मंगलवार, 3 मार्च 2020

आंखों में रहेगी तस्वीर तुम्हारी - काव्यशब्द-करणीदानसिंह राजपूत



तुम्हारे बाहर जाने के बाद

कैसे कटेंगी मेरी रातें?

हर समय आती रहेंगी

यादें तुम्हारी।


मोबाइल गैलरी में

फोटो देखते तुम्हारे

गुजारेंगे रातें और

बिताएंगे समय जुदाई।


तुम्हारा चेहरा रहेगा सामने

उसमें खोजते रहेंगे खूबसूरती

कैसे बढी थी नजदीकियां

कैसे नजरें मिलाते थे हम।


अभी भी नहीं मिलते 

थोड़े से समय में भी

तड़प उठ पूछ लेते हम

कहां हो तुम?


पहले जाने वाले से

कहा जाता था 

बार बार

चिट्ठी पत्री लिखते रहना।


अब तो समय बदला

हम तुम भी बदले

चिट्ठी पत्री का नहीं 

काल का कहते हैं बारबार।


तुम्हारे जाने के बाद

कैसे कटेंगी मेरी रातें?

हर समय आती रहेंगी

यादें तुम्हारी।


*काव्यात्मक संदेश*

करणी दान सिंह राजपूत,


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