रविवार, 12 अगस्त 2018

हमने प्रकृति को देवी देवताओं के रूप में पूजा है- करणीदानसिंह राजपूत



*किशनपुरा नई आबादी स्कूल में वृक्षारोपण*

करणीदानसिंह वरिष्ठ पत्रकार ने भारत की सभ्यता और संस्कृति को पर्यावरण के सरंक्षण की मानते हुए कहा कि हमने प्रकृति की पूजा की है और पहाड़ों नदियों पेड़ों पौधों को देवी देवताओं का रूप माना है। हमारे त्योंहार पर्व कुओं के पास नदियों के पास पर्वत श्रंखलाओं में मनाए जाते रहे हैं। इससे हमारे देश का पर्यावरण अन्य देशों के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित माना जाता रहा है।

वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि राजस्थान में खेजड़ी वृक्ष अनमोल है और इसको लगाया जाना बहुत ही महत्व रखता है। राजपूत ने इस अवसर पर स्कूली बच्चों को कहा कि हम सभी अपने से बड़ों की, माता पिता की की आज्ञा  का पालन करें।उनका आदर करें और सदा सच बोलने व लिखने को प्रथम कर्तव्य माने। 

प्रधानाध्यापक बिरमाना विजयपाल जी ने कहा कि पेड़ लगाना और रक्षा करना 

अति महत्वपूर्ण कार्य है।उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से आजतक प्रकृति के महत्व को धरा पर माना गया है।

 आज राजकीय विद्यालय किशनपुरा में विभिन्न प्रकार के 21 पौधे लगाए गए।

विद्यालय में  गणमान्य व छात्र छात्राओं की उपस्थिति से मेले का सा वातावरण बन गया था। पौधों की रक्षा और पानी देने की सार संभाल विद्यार्थियों के द्वारा होगी।

गांव के शंकर जी, पूर्ण जी को अध्यक्ष व मुख्य अतिथि और वरिष्ठ पत्रकार करणीदान सिंह  राजपूत को मुख्य वक्ता बना कर कार्यक्रम किया गया।

पर्यावरण युवा समिति की ओर से यह कार्यक्रम हुआ। समिति के अध्यक्ष प्रेमसिंह सूर्यवंशी,अशोक जी,दिनेश जी, पूर्व पार्षद परमजीतसिंह पम्मी, सतनाम जी,श्योपत जी,सुशील भारद्वाज,राजू,मीनू,राहुल व अन्य मौजूद थे।





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