मील को चुनौतियां:सूरतगढ़ सीट पर कौन मजबूत: काग्रेस टिकट किसको?
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 26 अगस्त 2023.
सूरतगढ सीट पर कांग्रेस की लगातार दो बार पराजय के बावजूद इसबार 2023 के लिए कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़नै की उत्सुकता है।
इसी उत्सुकता के तहत इस बार एक महिला नेता जुलेखां बेगम ने भी दावा कर राजनीति को गर्मा दिया है।
कांग्रेस की टिकट मांगने वालों में 13 आवेदक हैं। इन तेरह में से कौन कौन पांच टिकटार्थी भारी रहेंगे जिनके नाम पैनल में जाएंगे। यह अनुमान कांग्रेस के कार्यकर्ता और इलाके के मतदाता निश्चित ही लगाएंगे।
1- हनुमान मील
2- डूंगरराम गेधर
3- बलराम वर्मा
4-परमजीत सिंह रंधावा
5-अमित कड़वासरा
6- जुलेखां बेगम
7-इन्द्रजीत रंधावा
8-अमरसिंह गोदारा
9-प्रभुराम सेन
10-कृष्ण गोदारा
11-बालूराम जालप
12-कालूराम थोरी
13-गगनसिंह वडिंग.
* सूरतगढ़ क्षेत्र में 20 साल से राजनीतिक सिरमौर या पावरफुल रहे और 2008 से 2013 तक विधायक रहे गंगाजल मील परिवार को 2013 से जबरदस्त चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। मील परिवार 2013 और 2018 में कांग्रेस की टिकट तो ले आए मगर सही व्यवस्था से चुनाव नहीं लड़नै के कारण हार भी गये। 2013 में गंगाजल मील दुबारा टिकट लेने में तो सफल हो गये मगर करारी हार हुई। 33 हजार से अधिक वोटों से भाजपा के राजेंद्र सिंह भादू से हारे और तीसरे नम्बर पर रहे। यह करारी हार थी। दूसरे क्र्म पर बसपा के डुंगरराम गेधर रहे जो इस बार कांग्रेस में हैं और टिकट के दावेदार भी हैं।
* 2018 में मील परिवार फिर से टिकट लेने में सफल हो गया। युवा नेता के रूप में हनुमान मील को टिकट मिल गई लेकिन साढे दस हजार वोटों से खुद की लापरवाही और मतदान के सात आठ दिन पहले की सुस्ती और खर्च से हाथ खींच लेने से हार गये। रामप्रताप कासनिया से करीब साढे दस हजार वोटों से हारे। मील सुस्त नहीं पड़ते तो मतदान हुए मतों में से केवल 6 हजार वोट ले लेते तो जीत जाते चाहे बहुत कम वोटों चार पांच सौ से जीतते। लेकिध जीत जाते।
* 2013 और 2018 में पराजय के बाद 2023 में मील को चुनौतिया अधिक पावरफुल नजर आ रही है।
टिब्बा क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्र में जहां कोई मील के विरुद्ध एक शब्द बोलने को तैयार नहीं था। वहां 2023 में टिकट मांगने में भी चुनौतियां शुरू हो गई है।
& मील के लिए इस बार भारी पड़ने वाली चुनौतियां और चुनौतियां देने वाले सामना करने वालों में एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं है जो पीछे हटने की सोच रखता हो।
** जबरदस्त चुनौती तो कांग्रेस पार्टी में एक महिला नेता जुलेखां बेगम ने दी है जो जिला परिषद की सदस्य है। सूरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा उसके जोन में आता है जहां से वह जीती।
* टिब्बा क्षेत्र में कालूराम थोरी भी टिकट मांग कर सामने आ चुका है। कालू थोरी छात्र राजनीति से ही पावरफुल है और करीब 20 साल से सक्रिय माना जाना चाहिए। मील के नजदीकी माने जाने वाले परिवारों में थोरी कुनबा है।
* डूंगर राम गेधर इलाके की राजनीति में चप्पै चप्पै से जुड़े चुनावों के अनुभवी बहुत भारी वजनदार नेता बन गएहैं। बीरमाना में राजकीय महाविद्यालय खुलवाने के बाद उनकी राजनीतिक क्षमता बहुत अधिक हो गई है।
* परमजीत सिंह रंधावा पावरफुलल नेतृत्व करने में आगे रहे हैं और लोकप्रिय आदर सम्मान वाले हैं।
कृष्ण गोदारा पंचायत समिति में उप प्रधान पद पर रह चुके हैं। गगनसिह विडिंग युवकों के सरताज हैं।
* बलराम वर्मा राजनीति में पिछले 40 साल से अपना डंका बजा रहे हैं।
*अमित कड़वासरा पारिवारिक दृष्टि से बहुत मजबूत हैं।
*इंद्रजीत रंधावा अमर सिंह गोदारा बालूराम जालप और प्रभुराम सैन भी टिकट की दावेदारी में हैं।
👍कांंग्रेस में मील को टिकट लेने में सर्वाधिक चुनौती डुंगरराम गेधर से मिली है।
👍इस बार मील को चुनौतियां भारी हैं और टिकट पर असर डालने वाली हैं। मील की चूक रही तो टिकट किसी दूसरे को मिल सकती हैं। राजनीति के महारथी लापरवाही से चूक करते हैं। देखते हैं मील कितने सतर्क सावधान जागते रहते हैं।०0०
26 अगस्त 2023.
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकार,
( राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत)
सूरतगढ ( राजस्थान )
94143 81356.
*******