मैं हूं हिन्दुस्तान,
नशे में पाकिस्तान
पगलाया पाकिस्तान
हिन्दुस्तान का जब हो नाम
तब पगलाए पाकिस्तान
मेरा तिरंगा चूमे आकाश
तब पगलाए पाकिस्तान
संसार में गूंजे मेरा नाम
तब तड़पे पाकिस्तान
कहीं अध्यक्षता हो मेरी
दारूमें बहके पाकिस्तान
मेरा नारा लोग लगाएं
जमीं पर लोटे पाकिस्तान
मेरा नाम जब जब गूंजे
गरळावै पाकिस्तान
हिन्दुस्तान को सब माने
नशे में बहके पाकिसतान
मेरे साथ सूरज चमके
अंधियारे में पाकिस्तान
मैं हूं हिन्दुस्तान
पगलाया पाकिस्तान
मेरा नाम मित्रता तगड़ी
दारू में पगलाया पाकिस्तान।
मैं जब चाहूं थप्पड़ से
रसातल जाए पाकिस्तान
मैं हूं हिन्दुस्तान
नशे में मरता पाकिस्तान
पगलाया पाकिस्तान।
- करणीदानसिंह राजपूत
विजयश्री करणी भवन,
सूर्योदयनगरी,मिनी मार्केट
सूरतगढ़।
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4-1-2016.
Update. 26-2-2019. Update. 26-1-2021.
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नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती पर सुभाष चौक पर मनाई गई। कार्यक्रम में विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों और गणमान्य नागरिकों ने भाग लिया। नेताजी की जय घोष की गई। नेताजी सुभाष चंद्र बोस अमर रहे के नारे लगाए गए।
इस अवसर पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्मारक समिति के अध्यक्ष डॉक्टर टी. एल. अरोड़ा,इंजीनियर रमेश चंद्र मथुर, लोकतंत्र सेनानी सभाष चन्द्र बोस संघ के पूर्व अध्यक्ष (1969) पत्रकार करणी दान सिंह राजपूत, लोकतंत्र सेनानी महावीर प्रसाद तिवारी, क्रांति कारी महावीर प्रसाद भोजक, मुरलीधर पारीक, इंद्र कुमार कोठारी, अमरनाथ लंगर सेवा समिति सूरतगढ़ के अध्यक्ष किशनलाल स्वामी, विविधा संस्था के योगेश स्वामी,समाधान संस्था के अध्यक्ष और भाटिया आश्रम के निदेशक लाजपत राय भाटिया, कवि रामेश्वर दयाल तिवाड़ी ,बद्रीप्रसाद बिनाणी आदि ने माल्यार्पण किया और नारे लगाए।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती पर पूरे दिन सुभाष चौक पर नागरिकों की हलचल रही। नागरिक आते रहे और सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा पर माला पहनाते रहे। धावक महेंद्र नागर ने तिरंगा लेकर श्री गंगानगर से दौड़ते हुए सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा पर पहुंच कर नमन किया और तिरंगा फहराया। यहां महेंद्र नागर का स्वागत किया गया। पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह भादू ने भी सुभाष की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया।
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सूरतगढ़ 23 जनवरी 2021.
नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125 वीं जयंती पर नेताजी सुभाषचन्द्र बोस स्मारक समिति की ओर से किशनलाल पारीक स्मृति में रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। किशनलाल पारीक सन 1969 तक नेताजी सुभाषचंद्र बोस संघ के अध्यक्ष रहे थे। इस रक्तदान शिविर का शुभारंभ करणीदानसिंह राजपूत ने फीता काट कर किया। करणीदानसिंह राजपूत 1969 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस संघ सूरतगढ़ के अध्यक्ष बने और कई वर्षों तक अध्यक्ष रहे।
पाक आक्रमण से हुए भारतपाक युद्ध में सीमा क्षेत्र छोड़कर सूरतगढ़ पहुंचे नागरिकों की सुभाष संघ ने राजपूत की अध्यक्षता में विभिन्न रूपों में मदद की थी।
राजपूत ने इस शिविर में सुभाष जयंती पर और किशनलाल पारीक के जीवन,रक्त दान शिविर में भाग लेने वालों,रक्तदान करने वालों और समाज सेवा पर विचार रखे। इस अवसर पर डा.टी.एल.अरोड़ा ने नेताजी की जयंती पर और रक्त दान पर वक्तव्य दिया। शिक्षा संस्थान भाटिया आश्रम के निदेशक लाजपतराय भाटिया ने नेताजी पर जोशीली कविता पढी।
मैत्री ब्लड बैंक को 83 यूनिट रक्त दान किया गया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्मारक समिति के अध्यक्ष डॉक्टर टी एल अरोड़ा, पारीक परिवार के मुरलीधर पारीक, कन्हैया लाल पारीक ने तिलक लगाकर अतिथियों का सम्मान किया।पारीक परिवार के कन्हैया लाल पारीक ने सबसे पहले रक्तदान करके स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का शुभारंभ किया।
मैत्री ब्लड बैंक की टीम के डॉक्टर सुनील योगी, बृजेंद्र बिश्नोई, जगदीप कौर, मोहिनी ने रक्त संग्रह किया।
रक्तदाताओं को सम्मान पत्र प्रदान किए गए। करणीदानसिंह राजपूत, लाजपतराय भाटिया आदि के हाथों से पहला सम्मान पत्र एक सैनिक को प्रदान किया गया।
जयंती पर रक्तदान करने वाले युवाओं में भारी उत्साह देखा गया। रक्तदान करने वालों को श्री माहेश्वरी समाज के अध्यक्ष इंदर कुमार कोठारी, समाधान सेवा समिति के अध्यक्ष लाजपत राय भाटिया, और पारीक परिवार के मुरलीधर पारीक कन्हैया लाल पारीक के द्वारा दूध, बिस्कुट, ब्रेड, केले, पेन वितरित किए गए, मैत्री ब्लड बैंक की तरफ से डायरिया वितरित की गई ।
शिविर के दौरान पूर्व विधायक राजेंद्र भादू ,रोटेरियन राजेंद्र तनेजा, इंजीनियर रमेश कुमार माथुर, कवि रामेश्वर दयाल तिवारी, क्रांतिकारी महावीर भोजक, लाजपत राय भाटिया,भारतीय जनता पार्टी के पूर्व महामंत्री सुभाष गुप्ता, अमरनाथ मंदिर लंगर सेवा समिति के अध्यक्ष किशन स्वामी, विविधा संस्था के अध्यक्ष योगेश स्वामी, पत्रकार नवल भोजक सहित लोगों ने सेवाएं दी।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्मारक समिति के अध्यक्ष डॉक्टर टी एल अरोड़ा, परिवार के मुरलीधर पारीक और कन्हैया लाल पारीक ने सभी रक्तदाता ओं का आभार प्रकट किया ।
शिविर पर धावक महेंद्र नागर का स्वागत किया गया। महेन्द्र नागर सुभाष चंद्र बोस जयंती पर हाथ में तिरंगा लिए श्री गंगानगर से दौड़ते हुए सूरतगढ़ सुभाष चौक पर आए थे। यह दूरी 72 किमी की दूरी दौड़ते पूरी की। सुबह पांच बजे भयानक सर्दी में गंगानगर से दौड़ शुरू की थी।शिविर पर महेंद्र नागर के साथ फोटोशूट हुआ।00
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* करणीदानसिंह राजपूत*
सूरतगढ़ 23 जनवरी 2021.
आज प्रातः परम पूज्य गुरुदेव नित्यानंद सुरीश्वर जी महाराज के सानिध्य में श्री पार्श्वनाथ जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ के नए भवन "आत्म वल्लभ जैन भवन" का लोकार्पण हुआ। भवन का लोकार्पण भवन निर्माण के मुख्य दानदाता श्री माणक चंद अशोक कुमार अरिहंत कुमार डागा परिवार सूरतगढ़ एवं विनोद देवी चंद्रकांत कोचर परिवार बीकानेर द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
नए जैन भवन के निर्माण में समिति के पदाधिकारी सुरेंद्र चोपड़ा, उपाध्यक्ष पवन गोलछा, कोषाध्यक्ष गुलशन डागा, सचिव सुशील सेठिया उनकी कार्यकारिणी का काफी योगदान रहा।
इससे पूर्व आचार्य नित्यानंद सूरी महाराज ने सकल जैन संघ के साथ प्रभु पार्श्वनाथ मंदिर में देव बंधन धर्म आराधना की।
नए भवन के लोकार्पण के बाद मुनि भगवंत सकल संघ के साथ विजय वल्लभ जैन धर्मशाला (चोपड़ा धर्मशाला) में पधारे।
विजय वल्लभ जैन धर्मशाला में धर्म सभा का आयोजन किया गया। इस सभा को संबोधित करते हुए आचार्य प्रवर ने कहा"धर्म के बिना कुछ भी संभव नहीं है,अगर व्यक्ति धर्म की राह पर चलेगा तो उसकी मुक्ति हो सकती है। धर्म हमारे जीवन का अहम हिस्सा है।गुरु भगवंता का मान सम्मान उनके दर्शन भर से उनकी वाणी से सकल जग का कल्याण हो सकता है।"
प्रखर वक्ता मोक्षा नंद विजय जी महाराज ने कहा"हर समाज में दान देने की प्रवृत्ति जरूर होनी चाहिए क्योंकि दान देने से ही व्यक्ति का और मानव जाति का कल्याण होता है।सभी को अपनी शक्ति के अनुसार दया धर्म में धन का उपयोग करना चाहिए।"
इस धर्म सभा में तरुणी महिला मंडल द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया।
अर्चना डागा द्वारा भजन श्रीमती अंजना पटावरी व पारस गोलछा द्वारा गीतिका प्रस्तुत की गई।
इस आयोजन में बच्चों द्वारा एक बहुत ही बेहतरीन नशा मुक्ति को लेकर नाटिका श्रीमती ज्योति डागा के निर्देशन में खेली गई। सभी बच्चों को अशोक कुमार डागा परिवार द्वारा प्रोत्साहन पुरस्कार किए गए।
श्री पार्श्वनाथ मूर्तिपूजक संघ द्वारा मुख्य बोली दाता का सम्मान किया गया।
पूनमचंद भंवरलाल चोपड़ा परिवार द्वारा आचार्य भगवंत को कांबली बोराही गई।
परम पूज्य आचार्य नित्यानंद सुरीश्वर जी महाराज साहब के मांगलीक पाठ के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
धर्मसभा का संयोजन एवं विवरण सहित संचालन सराहनीय रहा। यह संयोजन प्रवीण डी जैन ने किया था।
गुरुदेव के यहां 2 दिनों के प्रवास में श्रीगंगानगर पीलीबंगा ऐलनाबाद व हनुमानगढ़ से भी अनेक भक्तगण पधारे।
श्री आत्मवल्लभ समुद्र इंद्र दिन सुरीश्वर महाराज के पट्टधर शांतिदूत आचार्य श्रीमद् विजय नित्यानंद सुरीश्वर जी महाराज पन्या सरवर धर्मशील विजय जी प्रखर वक्ता मोक्षा नंद विजय जी के सानिध्य में सूरतगढ़ में 2 दिन तक धर्म की प्रभावना की अलख जगी।00
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* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 22 जनवरी 2021.
श्री आतम वल्लभ समुद्र इंद्र दिन सुरीश्वर महाराज के पट्टधर शांतिदूत आचार्य श्रीमद् विजय नित्यानंद सुरीश्वर जी महाराज पन्या सरवर धर्मशील विजय जी प्रखर वक्ता मोक्षा नंद विजय जी का मुनि मंडल सहित आज सूरतगढ़ में सकल जैन समाज द्वारा प्रवेश करवाया गया।
प्रवीण डी. जैन प्रवक्ता श्री मूर्तिपूजक संघ सूरतगढ़ के अनुसार लाहोटी पेट्रोल पंप से शुरू इस मांगलिक प्रवेश में काफी संख्या में भक्तगण मौजूद थे।
गुरुदेव का प्रवेश गाजे-बाजे के साथ करवाया गया ।
गुरुदेव का विभिन्न जगह पर स्वागत किया गया।
मंगल प्रवेश बाजार से होता हुआ स्थानीय श्री विजय वल्लभ जैन धर्मशाला ( चोपड़ा धर्मशाला) में पहुंचा । गुरुदेव ने सभी को मंगल पाठ सुनाया।
श्री पार्श्वनाथ मूर्तिपूजक संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र चोपड़ा ने बताया कि कल शनिवार को परम पूज्य गुरुदेव नित्यानंद सुरीश्वर जी महाराज के सानिध्य में श्री पार्श्वनाथ जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ के नए भवन का लोकार्पण प्रातः 10:15 बजे किया जाएगा।0
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त्रं
सूरतगढ़ 22 जनवरी 2021.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वी जयंती की पूर्व संध्या पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्मारक समिति सूरतगढ़ की ओर से दीप प्रज्वलित किए गए।
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष डा.टी.एल. अरोड़ा,रमेश चंद्र मथुर, करणी दान सिंह राजपूत, किशन स्वामी,लक्ष्मण शर्मा,योगेश स्वामी, महावीर प्रसाद भोजक,पवन शर्मा, बद्री प्रसाद शर्मा बिनानी,महावीर प्रसाद तिवारी, एडवोकेट पूनम शर्मा,मुरलीधर पारीक आदि ने दीप प्रज्वलित किए।
दीप प्रज्वलित के बाद नेताजी अमर रहे के नारे लगाकर जयघोष किया गया।
नगर पालिका की ओर से नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रतिमा स्थल पर बिजली की रोशनी से सजावट की गई।
नेताजी की जयंती पर 23 जनवरी को सुबह 9:30 बजे प्रतिमा पर माल्यार्पण कार्यक्रम होगा।
इसके पश्चात 10 बजे नजदीकी मैत्री ब्लड बैंक में किशन लाल पारीक की स्मृति में स्मृति में पारीक की स्मृति में स्मृति में रक्तदान शिविर लगाया जाएगा। स्व.पारीक सुभाषचन्द्रबोस संघ के 1969 से पूर्व अध्यक्ष रहे थे। रक्तदान शिविर का शुभारंभ पत्रकार लोकतंत्र सेनानी करणीदानसिंह राजपूत फीता काट कर करेंगे। राजपूत किशनलाल पारीक के बाद सन 1969 में नेताजी सुभाषचंद्र बोस संघ के अध्यक्ष बने थे।
नेताजी की 125 वीं जयंती को आदर्श मानकर 125 से अधिक व्यक्ति रक्तदान करेंगे। 0
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 20 जनवरी 2021.
गुरू गोविन्दसिंह जयन्ती के पावन पर्व पर राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार ,राजस्थानी रामलीला के लेखक मंचनकर्ता,केन्द्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार ( अनुवाद) से सम्मानित मनोज कुमार स्वामी की राजस्थानी बाल एकांकी संग्रह "सरहिन्द रो साको" पुस्तक का विमोचन किया गया। यह लोकार्पण कार्यक्रम गुरूद्वारा गुरू सिंघ सभा सूरतगढ़ में हुआ। गुरू गोविंद सिंह जी के दो पुत्रों को दीवार में चिनवाए जाने की शहादत पर पहली एकांकी है और पुस्तक के आवरण पृष्ठ पर उसी शहादत का रेखाचित्र प्रकाशित है।
मनोज स्वामी को गुरूद्वारा सिंह सभा कमेटी ने सिरोपाव भेंट कर सम्मानित किया।
पुस्तक विमोचन के अवसर पर सूरतगढ़ के प्रसिद्ध व्याख्याता प्रवीण भाटिया ने कहा की "सरहिन्द रो साको" बाल एकांकी संग्रह बालकों में देश भक्ति की भावना को जगाने का महत्वपूर्ण कार्य करेगी और मातृभाषा राजस्थानी के प्रति बालकों का जुड़ाव होगा।
अंग्रेजी शिक्षक अनिल चुघ ने इस बाल एकांकी संग्रह को बालकों में संस्कार के बीजारोपण की महत्वपूर्ण कड़ी बताया।
पुस्तकों के समीक्षक मांगीलाल शर्मा ने मनोज स्वामी की रचनाओं को समाज के हर वर्ग की समस्या को उजागर करने वाली सामाजिक,नैतिक शिक्षा से ओतप्रोत बताया।
राजस्थानी के व्याख्याता सुरेन्द्र स्वामी के अनुसार राजस्थानी भाषा के प्रति तन,मन धन से समर्पित मनोज स्वामी की प्रत्येक रचना अपने आप में महत्वपूर्ण है। हमें मनोज स्वामी की साहित्य साधना से शिक्षा लेते हुए ,अपनी मातृभाषा राजस्थानी का प्राथमिक शिक्षा,उच्च शिक्षा में विस्तार करना अतिआवश्यक है।
एडवोकेट कमल पारीक ने इस अवसर पर सरहिन्द रो साको पुस्तक के विभिन प्रसंगो पर चर्चा करते हुए बताया की प्रदेश की प्रतियोगी परीक्षाओं में राजस्थानी भाषा कला, संस्कृति, साहित्य का पाठ्यक्रम जुड़ने से राजस्थान के युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिलने शुरू हुए हैं। इस लिए भाषा का विस्तार और संवर्धन जरूरी है।
गुरुद्वारा श्री सिंह सभा अध्यक्ष प्रीतम सिंह गिल,गुरदीप सिंह भूंई, टैगोर महाविद्यालय के निदेशक गगन सिंह, ओमप्रकाश साबनिया,मुरलीधर पारीक,हरीश स्वामी, विविधा अध्यक्ष योगेश स्वामी, किशन स्वामी,अशोक स्वामी, टाबर टोली में निखिल,रामप्रताप, सुरजीत, इमरान, रोहित, उत्तम, तपेश, राजकमल आदि मौजूद रहे। 00
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* करणीदानसिंह राजपूत *
बकरियां खेजड़ी व कंटीले पेड़ों का लूंग पत्ते झड़ बेरी के पत्ते, पाला,घास आदि खाती थी। जंगलों में ये बेशुमार उपलब्ध थे। यही प्रमुख चारा था।
अब कस्बों शहरों के पास जंगल चारागाह खत्म कर दिए गए। अब बकरियों को क्या चराया जाए कि उनका पेट भर जाए?
भूख मरती बकरियां अब पीपल के पत्ते भी चरने लगी हैं। बकरी पालक पीपल के नीचे की टहनियों को छांग कर जमीन पर गिराते हैं जिन्हें बकरियां चरती हैं।
* सूरतगढ़ का दृश्य।
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