सोमवार, 5 जून 2023

सूरतगढ़ में नशा बेचने और करने वालों की सूचना बीट कांस्टेबल तैयार करे.

 






* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ में नशा बेचने वालों के विरुद्ध शक्ति से कार्यवाही पकड़ धकड़ करनी है तो वह केवल बीट कांस्टेबल की रिपोर्ट से ही संभव हो सकती है। अन्यथा इस पर रोक लगना लगाना असंभव सा है।

*  प्रदर्शन से नशा बेचने वालों पर पुलिस की कार्यवाही होगी। पुलिस कार्यवाही करेगी। यह आशा ही की जा सकती है जो पूरी नहीं हो सकती। 

*आखिर पुलिस को सूचना कौन देगा कि नशा किस मोहल्ले में बिक रहा है?कौन बेच रहा है और कौन खरीद रहा है? कौन थोक में ला रहा है? कौन नशा पिलाने का सेवन कराने का इंजेक्शन का काम कर रहा है?

👍 कोई भी व्यक्ति चाहे वह किसी भी संस्था का सक्रिय कार्यकर्ता हो चाहे जवान हो चाय बुड्ढा हो वह अपने आसपास के अपने मोहल्ले के नशा बेचने वालों के विरुद्ध पुलिस को सूचना नहीं देता। यह कड़वा सच है।

* प्रदर्शन करना और सूचना देने में बहुत अंतर है। प्रदर्शन एक-दो घंटे का हो सकता है। यह कार्य चैनल समाचार तक की कार्यवाही तक रहता है। यह भी कड़वा सच्च है।

*सूचना देने में बहुत सक्रियता रखनी पड़ती है। मालूम होते हुए भी पुलिस को सूचना नहीं दी जाती। इसके कई कारण है। एक तो यह भय रहता है कि पुलिस नाम उजागर कर देगी। दूसरा भय रहता है कि नशा गैंग के विरुद्ध डायरेक्ट लड़ाई होगी। नशा गैंग के अपराधिक कार्यवाही करेंगे शिकायतकर्ता के साथ झगड़ा करेंगे तो पुलिस कुछ नहीं करेगी।

👍  यही भय है जिसके कारण सूरतगढ़ के अंदर केवल आरसीपी क्षेत्र ही नहीं सारे सूरतगढ़ में हर प्रकार का नशा फैलता जा रहा है। 

पुलिस ने कुछ सामने आए शक में गिरफ्तार हुए लोगों को अफीम चिट्ठा आदि के साथ गिरफ्तार किया है। एक मामला 14 मई 2023 तो ऐसा आया है जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि वह नशा कोचिंग के लिए आए हुए विद्यार्थियों में बेचा जाता है।  पेइंग गेस्ट हॉस्टल में रहने वालों को और किराए पर मकान रहने वाले स्टूडेंट्स को यह दिया जाता है। ये मामला बहुत गंभीर है। बार-बार आवाजें उठती रही है लेकिन पेइंग गेस्ट हॉस्टलों के विरुद्ध कभी कार्रवाई नहीं की गई। 


👍 पुलिस को आम आदमी सूचना देना नहीं चाहता।  तब पुलिस को आखिर सूचना देगा कौन? मुखबिर भी सही सूचना नहीं देते। मुखबिर सूचना देते तो सूरतगढ़ में नशा नहीं फैलता।

👍👍 अब ऐसी स्थिति में सच्चाई से पता केवल बीट कांस्टेबल से ही लगवा  सकते है। बीट कांस्टेबल अपनी बीट के वार्ड में नशा बेचने वाले, नशा करने वाले,और थोक में नशा करने वाले की रिपोर्ट तैयार करें और थाना अधिकारी को दें। 

सभी वार्डों में यह अभियान चले इस गुप्त कार्यवाही का किसी को मालूम नहीं पड़ सकता। थाना अधिकारी के पास रिपोर्ट पहुंचने के बाद थाना अधिकारी और पुलिस उपाधीक्षक दो-तीन दिन में उसकी समीक्षा करें।पड़ताल करें और फिर पूरे शहर में जो अड्डे हैं उन पर एक साथ कार्रवाई करें। 

तभी सूरतगढ़ शहर में नशे पर अंकुश लग सकता है। अन्यथा युवा वर्ग नशे में भटकता जा रहा है। दो ढाई साल से यह आवाज उठाई जा रही है कि बीट कांस्टेबल के मार्फत गुप्त सूचनाएं एकत्रित की जाए लेकिन ऐसा हुआ नहीं है। बीट कांस्टेबल के मार्फत तुरंत सूचनाएं एकत्रित की जानी चाहिए और फिर सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए।०0०

5 जून 2023.

करणीदानसिंह राजपूत,

पत्रकार,

( राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत)

सूरतगढ़.( राजस्थान )

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