहते हैं तो डट जाएं और गलत का विरोध करें। जीत आपके और सच्चाई की होगी।
 यह पोस्ट इसीलिए डाली गई है कि आपके इलाके में कहीं गलत हो रहा है तो कार्यवाही करें।

मंगलवार, 23 मई 2017

धर्मशालाओं को छूट दरों और मुफ्त दी गई जमीनें लोकायुक्त जांच के घेरे में


= करणीदानसिंह राजपूत =

20-4-2014.
अप डेट 1-8-2016.
अप डेट 23-5-2017.

राजस्थान सरकार के नगरीय विकास विभाग नगरपालिका नगरपरिषद व नगर विकास न्यास जैसी संस्थाएं सामाजिक व धार्मिक संगठनों को प्रचलित दरों से बहुत कम दरों पर और मुफ्त में जमीनें देती रही हैं। इन जमीनों का उपयोग अनुबंध के आधर पर किए जाने के बजाय व्यावसायिक या अन्य प्रकार से किए जाने की शिकायतें भी होती रही है। इनका अन्य प्रकार से इस्मेमाल प्रभावशाली लोग करते हैं जिनका राजनैतिक दलों से या उनके नेताओं से संबंध या संपर्क होता है। 

सोमवार, 22 मई 2017

आपातकाल लोकतंत्र सेनानी मेघराज बंम आदि की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से पहली बार सीधी वार्ता

पाली 22-5-2017.

आपातकाल लोकतंत्र सेनानी मेघराज बम, चंद्रशेखर भायल व अरविंद गुप्ता राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मिले और आपातकाल में CRPC में जेलों में बंद रहे सेनानियों को भी पेंशन व अन्य सुविधाएं देने की मांग रखी। मुख्यमंत्री को इस बाबत एक ज्ञापन भी दिया गया।  लोकतंत्र एवं
पाली के भाजपा जिला अध्यक्ष करण सिंह जी ने सभी का नेतृत्व किया।
राजस्थान सरकार के उप मुख्य सचेतक मदन जी राठौड़ के साथ समस्याओं को लेकर मिलना हुआ।
मुख्यमंत्री ने पूरी बात सुनी और आश्वस्त किया की आपका काम शीघ्र ही करेंगे।
लोकतंत्र सेनानियों ने मुख्यमंत्री को  गुलदस्ता भेंट कर और चुनरी ओढ़ाकर स्वागत किया।
 मेघराज जी बंब के अथक प्रयास से राजस्थान में पहली बार मुख्यमंत्री  महोदय से आपातकाल लोकतंत्र सेनानियों की भेंट हुई।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अलग जी मंदिर में पधारी थी।

विदित रहे कि राजस्थान विधानसभा में आपातकाल 1975 के सीआरपीसी बंदियों को भी पेंशन व सुविधाएं देने के लिए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखा गया था।उसके बाद राजस्थान सरकार ने एक समिति का गठन किया जो विभिन्न राज्यों में व राजस्थान में अध्ययन कर शीघ्र ही अपनी रिपोर्ट सरकार को पेश करेगी। उस कमेटी में श्याम सिंह राजपुरोहित आईएएस अध्यक्ष हैं व गौरव चतुर्वेदी एवं ईश्वर मोटवानी सदस्य हैं। समिति के सदस्य विभिन्न राज्यों का दौरा कर लौट आए हैं और आशा की जाती है कि 1 सप्ताह के अंदर अंदर रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत कर दी जाएगी।

आज जयपुर में आपातकाल लोकतंत्र सेनानी संगठन के गिरिराज अग्रवाल सुरेश जी आदि ने आपातकाल में सीआरपीसी धाराओं में बंद रहे लोगों को पेंशन व अन्य सुविधाएं दिए जाने की मांग की व दस्तावेज समिति के माननीय दो सदस्यों को सौंपे ।

(प्रस्तुतकर्ता करणीदानसिंह राजपूत, सूरतगढ, आपातकाल लोकतंत्र सेनानी)


  

कांग्रेस राज और गंगाजल मील के काल में हुआ छल:ऐटा सिंगरासर माइनर


पहले 9- 5-2016.
अप डेट  22-5-.2017.*
- करणीदानसिंह राजपूत -
ऐटा सिंगरासर माइनर का निर्माण पानी की उपलब्धता से जुड़ा हुआ है। इस मांग को ध्यान से समझने की जरूरत है कि जो गंगाजल मील वर्तमान भाजपा सरकार व विधायक राजेन्द्रसिंह भादू को कोसने में और आरोप लगाने में लगे हुए हैं। गंगाजल मील और कांग्रेस पार्टी इस मांग में जो खेल खेलती रही है उसमें छल और कपट भरे हुए रहे हैं तथा अभी भी वही नीति है।
कांग्रेस राज और मील के काल में किसानों को भरमाने का जो छल हुआ इसे जानेंगे तो हैरत में रह जाऐंगे कि नहर बन जाती तो किसान पानी के लिए सदा तड़पता रहता। यह छल भी साधारण नहीं था। बहुत सोच कर किया हुआ छल था। ऐटा सिंगरासर माइनर की मांग सबसे पहले प्रभावी रूप में राजेन्द्र भादू ने सन 2006 में कानौर हैड पर धरना प्रदर्शन कर रखी थी। यह तो निश्चित था कि भादू का कदम भी चुनाव के लिए था ताकि लोग जुड़ जाएं और राजनैतिक व्यक्ति के लिए इस वास्ते कठघरे में खड़ा नहीं किया जा सकता। जब चुनाव का दौर शुरू हुआ तब कांग्रेस के प्रत्याशी गंगाजल मील इस मांग और सूरतगढ़ में रेल ओवर ब्रिज की समस्या को ले उड़े। मील ने भादू से पहले अपने चुनावी प्रचार में इनको आधार बना लिया। मील चुनाव जीत गए।


 ऐटा सिंगरासर माइनर बनवाने का दबाव चला तब किसानों के साथ छल किया गया। भादू की मांग थी कि इंदिरागांधी नहर से पानी दिया जाए। इसके लिए इंदिरागांधी नहर से एक लोटा पानी भी लेना संभव नहीं था। पहले केन्द्रीय जल आयोग की मंजूरी के बिना माइनर नहर भी संभव नहीं थी। 

कांग्रेस राज और मील का काल जिसमें छल किया गया। माइनर के निर्माण के लिए इस योजना को घग्घर झील से पानी देने का प्रस्ताव तैयार किया गया व योजना को लघु सिंचाई योजना में केवल 5 ग्रामों की बना दिया गया। अगर मान लें कि मील यह माइनर बनवा देते तो 54 ग्रामों के बजाय पानी केवल 5 ग्रामों की जमीन को ही मिलता। यह पानी घग्घर झील में होता तो मिलता। घग्घर झीलों में पानी केवल बाढ़ का आता है जो पिछले पांच सात सालों से आया ही नहीं है। अगर यह माइनर बन जाती तो मील साहेब से सवाल पूछने का है कि इसमें पानी कहां से चलता। 49 ग्रामों से धोखा भी होता।

अब गंगाजल मील और उनके भतीजे पृथ्वीराज मील इस आँदोलन में जुड़े हैं और कांग्रेस भी कह रही है कि साथ देंगे। लेकिन जो हालात बने उन पर नजर डालें कि आँदोलन में जुटे गंगाजल मील और पृथ्वीराज मील का क्या पैंतरा रहा कि वे कई दिनों बाद बोले कि गांधीवादी तरीके से आँदोलन चलाऐंगे। यह गांधीवादी तरीका कई दिनों बाद अचानक कैसे याद आया। इसके पीछे भी चुनावी सोच रही है। हर कोई शायद इसे न समझ पाए।
इस आँदोलन के उग्र रूप धारण करने के विचार लगातार आ रहे थे। इसमें सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला भी बन जाने की पूर्ण संभावना थी। इसकी धाराएं और सजा का काल ऐसा होता कि उसके तहत चुनाव लड़ नहीं सकते थे। मील अगले चुनाव में उतरने की तैयारी में है जो धरी रह जाती इसलिए घोषणा की गई कि गांधीवादी तरीका अपनाया जाएगा।
यहां यह भी सोचने बिंदु है कि इस आँदोलन में तो कांग्रेस गांधीवादी बनी लेकिन अन्य कार्यों में गांधीवादी तरीके कहां गायब हो जाते हैं ।
यह आँदोलन आगे किस हालात में जाएगा यह वक्त बताएगा लेकिन सरकार से समझौते की स्थितियां कई बार बनी और अभी भी बनी हुई है।

शनिवार, 20 मई 2017

वायु सेना प्रमुख ने लिखा शोर्ट नोटिस पर तैयार रहें


12,000 अफसरों को वायुसेना प्रमुख ने लिखी चिट्ठी, कहा- हो जाएं तैयार
नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयरचीफ मार्शल बीएस धनोआ ने अपने सभी 12,000 अधिकारियों को पत्र लिखा है।
उनसे बेहद शॉर्ट नोटिस पर किसी भी अभियान के लिए तैयार रहने को कहा है। धनोआ द्वारा वायुसेना प्रमुख का पद संभालने के महज 3 महीने बाद 30 मार्च को लिखा यह पत्र सभी अधिकारियों को भेजा गया है।
 बताया गया कि इससे पहले 1 मई, 1950 को तत्कालीन थलसेना प्रमुख केएम करिअप्पा और 1 फरवरी, 1986 को सेना प्रमुख जलसेना के. सुंदरजी ने ऐसे पत्र लिखे थे।
वायुसेना प्रमुख ने अपने पत्र में अफसरों को लिखा है कि मौजूदा हालात में, हमेशा से जारी खतरे की आशंका बढ़ गई है। इसलिए हमें शॉर्ट नोटिस पर बड़े अभियान के लिए तैयार रहने की जरूरत है।
ऐसा समझा जा रहा है कि धनोआ ने संभवत: पाकिस्तान की तरफ से की जा रही घटनाओं की ओर इशारा किया है। जम्मू कश्मीर में सैन्य कैंपों पर हमले की  वारदातें काफी बढी हैं।

शुक्रवार, 19 मई 2017

युवा क्रिकेटर अंकित सोनी के पहले आईपीएल खेल कर लौटने पर सूरतगढ़ में स्वागत





सूरतगढ़ शहर के युवा क्रिकेटर अंकित सोनी के गुजरात लायंस टीम की तरफ से अपना पहला IPL खेलकर सूरतगढ़ पहुंचने पर भव्य स्वागत किया।
अरोड़ वंश भवन में आयोजित स्वागत समारोह में गण मान्य  वह परिजनों ने भाग लिया।

 पूर्व विधायक अशोक नागपाल , पूर्व विधायक गंगाजल मील, नगर पालिका चेयरमैन काजल छबड़ा , बसपा नेता एवं जिला परिषद सदस्य डूंगरराम गेदर , पार्षद विनोद पाटनी , पूर्व पार्षद सुनील छाबड़ा , पूर्व पार्षद सुंदर देवी ,अग्रवाल महिला समिति की पूर्व अध्यक्ष अनुराधा गुप्ता ,भाजपा युवा नेता अमित , पदमपुर के उपखंड अधिकारी संदीप कांकड़ ,RAS मुकेश मीणा ,डॉक्टर विनोद शर्मा ,डॉक्टर सुभाष महर्षि ,डॉक्टर संजय बजाज, प्रवीण भाटिया प्रधानाचार्य राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रंगमहल ,शेरवुड एकेडमी के कोच रणजीत सिंह थिंद, आकाशवाणी उद्घोषक राजेश चड्ढा, भाजपा  की रजनी मोदी, प्रभात सोनी ,अमित सोनी और सूरतगढ़ के गणमान्य लोगों ने फूल माला पहनाकर अंकित सोनी को आशीर्वाद देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की । सभी की जुबान पर यही था कि अंकित सोनी ने अपनी मेहनत से सूरतगढ़ शहर के साथ-साथ पूरे राजस्थान का नाम रोशन कर दिया है ।इससे पूर्व जैसे ही अंकित सोनी अरोड़वंश भवन रात्रि 8 बजे पहुंचे तब उनकी बहनों निकिता सोनी ,ज्योति ,प्रियंका ,परेक्षा ,रजनी ,प्रतिभा ,पिंकी ,परी आदि ने तिलक लगाकर भाई के उज्जवल भविष्य की कामना की।
अंकित के दादाजी प्रेम राज सोनी व  किशन लाल सोनी ने बताया कि अंकित बचपन से ही मेहनती था इसीलिए आज समाज के साथ साथ अपने शहर सूरतगढ़ का नाम रोशन कर दिया है। इस भव्य स्वागत कार्यक्रम पर आए सभी अतिथियों के लिए अंकित के पिता नरेश सोनी व चाचा पवन सोनी ,संजय सोनी ने रात्रि भोज का आयोजन किया और कार्यक्रम में पहुंचे सभी अतिथिगणों का आभार प्रकट किया ।







गुरुवार, 18 मई 2017

भ्रष्टाचार के मुकद्दमें में पूर्व पालिकाध्यक्ष इकबाल मोहम्मद, ईओ भंवरलाल सोनी,मनीराम सुथार, एडवोकेट आनन्द शर्मा आरोपी-

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की इकबाल कुरैशी पर जांच:
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पृथ्वीसिंह ने मौके पर जांच की-
बाबूसिंह खीची द्वारा दर्ज कराया गया था प्रकरण-
खास खबर- करणीदानसिंह राजपूत



सूरतगढ़, 13 दिसम्बर 2013.
अप डेट   18 मई 2017.
****************************


भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो श्रीगंगानगर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पृथ्वीसिंह ने बुचरी के पास की मंडी समिति की जगह पर नाप जोख सहित जांच की। इस मौके पर पूर्व पालिकाध्यक्ष इकबाल मोहम्मद कुरैशी व पालिका के सहायक अभियंता करमचंद अरोड़ा व अन्य स्टाफ भी था।
आरोप है कि बूचरी की जगह बता कर मंडी समिति की जगह पर इकबाल मोहम्मद कुरैशी ने प्लॉट नियमित कर पट्टे जारी कर दिए। बाबूसिंह खीची ने इसकी शिकायत ब्यूरो को की जिस पर प्रकरण दर्ज हुआ था।
इकबाल मोहम्मद कुरैशी ने बताया कि इस ओर आबादी बसी ही नहीं थी। उससे पहले के ये अतिक्रमण थे।
--------


आरोपों में घिरे पूर्व पालिकाध्यक्ष इकबाल मोहम्मद कुरैशी, अधिशाषी अधिकारी भंवरलाल सोनी व आनन्द शर्मा

जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो श्रीगंगानगर को सौंपी गई:

सूरतगढ़ 2 जनवरी 2012.नगरपालिका सूरतगढ़ में भ्रष्टाचार,घोटालों से कीमती व्यावसायिक भूखंड आवासीय बना कर पट्टा जारी करने के आरोप में नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष इकबाल मोहम्मद कुरैशी, उस समय के अधिशाषी अधिकारी भंवरलाल सोनी व सेवा निवृत हो चुके अधिशाषी अधिकारी मनीराम सुथार, अतिक्रमण को नियमन करने वाली कमेटी के सदस्य एडवोकेट आनन्द शर्मा, वरिष्ठ लिपिक रणजीत खुडिया जो वर्तमान में अन्य जगह स्थानान्तरित हैं, और पट्टा बनवाने वाले हामीद मोहम्मद पुत्र गुलाब मोहम्मद तथा हामीद की पत्नी प्रवीण बानो के विरूद्ध भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में मुकद्दमा दर्ज हुआ है।
यह मुकद्दमा पिछले वर्ष 2011 में 16 दिसम्बर को दर्ज हुआ है तथा इसकी जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की श्रीगंगानगर चौकी को सौंपी गई है।
    यह प्रकरण भ्रष्टाचार निवारण अदालत के सेशन जज के सम्मुख सूरतगढ़ निवासी बाबूसिंह खीची ने पेश किया था। अदालत के आदेश पर पहले प्राथमिक जांच की गई और उसके बाद में नियमित मुकद्दमा दर्ज किया गया। हामिद मोहम्मद पुत्र गुलाब मोहम्मद कुरैशी तत्कालीन अध्यक्ष इकबाल मोहम्मद का भतीजा है। आरोप है कि किसी अन्य स्थान के अतिक्रमण के कागजातों को व्यावसायिक स्थान बूचरी के भूखंड पर बतला कर अध्यक्ष ने अपने भतीजे का भूखंड नियमन किया।
    इस मुकद्दमें के अलावा एक और प्रकरण भी अदालत में पेश किया गया जिसकी प्राथमिक जांच में इकबाल मोहम्मद कुरैशी,अधिशाषी अधिकारी भंवरलाल सोनी व अधिशाषी अधिकारी मनीराम सुथार, नियमन करने वाली कमेटी के सदस्य एडवोकेट आनन्द शर्मा, वरिष्ठ लिपिक रणजीत खुडिया और पट्टा बनवाने वाले शकील मोहम्मद,तथा पत्नी बानो, तथा पट्टा बनवाने वाले आसिफ मोहम्मद को नामजद किया गया है। शकील मोहम्मद गुलाब मोहम्मद कुरैशी का पुत्र है। आसिफ मोहम्मद आमीन मोहम्मद का पुत्र है। इस मुकद्दमें में भी लाभार्थी इकबाल मोहम्मद के भतीजे हैं।
विशेष रपट- करणीदानसिंह राजपूत

------------------------------------------------------------------

नगर पालिका भ्रष्टाचार प्रकरण 12 आरोपियों पर गिरफ्तारी की लटकी तलवार

- करणीदानसिंह राजपूत -

सूरतगढ़ 16 मई 2017. 

अप डेट 18-5-2017.

नगर पालिका सूरतगढ़ में पट्टा घोटाले,करोड़ों के निर्माण व खरीद घोटालों  के भ्रष्टाचार  पर सीएमओ,गृह मंत्रालय व भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मुख्यालय सख्त हुए हैं।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मुख्यमंत्री के पास है।

नगरपालिका के एक पुराने मामले में सूचना है कि पालिका के अधिकारी, स्टाफ और  बोर्ड के सदस्य व अन्य गिरफ्तारी की लपेट में आ सकते हैं।
एसीबी शिकंजा कसने की पूरी तैयारी में है और यह कार्यवाही चौंकाने वाली होगी
इसमें कुल 12 व्यक्ति स्टाफ व अन्य आरोपित हैं।

यह प्रकरण काफी समय से विभिन्न कारणों से लटका हुआ था लेकिन अब इसमें संपूर्ण कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है तथा आगे की कार्यवाही में 10-15 का दिन लग सकते हैं।
नगरपालिका सूरतगढ़ भ्रष्टाचार के मामले में संपूर्ण राजस्थान में बेहद बदनाम है यहां हर वर्ष मामले दर्ज होते रहे हैं लेकिन अधिकारी  लूटने में कोई कसर बाकी नहीं रख रहे थे।





राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन बंगला और स्टाफ की सुविधा मिलेगी

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्रियों को जयपुर या किसी भी शहर में जिंदगीभर के लिए आवास मिलेगा और वे अपने साथ 9 जनों का स्टाफ रख सकेंगे। राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने 'राजस्थान मंत्री वेतन (संशोधन) विधेयक' पर बुधवार 17 मई को हस्ताक्षर कर दिए।

बिल के तहत अब पूर्व मुख्यमंत्रियों को, जिन्होंने पांच वर्ष पूरे किए हों, को आजीवन केबिनेट मंत्री का दर्जा मिलेगा। घर, स्टाफ और टेलिफोन आदि सभी भत्ते भी मिलेंगे। राजस्थान सरकार ने पिछले महीने ही ये बिल विधानसभा में पेश किया था। पास होने के बाद इसे राज्यपाल की स्वीकृति के लिए भेज दिया गया था।
इस बिल को लेकर भाजपा के ही वरिष्ठ विधायक और दीनदयाल वाहिनी के प्रदेशाध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने आपत्ति जताई थी कि इस बिल से सामंतशाही बढ़ेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर यह आरोप लगाए थे कि वे इस बिल के जरिए वर्तमान सिविल लाइंस स्थित सरकारी बंगला नम्बर 13 पर कब्जा करना चाहती हैं।
उन्होंने लिखा था कि बंगला नम्बर 13 पर सरकार के करोड़ों रूपया खर्च कर इसे एक आलीशान महल में बदल दिया गया है और बाहर से इसकी किले बंदी कर दी गई है। इस संपदा का बाजार मूल्य कम से कम 2000 करोड़ रुपए है।
इस पत्र में उन्होंने इस विधेयक के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्रियों को कानून बनाकर जीवनभर के लिए असामान्य सुविधाएं देने का कड़ा विरोध किया था। उन्होंने कहा कि यह विधेयक जागीरदारी प्रथा को स्थापित किए जाने का प्रयास है।
तिवाड़ी ने राज्यपाल को ये बिल पास नहीं करने के लिए पत्र भी लिखा था। अपनी ही पार्टी में विरोध पर उतरे तिवाड़ी के व्यवहार को लेकर केंद्र स्तर से अनुशासनहीनता का नोटिस भी जारी किया गया था। जिसके जवाब में उन्होंने लिखा था कि मुझे जान का खतरा है, इस कारण पार्टी की बैठकों में नहीं जाता। भाजपा ने उनके सभी पद हटा दिए थे।

बुधवार, 17 मई 2017

श्री गंगानगर जिले में निजी नशा मुक्ति केंद्रों को सूचीबद्ध करने का निर्देश

श्रीगंगानगर 17 मई 2017 जिला कलेक्टर ने निजी नशा मुक्ति केन्द्रों को सूचीबद्ध करने का आदेश चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग को दिया है। आगामी बैठक से पूर्व जिले में संचालित निजी नशा मुक्ति केन्द्रों को सूचीबद्ध किया जाये तथा उनके द्वारा​

 नियमों की पालना की जा रही है अथवा नही, की जानकारी एकत्रित की जाये। 


मंगलवार, 16 मई 2017

महिला सरपंचों ने एटा सिंगरासर माइनर शांतिपूर्ण चलाने का मानस बताया



श्रीगंगानगर, 16 मई। एटा-सिंगरासर मामले को लेकर प्रभावित ग्राम पंचायतों के आधा दर्जन से ज्यादा सरपंचों ने एक स्वर में कहा है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से किए जाने वाले आंदोलन के पक्षधर हैं। सूरतगढ़ की उपतहसील राजियासर में जिला कलक्टर की ओर से सरकार की योजनाओं और कानून व्यवस्था को लेकर बुलाई गई बैठक में आए सरपंचों ने ये बात कही। बैठक में राजियासर सरपंच बेनजीर, मोकलसर सरपंच रामादेवी, राइयांवाली सरपंच कल्पना, सोमासर सरपंच राजबाला बिश्नोई, सिंगरासर सरपंच चुन्नीदेवी, वीरमाना सरपंच संतोष जालप समेत समेत कई ग्राम पंचायतों के सरपंच प्रतिनिधि मौजूद थे। जिला कलक्टर श्री ज्ञानाराम ने बैठक में कहा कि लोकतंत्र में विरोध करने का हक सबको है लेकिन विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्वक होना चाहिए। अगर कोई कानून व्यवस्था बिगाड़ेगा तो उससे सख्ती के साथ निपटा जाएगा। साथ ही जिला कलक्टर ने कहा कि विकास संबंधी कोई समस्या हो तो वो प्रशासन को बताएं उसे तत्परता के साथ निस्तारित किया जाएगा। बैठक में एसपी श्री हरेन्द्र कुमार ने कहा कि एटा सिंगरासर मामले को लेकर अपनी बात शांतिपूर्वक तरीके से रखें, लेकिन कानून को तोड़ने की इजाजत किसी को भी नहीं होगी। अगर कोई गड़बड़ी फैलाने की कोशिश करेगा तो तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। एसपी ने कहा कि हम आपकी सुरक्षा के लिए हैं आप किसी मांग को लेकर आंदोलन करें हमें कोई परेशानी नहीं हैं लेकिन अपनी मांग शांतिपूर्वक तरीके से ही रखें।

                  बैठक में सरपंचों ने यहां तक कहा कि अगर सिंगरासर माइनर नहीं निकलती है तो प्रभावित क्षेत्र में जो कुएं हैं उनको बिजली कनेक्शन प्राथमिकता से दिए जाएं। तो किसानों को इसका फायदा मिल सकता है। साथ ही कुछ सरपंचों ने आबादी भूमि के पट्टे जारी करने के साथ रेवन्यू का कार्य सेटलमेंट इत्यादि पूर्ण किए जाने की मांग रखी। जिला कलक्टर ने सरपंचों की सभी मांगों को सुनकर उनका जल्द निस्तारण करने की बात कही। बैठक में जिला कलक्टर श्री ज्ञानाराम के अलावा एसपी श्री हरेन्द्र कुमार, एडीएम सुरतगढ़ श्री चांदमल वर्मा, उपाधीक्षक श्री ओनाड़ सिंह, विकास अधिकारी रोमा सहारण, उपतहसीलदार राजियासर श्री विनोद कुमार, एसएचओ श्री गणेशाराम बिश्नोई समेत राजियासर सरपंच बेनजीर, मोकलसर सरपंच रामादेवी, राइयांवाली सरपंच कल्पना, सोमासर सरपंच राजबाला बिश्नोई, सिंगरासर सरपंच चुन्नीदेवी, वीरमाना सरपंच संतोष जालप समेत समेत कई ग्राम पंचायतों के लोग बड़ी संख्या में शामिल थे।

पतली( सादुल शहर) में नशा मुक्ति कार्यशाला




श्रीगंगानगर, 16मई2017. जिला पुलिस अधीक्षक श्री हरेन्द्र महावर के निर्देशानुसार पुलिस थाना सादुलशहर के सहयोग से राजकीय माध्यमिक विद्यालय पतली में नशा मुक्ति जन  जागृति कार्यशाला एवं निशुल्क नशा मुक्ति परामर्श शिविर का आयोजन किया गया। इसमें विद्यार्थियों, शिक्षकों, अभिभावकों व ग्रामवासियों ने भाग लिया।

      कार्यक्रम में नशामुक्ति परामर्श एवं उपचार केन्द्र श्रीगंगानगर के प्रभारी अधिकारी डा. रविकान्त गोयल ने मुख्यवक्ता के रुप में अपने सम्बोधन मे कहा कि शिक्षक बढते नशे जैसी सामाजिक बुराईयों और समाज में व्याप्त और दूसरी कमियों को दूर करने लिए युवा पीढी में राष्ट्रीयता की अलख जगाने के साथ साथ विद्यार्थियों में राष्ट्रीय दायित्व बोध जागृत करने के लिए प्रभावी प्रयास करें। विद्यार्थी जीवन में अपना लक्ष्य तय करें और शिक्षा को ही अपना जुनुन बनायें। नशे जैसी दलदल से दूर रहें। समाज में नशें से बढतें अपराधों पर नियंत्रण के लिए विद्यार्थी अपने आपको सामाजिक कार्यकर्ता के रुप से में तैयार करें।

       कार्यक्रम में समाज सेवी सरदार बलवन्त सिहं ने अपने सम्बोधन में कहा कि आने वाले कल को नेतृत्व प्रदान करने वाले युवा स्वयं में परिवर्तन कर देश के सामने उदाहरण बने, साहस से आगे बढें जिम्मेदारी उठाकर निस्वार्थ सेवा भाव से जीवन में संयमित जीवन को अपनानें हेतु जागृति लाने के प्रयास प्रारम्भ करे।

       इस अवसर पर पुलिस थाना सादुलशहर के नवज्योत सिहं कानि. ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि युवा देश का भविष्य होते है, इन्हे नशें से बचाकर अनेक उपलब्धियां हासिल की जा सकती है। जिला पुलिस प्रशासन भावी पीढी को नशे से बचानेसमाज में व्याप्त नशाखोरी पर नियंत्रण पाने हेतु वर्षों से निरन्तररत है। जिसके परिणाम स्पष्ट दृष्टिगोचर हो रहे है।

      कार्यक्रम मे कार्यवाहक प्रधानाचार्य श्री राजेन्द्र कुमार ने सभा में संवाद कायम रखते हुए कहा कि पुलिस द्वारा स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग के सहयोग से संचालित नशा मुक्ति अभियान के अन्तर्गत लगाये जा रहे नशा मुक्ति शिविरों के आयोजन से भावी पीढी न केवल नशे जैसी बुराईयों से बच रही है। साथ ही लोगों की नशा न छोड़ पाने जैसी भ्रान्तियों का निराकरण हो रहा है।

कार्यक्रम में ग्रामीण व महिलाओं ने भाग लिया नशा मुक्ति के पम्पलेट्स वितरित किये गये।

        इस अवसर पर उपस्थित जन समुह ने जीवन भर नशा न करने की शपथ ली। नशे के आदि रोगियों की डा. गोयल द्वारा मौके पर जांच की गई एवं परामर्श प्रदान किया गया।

राकेश अरोड़ा से हनुमानगढ़ नगर परिषद आयुक्त का अतिरिक्त कार्य वापस लिया गया

 


हनुमानगढ़ ,16 मई 2017.
नगर परिषद हनुमानगढ़ में अकाउंटेंट राकेश अरोड़ा को आयुक्त का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था।  उच्च न्यायालय ने स्वायत्त शासन निदेशालय के आदेश पर रोक लगा दी जिसके कारण राकेश अरोड़ा से आयुक्त का अतिरिक्त कार्यभार वापस ले लिया गया।
उच्च न्यायालय ने 16 मई को निदेशक स्वायत्त शासन विभाग के आदेश को स्टे कर दिया। इसके तुरंत बाद राकेश अरोड़ा से आयुक्त का अतिरिक्त कार्यभार वापस लिया गया और आलोक चौधरी (राजस्व अधिकारी प्रथम ) को  सौंपा गया।
स्वायत्त शासन निदेशक ने 5 मई को आदेश जारी किया था जिसमें लिखा गया था कि राकेश अरोड़ा अकाउंटेंट अपने कार्य के अलावा आयुक्त का कार्यभार भी अतिरिक्त रूप से करेंगे। राकेश अरोड़ा 9 मई से आयुक्त का कार्यभार भी करने लगे।अशोक कुमार ने निदेशालय के आदेश को चुनौती देते हुए एक रिट लगाई जिस पर उच्च न्यायालय ने निदेशालय के आदेश को स्टे कर दिया।



सीमा क्षेत्र में 21 ग्राम स्मार्ट गांव बनाए जाएंगे



श्रीगंगानगर, 16 मई। सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत श्रीगंगानगर जिले की अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 20 किलोमीटर तक की दूरी के 21 गांवों को स्मार्ट गांव बनाये जायेगें। इसके लिये मंगलवार को जिला परिषद सभाहॉल में जनप्रतिनिधियों की 1 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री विश्राम मीणा ने विस्तृत जानकारी दी। वहीं पर एसई(आरडी) जयपुर अरूण सुराना ने स्मार्ट विलेज के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया। वहीं पर अधीक्षण अभियंता श्री आर.के. यादव ने स्मार्ट विलेज के संबंध में परिचय दिया।

स्मार्ट विलेज योजना 2017-18

माननीय मुख्यमंत्री ने बजट घोषणा वर्ष 2017-18 में 5000 से अधिक आबादी वाले गांवों को एवं ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज ने 3000 से अधिक आबादी वाले गांव को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित किये जाने की घोषणा की गयी थी। राज्य में 5000 से अधिक आबादी के 952 गांव, 3000 से अधिक आबादी के 3169 गांव है। श्रीगंगानगर जिले में सीमांत क्षेत्र के 20 किलोमीटर के कुल 21 गांवों का चयन किया गया है। जिन्हें स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित किया जायेगा।

चयनित स्मार्ट विलेज में गतिविधियां व सुविधाएं

चयनित स्मार्ट विलेज में जल निकासी का प्रबंधन होगा। नालियां, सोख्ता गडढे एवं पक्की नालियों का निर्माण किया जायेगा। प्रत्येक गांव में स्वच्छ भारत मिशन के तहत 2 लाख रूपये की राशि से सामुदायिक शौचालय का निर्माण, सार्वजनिक पार्क, खेल मैदान विद ओपन जिम, चारागाह विकास के लिये चार दिवारी, ग्रामीण गौरव पथ, एलईडी लाईट या सोलर लाईट, गावं में नियमित स्वच्छता के लिये सफाई कर्मी किरायें के टेक्टर, ट्राली या रिक्शे की व्यवस्था की जायेगी। दो मुख्य मार्गों को स्वराज मार्ग के नाम से विकसित किया जायेगा। खेत समतलीकरण, खेत तलाई, फलदार पोधारोपण, केटल शैड, बर्मी कम्पोस्ट पिट इत्यादि की व्यवस्था की जायेगी।

ग्रामीणों को मिलेगी सुविधाएं

स्मार्ट विलेज में ई-पुस्तकालय व नॉलेज सैन्टर, अटल सेवा केन्द्र में वाईफाई, सीनियर सैकेण्डरी तक विद्यालय, प्राथमिक चिकित्सालय या उपस्वास्थ्य केन्द्र, पशुचिकित्सा केन्द्र, दुग्धउत्पादन समितियों का गठन, स्वच्छ पेयजल सुविधा, अन्न भण्डार ग्रह, प्रधानमंत्रा आवास योजना ग्रामीणा का लाभ तथा आदर्श तालाब या नदी के किनारे स्नानघर कीसुविधा विकसित की जायेगी।

ये 21 गांव बनेगें स्मार्ट

श्रीगंगाननर जिले के गांव मिरजेवाला, दुल्लापुर केरी, कोनी, कालियां, खाटलबाना, दौलतपुरा, शिवपुर, फतुही, ओढ़की, हिन्दुमलकोट, मटीलीराठान, 3ई छोटी, साधुवाली, धनूर, अरायण, जालौकी, 2एसटीआर, 2 एमएलडी, 24एएससी, 3एसटीआर, 8पीएसडीबी तथा 18 पी गांव को शामिल किया गया है।

नगर पालिका में भ्रष्टाचार: सिद्धू की शिकायत पर एसीबी ने नोटिस जारी किए

नगरपालिका सूरतगढ़ में भ्रष्टाचार के मामलों में पूर्व विधायक सरदार हरचंद सिंह सिद्धू की शिकायतों पर भ्रष्टाचार निरोधक विभाग में कार्यवाही शुरू की है। पी दर्ज कर जांच शुरु की गई है।शिव विहार कॉलोनी व कुछ अन्य प्रकरणों में संबंधित नगरपालिका स्टाफ व अन्य से जवाब मांगे गए हैं।भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने एक माह का समय दिया है जिस में जवाब देना होगा। सरदार हरचंद सिंह सिद्धू के अनुसार पूर्व पार्षद राजा राम गोदारा तत्कालीन ईओ पृथ्वीराज जाखड़,सहायक अभियंता तरसे अरोड़ा वअन्य के विरुद्ध शिकायतें हैं। सिद्धू का आरोप है कि नगरपालिका को करोड़ों रुपए का चूना लगाया गया।

प्राइवेट कॉलोनी शिव विहार को लाभ पहुंचाने को बनाई गई सड़क:सूरतगढ़।


जांच रिपोर्ट में झूठ सामने आया कि रेल अंडरपास का हवाला देकर हनुमानगढ़ सड़क से लिंक करने का प्रचार करके उक्त सड़क शिव विहार तक चौड़ी कर बनाई गई:
उप निदेशक स्वायत शासन विभाग बीकानेर ने जाँच रिपोर्ट में माना: 2 साल से दबी पड़ी यह रिपोर्ट:

पूर्व विधायक स.हरचंदसिंह सिद्धु ने की थी शिकायत:
स्पेशल रिपोर्ट- करणीदानसिंह राजपूत
**********************
4-10-2015
अप डेट 16-5-2017.
*******************

सूरतगढ़। पूर्व विधायक वरिष्ठ वकील स.हरचंदसिंह सिद्धु ने दो वर्ष पूर्व मई 2013 में मुख्य सचिव व स्वायत्त शासन विभाग को अनेक मुद्दों पर नगरपालिका की शिकायत की थी कि नगरपालिका के फंड को प्राईवेट कॉलोनियां को लाभ पहुंचाने के लिए भ्रष्आचार चल रहा है। इसमें शिव विहार कॉलोनी के लिए करोड़ों रूपयों की सड़क बनाने का आरोप भी लगाया गया था। इसमें राजाराम पार्षद,पालिका के एक कर्मचारी लालचुद सांखला और ईओ पृथ्वीराज जाखड़ पर आरोप लगाए गए थे।
गौरतलब है कि उप निदेशक स्वायत्त शासन विभाग बीकानेर ने 31 मई 2013 को मौके पर पहुंच कर जांच की और उसकी रिपोर्ट बना कर 10 जून 2013 को शासन उप सचिव ,स्वायत्त शासन विभाग विभाग जयपुर को भेज दी। वह रिपोर्ट वहां पर 12 जून 2013 को पहुंच गई। इसके बाद नगरपालिका को भी यह मिली। नगरपालिका सूरतगढ़ में तो हाथी जैसे मैटर तक गायब हो जाते हैं सो यह रिपोर्ट भी दब गई। अब यह रिपोर्ट हाथ लगी है।/ सिद्धु ने यह शिकायत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में अलग से दी हुई है।/
इस जाँच रिपोर्ट का महत्व इसलिए भी है कि शिव विहार कॉलोनी को लाभ पहुंचाने के लिए सड़क बनाते वक्त एक झूठा प्रचार किया गया कि आरसीपी की उक्त सड़क को चौड़ा करते हुए रेल अंडर पास से होते हुए हनुमानगढ़ सड़क से जोड़ा जाएगा। मौके पर जाँच के दौरान ईओ ने यह बताया लेकिन जाँच अधिकारी ने लिखा कि मौके पर कोई अंडर ब्रिज नहीं है तथा नगरपालिका के पास में रेलवे का कोई पत्र भी रेल लाइन के नीचे से अंडर ब्रिज बनाने संबंधी नहीं है।
जाँच अधिकारी ने लिखा कि नगरपालिका के रिकार्ड के अवलोकन व मौके से स्पष्ट होता है कि आरसीपी से शुरू होकर शिव विहार प्राईवेट कॉलोनी के पास तक लगभग 400 मीटर में 30 फुट चौड़ाई में डामरीकरण कर डिवाईडर भी बनाया गया है। प्राईवेट कॉलोनी के पास में रिकार्पेटिंग कर बड़ोपल रोड से जोड़ा गया है। इसी प्राईवेट कॉलोनी के पास में एक पार्क बनाया जाकर चार दीवारी का निर्माण भी किया हुआ है।
मौके व रिकार्ड के अनुसार शिव विहार कॉलोनी से बताए जा रहे अंडर ब्रिज तक जो सड़क 36 फुट चौड़ी बनाई जा रही है, उसका कोई औचित्य व कोई उपयोग नहीं है। वहां पर सघन आबादी नहीं है केवल आरसीपी के सरकारी आवास हैं। इसके अतिरिक्त अगर यह माना भी जाए कि बड़ोपल रोड से अंडर पास ब्रिज तक वाहनों का दबाव रहेगा, जो सही नहीं है। क्योंकि प्रथमत:अंडर पास से भारी वाहनों का निकलना नहीं होता। प्राईवेट शिव विहार कॉलोनी से बड़ोपल लिंक रोड सिंगल है तब शिव विहार से रेल अंडरपास तक डबल रोड बनाने का कोई औचित्य नहीं है। क्योंकि रोड का 1/4 भाग सिंगल व 3/4 भाग डबल होगा। इसके अलावा बड़ोपल रोड का सूरतगढ़ रेल लाइन क्रोसिंग के पास से हनुमानगढ सड़क जुड़ी है,जहां से वाहनों का आवागमन अधिक होता है।
ऐसे में 1 करोड़ 53 लाख रूपए से बनाई जा रही सड़क का कोई औचित्य स्पष्ट नहीं है। प्रथम दृष्टया सड़क का उद्देश्य कृषि भूमि पर बनाई जा रही प्राईवेट कॉलोनी को लाभ पहुंचाना है।
सिद्धु ने शिकायत की और सकी जाँच भी हुई। नगरपालिका ने जो रूपया वहां पर लुटाया। वह मौका अब जाकर देखने से मालूम पड़ता है कि उकत रूपया भी घटिया निर्माण कर पचा लिया गया है।





ईओ पृथ्वी जाखड़ व राजाराम गोदारा के विरूद्ध एसीबी में परिवाद दर्ज:





हरचंदसिंह सिद्धु
पृथ्वीराज जाखड़ वर्तमान में अनूपगढ  नियुक्त है।
सूरतगढ़ नगरपालिका में करोड़ों के घोटालों के आरोप:परिवाद सं 314/15.
पूर्व विधायक स.हरचंदसिंह सिद्धु ने नवम्बर 2015 में परिवाद पेश किया था:
स्पेशल रिपोर्ट- करणीदानसिंह राजपूत -
सूरतगढ़ 7 जनवरी 2016.
आप डेट   16 मई  2017.
***********************
ईओ पृथ्वीराज जाखड़ और पूर्व पार्षद राजाराम गोदारा के विरूद्ध घोटाले व षडय़ंत्र कर फर्जी दस्तावेजों से नगरपालिका सूरतगढ़ को करोड़ों रूपए की हानि पहुंचाने के आरोप में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने परिवाद दर्ज किया है व जाँच प्रक्रिया शुरू कर दी है। परिवाद संख्या 314/15 दर्ज हुआ जिसमें कार्यवाही शुरू हुई है। पूर्व विधायक स.हरचंदसिंह सिद्धु ने नवम्बर 2015 में ब्यूरो के जयपुर कार्यालय में कई दस्तावेजी सबूतों के साथ परिवाद पेश किया था। ब्यूरो की श्रीगंगानगर चौकी के एडीशनल एसपी ने सूचना देते हुए हरचंदसिंह सिद्धु को बयान दर्ज कराने का लिखा है।
उक्त परिवाद में राजाराम गोदारा के परिवार के मकानों,बीकानेर रोड की संतोषी माता मंदिर के पास की दुकानों,कॉलोनी,पालिका में ठेकों आदि में घोटालों के आरोप लगाए हुए हैं।
आरोप यह भी लगाया गया कि पृथ्वी राज जाखड़ व राजाराम गोदारा एक ही ग्राम रामसरा जाखड़ान के रहने वाले हैं तथा सूरतगढ़ में दोनों ने घोटाले किए हैं। पृथ्वीराज जाखड़ वर्तमान में अनूपगढ में नियुक्त है।
::::::::::::::::::::::::::::::

शराबबंदी आंदोलन चलाने वाली पूजा छाबड़ा पर हमला

सीकर | जनक्रांतिमंच की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूजा छाबड़ा पर 15 मई सोमवार रात जयपुर से खाटूश्यामजी जाते समय कार सवार अज्ञात बदमाशों ने लोहे के सरिए हमला कर दिया। बदमाशों ने गाड़ी में तोड़फोड़ भी की। उनके ड्राइवर और पीए पर भी हमला किया। गंभीर हालत में तीनों को जयपुर रैफर किया गया। पुलिस अनुसार, पूजा जयपुर से खाटूश्यामजी जा रही थीं। कार में उनके साथ उनके पीए पुष्कर लाल ड्राइवर प्रवीण यादव भी थे। रींगस से कुछ किमी आए दो कारें उनकी गाड़ी के आगे रुक गई। कारों में से दो दर्जन बदमाश बाहर आए। बदमाशों ने सरियों से कार के शीशे तोड़ दिए। इसके बाद पूजा छाबड़ा, उनके पीए ड्राइवर से मारपीट की।

शनिवार, 13 मई 2017

पाक से आए 26 लोग मुंबई से गायब हो गए: खतरे की आशंका:


 

मुंबई13 मई 2017.   

मुंबई में पिछले तीन हफ्तों में पाकिस्तान से आए कुल 26 लोगों के गायब होने की खबर मिल रही है। जिसका पता अभी तक नहीं चल पाया है।  गायब हुए लोगों में एक शख्स पिछले 10 साल से मुंबई के जूहु इलाके में रहता था। और चाय बेचता था। 

वहीं पाकिस्तानी नागरिकों के गायब होने के बाद से सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी कर दिया है

 मुंबई पुलिस सभी गायब लोगों की तलाश में जुट गई है। इस मामले में पुलिस का कहना है कि जो लोग गायब हुए हैं उनके बारे में उनके मकान मालिक या जिम्मेदार लोगों ने कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई ।

इसके अलावा सभी लोगों ने सी-फॉर्म नहीं भरा था जो हर पाकिस्तानी नागरिक को भारत आने पर भरना होता है। ध्यान हो कि सी-फॉर्म में पाक नागरिकों को अपने ठहरने से लेकर तमाम जानकारी देनी होती है। जो उनके द्वारा नहीं दी गई।  

फिलहाल मुंबई एटीएस गायब हुए सभी पाक नागरिकों को तलाश करने में जुट गई है। साथ ही एजेंसियों ने इस बात की आशंका जाहिर की है कि शादय मुंबई में फिर कोई बड़ा आतंकी हमला करने जैसा कोई खतरा हो सकता है।


शुक्रवार, 12 मई 2017

संवेदनशील खनन क्षेत्रों में आरएसी के 500 जवान तैनात होंगे




अवैध खनन पर प्रभावी रोक के लिए करें सख्त कार्रवाई-खान राज्यमंत्री

बीकानेर, 12 मई। खान राज्य मंत्रीश्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी ने कहा कि अवैध खनन पर प्रभावी रोक लगाने के लिए विभिन्न विभागों के संयुक्त दल गठित किए जाएं। ये दल औचक निरीक्षण करें तथा अवैध खनन पाए जाने की स्थिति में सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए।

श्री टीटी शुक्रवार को बीकानेर कलक्ट्रेट सभागार में खान विभाग तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि पुलिस, खान, वन, परिवहन एवं प्रशासनिक अधिकारियों के संयुक्त दल गठित हों तथा अवैध खनन रोकने के लिए नियमित कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए किसानों को भूमि सुधार हेतु उनकी भूमि में उपलब्ध जिप्सम की परत हटाने हेतु परमिट दिए जाने का प्रावधान किया है। इससे उन्हें जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित कमेटी की अनुशंषा पर जिला स्तर पर ही परमिट दिया जा सकेगा।

खान राज्य मंत्रीने कहा कि सरकार के इस कदम से जहां किसानों की भूमि का सुधार हो सकेगा, वहीं दूसरी ओर वर्षों से क्षेत्र में अवैध खनन की समस्या पर भी अंकुश लगने के साथ, राजस्व की प्राप्ति होगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए बीकानेर सहित दस जिलों से 961 आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं। इन आवेदनों का संयुक्त निरीक्षण करने बाद शत-प्रतिशत स्वीकृतियां देने का कार्य अतिशीघ्र किया जाए, जिससे सरकार की मंशा के अनुरूप किसानों को लाभ हो सके। उन्होंने कहा कि एसएमई, संभाग के जिलों में भ्रमण करें तथा संबंधित खनि अभियंता एवं जिला प्रशासन में समन्वय का कार्य करें।

श्री टीटी ने कहा कि सरकार द्वारा मोबाइल आधारित एप्प तैयार किया जा रहा है, जिसके माध्यम से खान धारक खनन पट्टा क्षेत्र से खनिज के निर्गमन के लिए वाहन का ई-टोकन जनरेट कर सकेगा। इस ई-टोकन के माध्यम से खनिज का निर्गमन कम्प्यूटराइज्ड वे-ब्रिज से किया जाएगा। ई-रवन्ना जनरेट होगी, जिसमें वाहन में भरे हुए खनिज का अंकन स्वयं ही हो जाएगा। उन्होंने बताया कि खान के निरीक्षण, अवैध खनन के विरूद्ध की गई कार्रवाई का विवरण मौके पर ही दर्ज करने का कार्य भी एप्प के माध्यम से हो सकेगा। उन्होंने राज्य में अवैध खनन के संवेदनशील क्षेत्रों में आरएसी के 500 जवान तैनात करने की जानकारी दी।

खान राज्यमंत्री ने बताया कि जिले में खान विभाग के भवन निर्माण के लिए नगर विकास न्यास द्वारा करणी नगर में भूमि आंवटित की गई थी। इसकी लीज मनी सहित अन्य व्यय के लिए 64.22 लाख रूपये स्वीकृत किए गए हैं। वहीं भवन निर्माण पर 6.5 करोड़ रूपये की स्वीकृति भी दी गई है। उन्होंने बीकानेर में अतिरिक्त निदेशक (माइंस) का पद सृजित किए जाने की स्वीकृति भी दी तथा कहा कि इससे बीकानेर, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिले के लोगों को विभाग से संबंधित कार्यों के लिए जोधपुर नहीं जाना पड़ेगा। इससे उनके धन, समय व ऊर्जा की बचत होगी।

इस दौरान 40 आवेदकों को जिप्सम की परत हटाने संबंधी परमिट प्रदान किए। नोखा प्रधान कन्हैयालाल जाट, लूनकरनसर प्रधान गोविंद राम गोदारा, अतिरिक्त कलक्टर (प्रशासन) यशवंत भाकर, सीओ सदर राजेन्द्र सिंह, जिला परिषद के एसीइओ मोहनदान रतनू, एसएमई धर्मेन्द्र लोहार, एमई जे. पी. जाखड़ सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

दस जिलों में आए 961 आवेदन

खान राज्य मंत्री ने बीकानरे कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि दस जिलों में ऐसे 961 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें किसानों द्वारा खनिज जिप्सम की परत हटाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया है। इनमें बीकानेर में 613, श्रीगंगानगर में 105, जैसलमेर में 66, बाड़मेर में 65, नागौर में 65, हनुमानगढ़ में 42, जालौर में 6, पाली में 4, चूरू में 3 तथा जोधपुर में एक आवेदन प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि यह परमिट जारी करना राज्य सरकार का ऐतिहासिक निर्णय है।

श्री टीटी ने बताया कि राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम, 2017 के तहत अनेक निर्णय लिए गए हैं। इनमें समस्त खानों एवं रॉयल्टी वसूली ठेकों का आवंटन ई-नीलामी से किए जाने, केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को हस्तांतरित 31 खनिजों के आवेदनों, मंशा पत्र तथा स्वीकृतियों को सेव करने का प्रावधान किया गया है। खानों का आवंटन इस प्रकार से किया जाएगा, कि उनके बीच कोई गेप क्षेत्र नहीं रहे। सभी पुरानी खानों की अवधि 30 वर्ष से बढ़ाकर 50 वर्ष कर दी गई है। इसी प्रकार छोटी खानों की क्वारी लाइसेंस की अवधि भी 15 से बढ़ाकर 30 वर्ष कर दी गई है।

संसदीय सचिव डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने जिले को सिरेमिक हब बनाने में आने रही बाधाओं के बारे में बताया तथा इनका निदान करने की बात कही। इस पर खान मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को सिरेमिक हब बनाने में फ्यूल से संबंधित बाधा एवं इसके निदान संबंधी विस्तृत रिपोर्ट उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्राथमिकता से कार्य किया जाएगा। संसदीय सचिव ने किसानों की भूमि में उपलब्ध जिप्सम की परत हटाने के लिए परमिट दिए जाने के फैसले को ऐतिहासिक बताया तथा कहा कि इससे किसानों को बडी राहत मिलेगी। किसानों को वर्षों से खेती करने में आ रही बड़ी समस्या का समाधान हो सकेगा। इस दौरान डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य, मोहन सुराणा सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी मौजूद थे।

किसानों ने जताया आभार

राज्य सरकार द्वारा किसानों को भूमि सुधार हेतु उनकी भूमि में उपलब्ध जिप्सम की परत हटाने हेतु परमिट दिए जाने के निर्णय का स्वागत करते हुए किसानों और विभिन्न संगठनों ने मुख्यमंत्रा श्रीमती राजे एवं खान मंत्रा श्री टीटी का आभार जताया। सर्किट हाउस में किसानों के दल ने खान मंत्री को फूल मालाएं पहनाकर उनका स्वागत किया तथा कहा कि इससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।

गुरुवार, 11 मई 2017

सूरतगढ़ पंचायत समिति प्रधान बिरमा देवी का भाजपा से इस्तीफा देना मामूली बात नहीं

- करणीदान सिंह राजपूत-

 सूरतगढ़ 11 मई 2017 पंचायत समिति सूरतगढ़ की प्रधान बिरमा देवी नायक और उसके साथ नौ डायरेक्टरों का  बीडियो रोमा सहारण पर आरोप है कि वह काम नहीं करती और जातिगत भेदभाव रखती है।
भारतीय जनता पार्टी के 3 साल बेमिसाल पूरे होने पर समारोह आयोजित हुए और उसके तुरंत बाद इस प्रकार की घटना हो तो उसे क्या कहा जाएगा ?
सरकार का सरकारी अधिकारियों पर कोई नियंत्रण नहीं है।बिरमा देवी नायक ने त्यागपत्र अचानक नहीं दिया है।उससे पहले बिरमा देवी नायक ने प्रैस कॉन्फ्रेंस बुलाकर 2 मार्च से पंचायत समिति कार्यालय के आगे धरना देने की घोषणा की थी। उस समय भाजपा के जिलाध्यक्ष हरि सिंह कामरा  ने आश्वासन दिया था कि विकास अधिकारी रोमा सहारण का स्थानांतरण करवा दिया जाएगा ।यह भरोसा टूट गया इसलिए एक साथ इतने पदाधिकारियों का त्यागपत्र दिया गया।
 एक तरफ तो भारतीय जनता पार्टी विस्तार कार्यक्रम चला रही है और दूसरी और भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ताओं को सुने नहीं जाने के कारण भाजपा से त्यागपत्र देने पड़ रहे हैं।
 भारतीय जनता पार्टी के जिला पदाधिकारियों को और प्रदेश पदाधिकारियों को गौर करना चाहिए कोई जनप्रतिनिधि जब सरकारी प्रशासनिक अधिकारी पर आरोप लगाता है तो उसकी तुरंत जांच होनी चाहिए थी। जातिगत भेदभाव का आरोप संगीन है और इसकी जांच तो हर हालत में होनी चाहिए थी भाजपा के राज में अगर जातिगत भेदभाव रखते हुए कार्यों का संचालन होता हो जवाहर होता हो तो बड़ा संगीन आरोप है।
 जांच भी नहीं हुई और स्थानांतरण भी नहीं हुआ प्रशासनिक अधिकारी कुछ काल के लिए आता है स्थाई नहीं होता।जांच होनी चाहिए थी और उसके बाद तुरंत कार्यवाही होनी चाहिए थी।ऐसा नहीं किया जाना भाजपा राज की ढील माना जाना चाहिए। सबसे बड़ी बात यह भी है कि भाजपा के स्थानीय नगर देहात के पदाधिकारी और जिला पदाधिकारी जिला अध्यक्ष विधायक राजेंद्र सिंह भादू क्या करते रहे? क्या इनकी किसी की भी कोई जिम्मेदारी नहीं है?
बिरमा देवी नायक और पंचायत समिति सूरतगढ़ के नौ डायरेक्टरों तथा जिला परिषद के एक डायरेक्टर का भाजपा से त्यागपत्र स्थानीय नेताओं की और भाजपा संगठन पदाधिकारियों की जिम्मेदारी है ये सभी लोग दोषी हैं।

आपातकाल 1975 बंदियों बाबत राजस्थान सरकार ने समिति का गठन किया

- करणीदान सिंह राजपूत -

राजस्थान में आपातकाल में सीआरपीसी की विभिन्न धाराओं में रासुका और मिसा में बंदी रहे कार्यकर्ताओं को स्वतंत्रता सेनानियों के समकक्ष दर्जा देने,पेंशन व विभिन्न सुविधाएं देने, रेल यात्रा, चिकित्सा, आपातकाल में बंदी रहे नाबालिग को भी पेंशन देने, आदि की सुनवाई के लिए राजस्थान सरकार ने एक समिति का गठन किया है।
श्री श्याम सिंह राजपुरोहित IAS की अध्यक्षता में इस का गठन किया गया है।इसके दो अन्य सदस्य गौरव चतुर्वेदी और ईश्वर मोटवानी हैं। समिति कितने समय में अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी।किन-किन बातों की सुनवा करेगी।राजस्थान में मीसा और रासुका बंदियों को पेंशन सुविधा शुरू कर दी थी लेकिन सीआरपीसी के तहत जेल यात्रा वालों को कोई लाभ नहीं मिला।सीआरपीसी के तहत आंदोलन करने जेलों में बंद रहने वालों की ओर से पेंशन सुविधाओं की मांग मीसा बंदियों रासुका बंदियों की तरह दी जाने की चल रही थी। राजस्थान सरकार को लगातार ज्ञापन दिए जा रहे थे। इस बाबत एक रिपोर्ट मुख्यमंत्री के पास पिछले डेढ़ साल से पड़ी हुई है जिसमें बहुत कुछ विवरण है।
पेंशनन दिए जाने के प्रावधान पर ही यह रिपोर्ट तैयार करवाई गई थी। राजपुरोहित की अध्यक्षता में गठित समिति के बारे में जो भी पूर्ण विवरण मिलेगा देने की कोशिश की जाएगी।
 विदित रहे कि 25 जून 1975 की मध्यरात्रि को आपातकाल लगने के बाद राजस्थान में सूरतगढ़ शहर में पहली विरोध सभा 26 जून 1975 को हुई थी।
सूरतगढ़ से 24 लोगों की गिरफ्तारियां हुई जिसमे 12 कार्यकर्ता रासुका में थे। रासुका बंदियों को पेंशन शुरू हो चुकी लेकिन सीआरपीसी की धाराओं में जेलों में बंद किए गए जिनको पेंशन आदि की सुविधा अभी शुरू नहीं हुई है जहां से भी यह मांग उठ रही है।

(करणीदान सिंह राजपूत भी आपातकाल में श्री गंगानगर जेल में बंद रहे।उस समय साप्ताहिक भारत जन का  संपादन प्रकाशन कर रहे थे। सरकार ने सेंसर लगाया। विज्ञापन बंद किए। संपादक को जेल में डाल दिया गया था।)

वरिष्ठ पत्रकार मालचंद जैन का स्वास्थ्य सुधार पर

सूरतगढ़ 11 मई।
वरिष्ठ पत्रकार दैनिक भोर के संवाददाता मालचंद जैन को 10 मई सुबह गंभीर हालत में आदित्य नर्सिंग होम एंड गैस्ट्रो सेंटर श्रीगंगानगर में भर्ती कराया गया था।
 73 वर्षीय श्री जैन के मुंह में 10 मई को सुबह अचानक कैे हुई व रक्त आने लगा।उच्च रक्त चाप से किसी नस से रक्त का रिसाव होने लगा। जैन को गंभीर हालत में श्रीगंगानगर लाया गया और आदित्य नर्सिंग होम में तत्काल इलाज शुरू किया गया।डॉक्टर रविंद्र शर्मा ने ईलाज शुरु किया गया, रक्त का रिसाव बंद होने व पेट में जमा रक्त को निकाले जाने के बाद श्री जैन अब स्वास्थ्य लाभ ले रहें हैं। जैन को विश्राम की सलाह दी गई है। अभी आदित्य नर्सिंग होम में भर्ती हैं।उनके परिजन मित्र वहां पर हैं। मालचंद जैन पत्रकारिता के अलावा भ्रष्टाचार मिटाओ अभियान को भी लेकर चल रहे हैं।

बुधवार, 10 मई 2017

अशोक नागपाल का भाजपा में पुन:प्रवेश कराना भविष्य में बड़े मिशन का संकेत है

- करणीदान सिंह राजपूत-

विशेष टिप्पणी


भाजपा  से निष्कासन होने के बाद पूर्व विधायक अशोक नागपाल के कांग्रेस में जाने की चर्चाएं जब आम होने लगी तब उनसे पूछा गया था कि यह चर्चा कितनी सही है?
 तब नागपाल ने जवाब दिया था कि कांग्रेस नेता उनसे लगातार संपर्क करने में लगे हैं। उन्होंने किसी नेता का नाम नहीं बताया और यह भी नहीं बताया कि वह केस स्टेटस का है।पूर्व विधायक को अपनी पार्टी में शामिल करने की हैसियत का स्तर रखता है या नहीं।नागपाल की ओर से यह गुप्त ही रहा कि संपर्क कौन कर रहा है​?
 ऐसा चर्चाओं में था कि नागपाल पंजाब चुनाव का परिणाम देखेंगे और उसके बाद में निर्णय लेंगे।पंजाब चुनाव के बाद कांग्रेस और अशोक नागपाल के बीच कुछ हुआ हो या नहीं हुआ? यह किसी के सामने नहीं आया लेकिन अब भाजपा विस्तार कार्यक्रम में अशोक नागपाल को जयपुर कार्यालय में पार्टी में पुन: प्रवेश कराया गया है, इसके बाद कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के समाचार चर्चाएं अटकलें सभी पर विराम लग गया है।
अशोक नागपाल के कांग्रेस में जाने की चर्चाएं उन्हें और कांग्रेस के किसी नेता द्वारा कांग्रेस में शामिल करने कराने का प्रयास करने आदि के समाचार राजनीतिक दृष्टि से अब कोई कीमत नहीं रखते। राजनीति में व्यक्ति कब कहां हो सकता है इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता। हर व्यक्ति स्वतंत्र है,और वह अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र भी होता है।
 पार्टी में पुनः प्रवेश के बाद कांग्रेस में जाने की चर्चाओं बाबत कोई अक्षेप नहीं लगाया जा सकता और न लगाया जाना चाहिए,क्योंकि हमारे आस पास जितने नेतागण हैं वह कोई भी दूध के धुले हुए नहीं। पार्टियों में आते जाते रहे हैं इसलिए वे किसी एक को निशाना बनाकर शिकायत भी नहीं कर सकते। नागपाल का व्यक्तित्व मेरे ख्याल से अन्य नेताओं के मुकाबले में ज्यादा अच्छा है। मैं कोई शुचिता का प्रमाणपत्र नहीं दे रहा। लेकिन  नागपाल से जब मेरी बात हुई तब उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता बार-बार संपर्क कर रहे तब उन्होंने कांग्रेस में प्रवेश के बारे में नहीं कहा।उन्होंने कहा कि मैंने कांग्रेस वालों को कहा है कि पंजाब का चुनाव निर्णय देखेंगे।ऐसा कहना भी कोई गतिविधि में शामिल नहीं माना जा सकता। कोई संपर्क करे तो उसको कोई भी उत्तर जो संभव हो दिया जा सकता है।

नागपाल ने मुझे कहा कि भाई साहब चर्चाएं आम हैं लेकिन आप मेरे सूरतगढ़ आवास फहराता हुआ लहराता हुआ भारतीय जनता पार्टी का ध्वज देखें।उसके बाद मैं मिलने गया तब यह फोटो भी मैंने खिंचा और यह भी कहा कि कुछ लोगों को शायद यह दिखाई ना दे इसलिए झंडे और डंडे का साइज दोनों बढ़ा दें।

 अशोक नागपाल ने 2003 में सूरतगढ क्षेत्र से संसदीय सचिव श्रीमती विजयलक्ष्मी विश्नोई को जो कांग्रेस टिकट से चुनाव लड़ रही थी को 35 हजार से अधिक वोटों से पराजित किया था।
 वह रिकॉर्ड था।
 उस समय सूरतगढ़ का क्षेत्र राजियासर से लेकर घड़साना से आगे सीमा तक फैला हुआ था। यह संपूर्ण क्षेत्र 3 विधानसभाओं जितना बड़ा था जहां नागपाल ने रिकॉर्ड जीत हासिल की थी।
 2008 के विधानसभा चुनाव में नागपाल ने टिकट नहीं मांगी। पूछा गया तो कहा कि पार्टी देना चाहेगी तो ले लेंगे वरना विश्राम करेंगे। नागपाल ने अपना यह निर्णय बहुत ही अच्छा किया था वरना कोई भी नेता एक बार चुने जाने के बाद दूसरी बार टिकट मांगने का प्रबल दावेदार बता देता है। 2008 में भारतीय जनता पार्टी ने रामप्रताप कासनिया को मैदान में उतारा और कांग्रेस की ओर से गंगाजल मील मैदान में थे। गंगाजल मील जीत गए।
राजेंद्र भादू निर्दलीय होते हुए दूसरे क्रम पर रहे इसलिए संपूर्ण पारिवारिक जानकारियों को परे रखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने राजेंद्र भादू को अपने टिकट पर 2013 में चुनाव में उतारा।राजेंद्र भादू ने कुल 67000 वोटों को प्राप्त कर जीत हासिल की।
नागपाल इस दौरान चुप रहे। पार्टी के निर्देश पर जो संभव था वह कार्य किए।
नागपाल को जब जिला अध्यक्ष बनाया गया तो सभी के मन में एक सवाल था कि नागपाल संभाल पाएंगे या नहीं ? जिला मुख्यालय पर कदम कदम पर गुटबंदी हैं और जो लोग पहले से स्थापित हैं वह किसी भी हालत में अपनी राजनीतिक छवि को जैसे-तैसे बनाए रखनेे के लिए नागपाल को गिराने में भी शर्म महसूस नहीं करेंगे  हिचकेंगे नहीं।
जो भी हो अब अशोक नागपाल को पुन: भारतीय जनता पार्टी में शामिल कर लिए गया है।
पार्टी के राज्य स्तरीय नेता अच्छे तरीके से जानते हैं कि उन्होंने पूर्व विधायक और पूर्व जिलाध्यक्ष को पार्टी में शामिल किया है। यह निर्णय गंभीर सोच से लिया गया है। इसके पीछे भविष्य की सोच है। भविष्य में 2018 के चुनाव हैं। कोई भी राजनीतिक वैचारिक दृष्टि रखने वाला व्यक्ति इसे साधारण नहीं मान सकता। भाजपा का प्रदेश कार्यालय अशोक नागपाल से कोई महत्वपूर्ण कार्य कराना चाहता है।अशोक नागपाल माध्यम होगा और निर्देशन जयपुर से होगा। यह सब समय के गर्त में छिपा है।
पार्टी नागपाल से जब कोई कार्य करवाना चाहेगी उसमें जानने की जल्दबाजी नहीं करनी  जानी चाहिए।
 लोग कहते हैं कि पहले जिलाध्यक्ष थे अब वापस ले लिया तो क्या है पद तो कोई भी नहीं दिया।
पद का दिया जाना​, नहीं दिया जाना कोई महत्व नहीं रखता। अभी बहुत जल्दी में लोग अनुमान लगा रहे हैं Facebook व अन्य सोशल मीडिया पर कमेंट कर रहे हैं कि नागपाल श्री गंगानगर से विधायक होंगे।कोई कहता है नागपाल सूरतगढ़ से विधायक होंगे।
और मैं अभी यह कहता हूं कि प्रतीक्षा करें।
2018 में क्या होगा वह सभी के सामने आएगा।
जयपुर में जबरदस्त चर्चा में है कि आगामी 2018 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी पक्की जीत के लिए करीब 40% टिकटों में परिवर्तन करेगी।
2018 के चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाए। यह घोषणा भी सुनने में आएगी।


मंगलवार, 9 मई 2017

लालगढ़ जाटान (श्रीगंगानगर) हवाई पट्टी का विस्तार होगा

श्रीगंगानगर 9 मई 2017.

जिला कलक्टर श्री ज्ञानाराम ने कहा कि सीएमसी की बैठकों में जो निर्देश दिये गये है, उनकी पालना की जाये। एडीएम शहर सीएमसी के निर्णयों तथा निर्देशों की पालना के लिये आवश्यक प्रस्ताव तैयार करवायेंगे। हवाई पट्टी लालगढ 30 मीटर चौड़ाई तथा एक किलोमीटर लम्बाई में है, इसका विस्तार कर इसे 45 मीटर चौड़ा तथा एक किलोमीटर से 200-300 मीटर लम्बाई बढ़ाने का प्रस्ताव है, जिसके लिये आवश्यक भूमि अवाप्त की जायेगी। हवाई पट्टी विस्तार के लिये सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा 27 करोड़ रूपये की राशि का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। जिला कलक्टर ने बताया कि हवाई पट्टी के विस्तार होने से छोटे वायुयान के साथ-साथ बड़े जहाज भी उतर सकेंगे। सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा हवाई पट्टी विस्तार के संबंध में 4 करोड़ रूपये की राशि से विकास कार्य करवाये गये है। तैयार किये गये 27 करोड़ के प्रोजेक्ट में भूमि अवाप्ति की राशि भी शामिल है।

बैठक में एडीएम शहर श्री वीरेन्द्र कुमार वर्मा, नगरपरिषद आयुक्त सुनीता चौधरी, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीशाषी अभियंता श्री सुमन बिनोचा, जिला आबकारी अधिकारी श्री भूपेन्द्र सिंह तथा लेखाधिकारी श्री रामजीलाल सहित अन्य विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।

प्लास्टिक कैरी बैग और गुटका पाउच के विरुद्ध अभियान



श्रीगंगानगर, 9 मई। जिला प्रशासन ने राज्य सरकार के निर्देशानुसार प्लास्टिक कैरी बैग, गुटका पाउच के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये है।

जिला कलक्टर श्री ज्ञानाराम ने जिले के समस्त एसडीएम, आयुक्त नगरपरिषद, समस्त तहसीलदार व नायब तहसीलदार तथा नगरपालिकाओं के अधिशाषी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में प्लास्टिक कैरी बेग तथा गुटका पाउच के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करें।

-----------

शहरी जनकल्याण शिविर आज से

श्रीगंगानगर, 27 अप्रेल। राज्य सरकार के निर्देशानुसार 10 मई से 7 जुलाई 2017 तक शहरी जन कल्याण शिविरों का आयोजन किया जायेगा।

आयुक्त नगरपरिषद सुनीता चौधरी ने बताया कि 10 व 11 मई को वार्ड संख्या 1 व 2 के लिये, 12 व 13 मई को वार्ड संख्या 3 व 4 के लिये, 17 व 18 मई को वार्ड संख्या 5.6.7 के लिये, 19 व 20 मई को वार्ड संख्या 8,9,10 के लिये, 24 व 25 मई को वार्ड संख्या 11 व 12 के लिये, 26 व 27 मई को वार्ड संख्या 13,14,15 के लिये शहरी जनकल्याण शिविर आयोजित किये जायेंगे। इसी प्रकार 31 मई से 1 जून को वार्ड संख्या 16,17,18 के लिये 2 से 3 जून को वार्ड संख्या 19,20 के लिये, 7 व 8 जून को वार्ड संख्या 21,22,23 के लिये, 9 व 10 जून को वार्ड संख्या 24,25,26 के लिये, 14 व 15 जून को वार्ड संख्या 27,28,29 के लिये, 16 व 17 जून को वार्ड संख्या 30,31,32 के लिये, 23 व 24 जून को वार्ड संख्या 36,37,38 के लिये, 28 व 29 जून को वार्ड संख्या 39 व 40 के लिये, 30 जून व 1 जुलाई को वार्ड संख्या 41,42,43 के लिये तथा 3 व 4 जुलाई को वार्ड संख्या 44,45,46 के लिये, 5 व 6 जुलाई को वार्ड संख्या 47 व 50 के लिये तथा 7 व 8 जुलाई को वार्ड संख्या 48 व 49 में जनकल्याण शिविर आयोजित किये जायेंगे। जनकल्याण शिविर नगरपरिषद के सभाहॉल में आयोजित होंगे।

-----------

श्रीगंगानगर, 9 मई। जिला पुलिस प्रशासन श्री गगानगर द्वारा स्वास्थ्य विभाग व शिक्षा विभाग के सहयोग से चलाये जा रहे नशा मुक्ति अभियान के अन्तर्गत मंगलवार को पुलिस थाना घमुडवाली के माध्यम से जन जागृति कार्यशाला का आयोजन सरस्वती ग्रामोत्थान महाविधालय बीझबायला मे किया गया।

           कार्यक्रम मे मुख्य वक्ता नशा मुक्ति परामर्श एवम उपचार केन्द्र ़श्री गंगानगर के प्रभारी डॉ रविकान्त गोयल ने उपस्थित छात्रा-छात्राओ व जनसमुह को सम्बोधित करते हुये कहा कि आज के युवाओ को सबसे ज्यादा खतरा नशे से है क्योंकि आज हर व्यक्ति विभिन्न प्रकार के तनावां से ग्रस्त है। मानसिक परेशानी, शोकियापन बेराजगारी विभिन्न प्रकार के दबाव व देखादेखी आदि कारणों से नशे की शुरूआत कर बैठता है, जो बाद मे आदत का रूप ले लेता है। डॉ गोयल ने कहा कि नशे की इस लत से व्यक्ति अपना वर्तमान कष्टमय व भविष्य अंधकारमय बना लेता है। डॉ गोयल ने नशे के दोषो दुष्प्रभावो पर वैज्ञानिक जानकारी देते हुये छात्रा-छात्राओ को जीवनभर नशा न करने व नशा करने वालो का नशा छुडाने की शपथ दिलवायी।

           कार्यक्रम के विशिष्ट वक्ता समाजसेवी श्री बनवारीलाल शर्मा ने छात्रा-छात्राओ को श्री गंगानगर जिले मे चल रहे नशा मुक्ति अभियान की जानकारी दी एवम नशे से दूर रहने के लिये प्रेरित किया।

          कार्यक्रम मे थानाधिकारी श्री तेजवन्त सिह ने अपने सम्बोधन मे कहा कि नशीले पदार्थो का सेवन हर दृष्टि से नुकसानदायक है एवम छात्रां को प्रण कर लेना चाहिये कि वे किसी भी परिस्थिति मे नशे को नही अपनायेगे। समाज मे व्याप्त समस्त अपराधों एवम बुराईयां का मूल कारण नशा ही है अत हर विवकेशील मानव को नशे से दुर रहते हुये समाज को भी नशा मुक्त करने के लिये सतत जागरूक एवम प्रयासरत रहना चाहिये यही मानव धर्म है।

           समाजसेवी सरदार बलवन्त सिह ने कहा कि नशा एक विश्व समस्या है जिसे प्रत्येक संघ गुट को इसके निराकरण के लिये अभिकरण (एंजेसी) बनाकर गंभीरता से प्रयास किये जाने चाहिये।

           कार्यक्रम मे बीझबायला गांव के विभिन्न विद्यालयों के काफी छात्रो व श्री राकेश अरोडा पूर्व अध्यक्ष संयुक्त व्यापार मंडल बीझबायला, श्रीमति अन्पूर्णा खालिया प्रधानाचार्य सरस्वती ग्रामोत्थान महाविधालय, श्री अनिल खालिया एमडी सरस्वती ग्रामोत्थान महाविद्यालय व समाजसेवी श्री रोहिताश शर्मा ने भाग लिया।

           अंत मे डॉ गोयल ने अभियान मे आये हुये नशा पीडित लोगो की जाच की व उचित परामर्श दिया।

-----------

श्रीगंगानगर, 9 मई। जिले के समस्त हस्तशिल्पियों व शिल्पकारों को विकास आयुक्त हैण्डीक्राफ्ट, वस्त्रा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पूर्व में जारी आर्टीजन फोटो आई कार्ड की वैधता अवधि 31 दिसम्बर 2015 तक थी, जो समाप्त हो चुकी है।

जिला उधोग केन्द्र की महाप्रबंधक श्रीमती मंजू नैण गोदारा ने बताया कि पूर्व में जारी आर्टीजन फोटो आई कार्ड हस्तशिल्पियों व शिल्पकारों एवं नये आर्टीजनों से अनुरोध है कि यदि वो अपना नया आर्टीजन फोटो आई कार्ड बनवाने हेतु वेबसाईटः ीजजचेरूध्ध्ेवण्तंरेंजींदण्हवअण्पद पर अपनी एसएसओ आईडी बनाकर अपना आवेनदन करें ताकि हस्तशिल्पियों/शिल्पकारों को राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाआें का लाभ प्रदान किया जा सकें। इस संबंध में किसी प्रकार की सहायता के लिये जिला उधोग केन्द्र श्रीगंगानगर से संपर्क करें।

-----------

संभाग में अब तक 15,454 पट्टे जारी

लम्बित आवेदनों का सात दिवस में निपटारा जरूरीः- संभागीय आयुक्त

श्रीगंगानगर, 9 मई। राज्य सरकार के निर्देशानुसार 14 अप्रेल से 4 मई तक प्रत्येक सोमवार व गुरूवार को ग्रामीण क्षेत्रा में लगने वाले दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण पट्टा वितरण अभियान 2017 के तहत संभाग ने 15 हजार 4 सौ 54 परिवारो को पट्टे जारी किये गये है।

बीकानेर संभाग के संभागीय आयुक्त श्री सुआलाल ने बताया कि श्रीगंगानगर जिले में 7641, चुरू में 1801, बीकानेर में 211, हनुमानगढ में 5995 पटटे जारी किये गये है। उन्होंने बताया कि आवेदन पत्रों में पूरे संभाग में 19 हजार 5 सौ 81 आवेदन पत्रा लम्बित है, जिनका सात दिवस में निपटारा करना जरूरी है। बीकानेर जिले में 8274, चुरू जिले में 3392, श्रीगंगानगर में 4010, हनुमानगढ में 3908 आवेदन पत्रा लम्बित है।

संभागीय आयुक्त ने संभाग में जारी हुए पट्टा अभियान की समीक्षा के बाद निर्देशित किया है कि आवेदन पत्रा प्राप्त करने के पश्चात पात्रा लाभार्थियों के आवेदन पत्रों के लम्बित रहने की पूरी संभावना है, जबकि राज्य सरकार के निर्देशानुसार सात दिवस में आपत्ति मांगने के पश्चात लम्बित आवेदन पत्रों की संख्या शून्य रहनी चाहिए। संभाग के समस्त विकास अधिकारी पंचायत समिति द्वारा सात दिवस की अवधि को ध्यान में रखकर ग्राम पंचायतवार लम्बित आवेदन पत्रों की आावश्यक रूप से समीक्षा करें ताकि अभियान समाप्ति से पूर्व शत-प्रतिशत आवेदन पत्रों का निस्तारण किया जा सकें

यह ब्लॉग खोजें