मोबाइल बिगाड़ रहा है अपराध बढा रहा है. * करणीदानसिंह राजपूत *
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अपराध बढ रहे हैं और उसके पीछे अब साधन बन गया है स्मार्ट मोबाइल फोन। जी हां यही सच्च है। अपनी संतानों को स्मार्ट फोन देना दिलाना फैशन हो गया है। अपराध बढ रहे हैं मगर संतानों का किन किन से संपर्क हो रहा है? यह चिंता किसी को नहीं। समय नहीं।
अपने संतान और खास का मोबाइल में क्या है? किसका फोन आया किसको फोन गया? वे कौन हैं? फोन कब कब हुआ? कितने समय तक हुआ?
आपके घर आने जाने वाले,आसपास रहने वालों के नंबर मोबाइल में क्यों हैं? इनसे भी क्या बात हुई? किस किस को फोटो मैसेज विडिओ क्लिप भेजी गई या आई?किस से चैटिंग हुई?
अपराध रोकने गलत बातें संपर्क रोकने के लिए जरूरी है कि घर आने जाने वालों,आसपास के रहने वाले पुरुषों,लड़कों के नं केवल परिवार के पुरुषों के ही मोबाइल में हों।
अनावश्यक नं और अज्ञात नं किसी भी नाम से हो आप जानते नहीं हो तो परिवार के अन्य फोनों से नंबर हटाने में ही भलाई है। किसी नाम से नंबर सेव भी है तो मालूम तो करें कि यह कौन है?
इससे अनावश्यक बातचीत नहीं हो पाएगी। अपराधों के बढने का कारण भी है।
संतान के विवाह से पहले कोई भी गलत बात होती है तब मां बाप छिपाते हैं। विवाह के बाद सास ससुर भी छिपाते हैं ताकि पति पत्नी में कलह न हो। संतान अविवाहित हो चाहे विवाहित हो उस पर ध्यान तो होना ही चाहिए क्योंकि जमाना खराब है।
बातें छुपाने का खेल तनाव पैदा करता है और अपराध को फलने फूलने का मौका देता रहता है।
आजकल लड़कियों और महिलाओं के साथ अपराध बढ रहे हैं। लड़कियों और महिलाओं को फुसलाने, बहकाने और अपहरण के अपराध पुलिस में बहुत दर्ज हो रहे हैं तथा अखबारों तथा टीवी चैनलों में प्रकाशित प्रसारित हो रहे हैं। ये घटनाएं चिंता में डालती हैं।
स्मार्ट फोन के जरिए आने जाने वाले संदेश,बातचीत,चैटिंग,वीडियो चैटिंग सभी रिकॉर्ड किए जा सकते हैं और बाद में ब्लेकमेल के लिए इस्तेमाल हो सकते हैं। आज जो खास है वही कल ब्लेकमेल कर सकता है।
परिवार में भी मोबाइल चैक करके देखने में यदि हिचक है तो उसे खत्म करें और बढते अपराधों में सावधानी के लिए कदम उठाएं।
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लेखक करणीदानसिंह राजपूत, पत्रकार, सूरतगढ़। 94143 81356.