शुक्रवार, 12 अगस्त 2011

कन्या दो कुलों की विकास यात्रा में अपना योगदान देती है

रिपोर्ट: 10 अगस्त 2011.
कन्या को बचाए जाने का संकल्प दिलाया गया
गर्भस्थ शिशु संरक्षण समिति का आयोजन
करणीदानसिंह राजपूत
सूरतगढ़, 12 अगस्त। गर्भस्थ शिशु संरक्षण समिति की ओर से गर्भ में कन्या भ्रूण की हत्या रोकने पर दस अगस्त को सूर्यवंशी बाल उच्च माध्यमिक विद्यालय में विचार गोष्ठी हुई जिसमें कन्या और पुत्र को समान बताते हुए विचार आए।
    छात्रा यासमीन ने कहा कि कन्या दो कुलों की विकास यात्रा में अपना योगदान देती है। छात्र गौरी शंकर ने कहा कि प्रकृति ने दोनों को ही सृष्टि के निर्माण के लिए समान रूप में पैदा किया है तो इनके बीच में भेद नहीं किया जाना चाहिए। कुमारी रजत ने कहा कि कन्या नहीं बचायेंगे तो बहु कहां से लाऐंगे। छात्र संदीप कुमार ने कहा कि कन्या को अमंगलकारी मानते हुए उसकी हत्या भ्रूण में ही की जाने लगी है। हमें समाज की सोच बदलनी होगी कि कन्या मंगलकारी है और परिवार की शुभ चिंतक भी। छात्र सूरजभूकर ने कहा कि लडक़ी कुल की मर्यादा रखने वाली होती है। छात्रा हेमलता ने कहा कि कन्या को किस तरह से बचाया जाये पर समाज को सचेत किया जाना चाहिए। दीपिका ने भी कन्या को बचाने की अपील की।
    गर्भस्थ शिशु संरक्षण समिति के अध्यक्ष परसराम भाटिया, साहित्यकार मनोज स्वामी, पत्रकार करणीदानसिंह राजपूत ने कन्या की समाज में जरूरत पर अनेक उदाहरण दिए। मुरलीधर पारीक ने कन्या को बचाए जाने का संकल्प दिलाया जिसको हाथ उठा कर छात्र छात्राओं ने स्वीकार किया। संरक्षक प्रयागचंद अग्रवाल ने भाषण देने वाले छात्र छात्राओं को पुरस्कार वितरित किए व विचार रखे। विद्यालय के व्यवस्थापक प्रेमसिंह सूर्यवंशी ने विचार रखे एवं कार्यक्रम का संचालन किया।

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