* करणीदानसिंह राजपूत *
बकरियां खेजड़ी व कंटीले पेड़ों का लूंग पत्ते झड़ बेरी के पत्ते, पाला,घास आदि खाती थी। जंगलों में ये बेशुमार उपलब्ध थे। यही प्रमुख चारा था।
अब कस्बों शहरों के पास जंगल चारागाह खत्म कर दिए गए। अब बकरियों को क्या चराया जाए कि उनका पेट भर जाए?
भूख मरती बकरियां अब पीपल के पत्ते भी चरने लगी हैं। बकरी पालक पीपल के नीचे की टहनियों को छांग कर जमीन पर गिराते हैं जिन्हें बकरियां चरती हैं।
* सूरतगढ़ का दृश्य।
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