गुरुवार, 11 जनवरी 2024

सूरतगढ़:अतिक्रमण,भ्रष्टाचार,सफाईकर्मी ड्यूटी पर पार्षदों के मौन का राज?



* करणीदानसिंह राजपूत *

* नगरपालिका की सड़क की कीमती भूमि पर तोड़े गये अतिक्रमण पर दुबारा अतिक्रमण हो जाए तब अतिक्रमणकारी से सैटिंग दोस्ती या अन्य कारण से एकदम चुप्पी। वार्ड नं 26,1 के अतिक्रमण। समाचार सचित्र छपे मगर पार्षद चुप। वार्ड नं 26 के अतिक्रमण ( आवासन मंडल कालोनी जलदाय टंकी के सामने) पर आरोप लगाया गया था कि कालवा ने करवाया। अतिक्रमण तुड़वा भी दिया था लेकिन कालवा 24 जुलाई से नहीं है तो अब यह तोड़े गये अतिक्रमण पर किसने दुबारा अतिक्रमण करवाया। ईओ पवनकुमार और अतिक्रमण रोधी दस्ते के प्रभारी कालू सेन के ड्युटी में अतिक्रमण दुबारा हुआ और इन्होंने किसके दबाव में होने दिया और अब समाचार छपने के बावजूद तोड़ नहीं रहे। कालूराम सेन के नेतृत्व में 3 जनवरी 2023 को तुड़वाया था। कालूराम सेन की तरफ से ही पुलिस में मुकदमा भी दर्ज कराया गया था। पार्षद इस दुबारा हुए अतिक्रमण को तोड़ने की मांग नहीं कर रहे। पार्षद मांग नहीं करेंगे तब भी ईओ को अतिक्रमण तुड़वाना ही होगा जो जिम्मेदारी है। कालवा पर आरोप लगाने वाले और पार्षद चुप हैं।

आचार संहिता में रिंकु सिद्दिकी की शिकायत पर एक अतिक्रमण को रोका तोड़ा नहीं गया।

अतिक्रमण हटाने की मांग में भी गोलमाल कि अतिक्रमण का हवाला स्थिति फोटो नहीं देंगे। सबसे बड़े भ्रष्टाचार पर चुप।

* इसी बोर्ड के काल में लालचंद ने अपने रिटायरमेंट से कुछ दिन पूर्व ही अपने एकल हस्ताक्षर से करीब 70 पट्टे जारी कर दिए। उनका स्थान कहां था किस जगह के पट्टे जारी हुए। इस मामले में भी पार्षद चुप रहे।कोई नेता पार्टियों ने भी मुंह नहीं खोला।

* कालोनियां में अनियमितता पर भी पार्षद चुप रहे।

* फाईलें,भ्रष्टाचार से रूकी पड़ी रहे तो भी मौन।

* सफाईकर्मियों से अन्य काम लिए जाने पर शहर की सफाई चौपट होने पर भी चुप। युनियन के मनोज कुमार ने पहले लिखा और अब 11 जनवरी 2024 को फिर लिखा। लेकिन पार्षद चुप। कालवा ने आरोप लगाया था कि नगरपालिका के 3 कर्मचारी मील के निवास पर काम करते हैं और वेतन नगरपालिका से लेते हैं। मील ने खंडन नहीं किया और पार्षद इतने बड़े आरोप पर चुप रहे।

* सड़कों पर अतिक्रमण पर चुप।

* बीकानेर रोड पर नाले साफ नहीं होते। कारण अतिक्रमण। गौरव पथ जहां सीमेंट कंक्रीट का है, उसके नालों में वर्षा का पानी जा नहीं पाता।

* अधिकारी कार्यालय समय में आए नहीं और निवास में बैठे काम करें। पार्षद चुप।

👍 लोकसभा चुनाव की आचार संहिता अप्रैल मई लग जाएगी। यानि केवल तीन महीने हैं जिसमें कुछ कर सकेंगे। इसके बाद नवम्बर में नगरपालिका सूरतगढ़ के चुनाव की आचार संहिता सितंबर अक्टूबर में लग जाएगी। काम करने के लिए सारा जोड़ें तो चार महीने। नवंबर में चुनाव के बाद नये पार्षद और नया बोर्ड आ ही जाएगा।ढ

* प्रदेश में सरकार बदल गई। भाजपा की सरकार आ चुकी है तो अब किसको बोलना लिखना चाहिए? अपनी सरकार के आदेश और प्रभाव के लिए भाजपा पार्षदों को आगे बढ कर कार्यवाही करनी और ऊपर शिकायत व सही तथ्य बताने चाहिए या चुप रहना चाहिए तथा भ्रष्टाचार पर सैटिंग या दोस्ती रखनी चाहिए?०0०

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