राजस्थान में नौ जिले और तीन संभाग रद्द
* करणीदानसिंह राजपूत *
राजस्थान की भाजपा भजनलाल शर्मा सरकार ने एक साल सफलता से पूरा करने के बाद सबसे बड़ा निर्णय किया है कि पिछली कांग्रेस अशोक गहलोत सरकार द्वारा घोषित किए नये जिलों और संभागों में से 9 जिले और 3 संभागों को रद्द कर दिया। ये नए जिले दूदू, केकड़ी, जोधपुर ग्रामीण, शाहपुरा, नीमकाथाना, अनूपगढ़, गंगापुर सिटी, जयपुर ग्रामीण और सांचौर हैं जिनको रद्द कर दिया है। इसके अलावा सीकर, पाली और बांसवाड़ा संभाग को रद्द करने का भी निर्णय किया गया।
राइजिंग राजस्थान और सरकार की पहली वर्षगांठ के बाद भजनलाल सरकार ने सीएमओ में शनिवार को कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित की। इस बैठक में भजनलाल सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं।
कैबिनेट मीटिंग के बाद मंत्री सुमित गोदारा और मंत्री जोगाराम पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर फैसलों की जानकारी दी है।
प्रेस वार्ता में बताया कि बजट घोषणा की क्रियान्विति की है, हमने जनघोषणा पत्र के काम भी पचास फ़ीसदी से अधिक पूरे किए और राइजिंग राजस्थान कार्यक्रम सफल रहा है।
गहलोत राज में बनाए गए 9 नए जिलों को भजनलाल सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए रद्द कर दिया है। ये नए जिले दूदू, केकड़ी, जोधपुर ग्रामीण, शाहपुरा, नीमकाथाना, अनूपगढ़, गंगापुर सिटी, जयपुर ग्रामीण और सांचौर हैं। इसके बाद राजस्थान में कुल 41 जिले ही रहेंगे। वहीं कैबिनेट बैठक में सीकर, पाली और बांसवाड़ा संभाग को रद्द करने का भी निर्णय लिया गया है। इसके बाद राजस्थान में कुल 7 संभाग ही बचे हैं।
ये जिले बचे, ये जिले निरस्त
अशोक गहलोत सरकार द्वारा घोषित ये जिले रहेंगे: डीग, बालोतरा, खैरथल-तिजारा, ब्यावर, कोटपूतली-बहरोड़, डीडवाना-कुचामन, फलोदी और संलूबर।
क्यों किए जिले रद्द? मंत्री ने दिया जवाब
जिलों को रद्द करने के निर्णय को लेकर मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि चुनाव से पहले नए जिले और संभाग बनाए गए थे। वह व्यावहारिक नहीं थे। वित्तीय संसाधन और जनसंख्या के पहलुओं को अनदेखा किया गया। अनेक जिले ऐसे थे, जिनमें 6-7 तहसीलें नहीं थी। इतने जिलों की आवश्यकता होती तो इसका परीक्षण किया जाता। इन सबको अनदेखा किया, इसमें ना तो पद सृजित किए, ना ऑफिस बिल्डिंग दी और ना ही दूसरी व्यवस्थाएं की, केवल 18 विभागों में पद सृजन की व्यवस्था की गई।
मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि ये जिले राजस्थान पर अनावश्यक भार डाल रहे हैं। रीव्यू के लिए बनी कमेटी ने पाया कि इन जिलों की उपयोगिता नहीं है।
सीईटी की वैद्यता 3 साल की
सीईटी की वैद्यता को लेकर भजनलाल कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है। अब सीईटी की वैद्यता को तीन साल किया गया है। इससे पहले सीईटी की वैद्यता एक साल होती थी, लेकिन भजनलाल कैबिनेट ने अब इसकी वैद्यता को तीन साल किया है।
भजनलाल सरकार की कैबिनेट के बड़े फैसले
-2025 में 1 लाख बेरोजगारों को नौकरी देगी भजनलाल सरकार
-आगामी 4 साल में 3 लाख नौकरियों का रखा गया टारगेट
-31 दिसंबर तक जिन्होंने KYC नहीं कि उनके नाम हटेंगे
-खाद्य सुरक्षा योजना के नए लाभार्थी के नाम जोड़ने का फैसला
-परिनिन्दा दंड समाप्त करने का अनुमोदन
-समान पात्रता परीक्षा की वैधता 3 वर्ष की
-TAD में छात्रावास अधीक्षक के लिए पात्रता बदली
-अब समान पात्रता परीक्षा हर वर्ष देने की नही होगी आवश्यकता
-एक बार हुई परीक्षा का स्कोर कार्ड होगा तीन वर्ष
-पशुधन सहायकों के लिए पदनाम परिवर्तन का अनुमोदन हुआ
-पशुधन सहायक को 3 पदोन्नति मिलेगी
-पशुधन सहायक की पदनाम परिवर्तन पर लगी मुहर
-तीन बार पदोन्नती का भी मिलेगा मौका
कैबिनेट की बैठक में 4 एजेंडों पर निर्णय
भजनलाल सरकार की कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की बैठक में राजस्थान सिविल सेवा पुनरीक्षित वेतन नियम 2017 की अनुसूची-6 में संशोधन से जुड़ा एजेंडा, राजस्थान अधीनस्थ एवं लिपिक वर्गीय सेवा समान परीक्षा नियम 2022 में संशोधन का एजेंडा, सिद्धमुख, चूरू का राजकीय कॉलेज शकुंतला देवी के नाम पर करने का एजेंडा, विधानसभा का अगला सत्र आहूत करने संबंधी एजेंडों पर निर्णय हुआ है।०0०