श्रीगंगानगर: राजस्थानी युवा लेखक सम्मेलन:रपट पहला दिन 23 अप्रैल 2022
* करणीदानसिंह राजपूत *
श्रीगंगानगर 23 अप्रैल 2022.
💐 वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मंगत बादल ने कहा है कि आने वाली पीढ़ी अपनी भाषा और संस्कृति से जुड़ी रहे, इसके लिए ही इस इलाके में राजस्थानी युवा लेखक सम्मेलन जैसे कार्यक्रम करवाए जा रहे हैं। क्योंकि इन कार्यक्रमों से ही युवाओं को भाषा और संस्कृति से जोड़ा जा सकता है और इसी से हमारी संस्कृति बची रह सकती है।
वे शनिवार को यहां साहित्य अकादेमी और सृजन सेवा संस्थान के संयुक्त तत्त्वावधान में चौधरी बल्लूराम गोदारा राजकीय कन्या महाविद्यालय के सभागार में आयोजित दो दिवसीय राजस्थानी युवा लेखक सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थानी को रोजी-रोटी से जोडऩा बहुत जरूरी है। इसी से व्यक्ति अपनी जड़ों से जुड़ा रह सकता है।
* कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समाजसेवी एवं उद्योगपति आदित्य चितलांगिया ने कहा कि भाषा में तभी सहज रहा जा सकता है, जब हम अपनी मातृभाषा में बात करते हैं। जब हम मातृभाषा में कोई बात कहते हैं तो वह दिल से निकलती है।
* प्रारंभिक वक्तव्य देते हुए साहित्य अकादेमी के राजस्थानी परामर्श मंडल के संयोजक मधु आचार्य 'आशावादीÓ ने कहा कि अगर हम राजस्थानी छोड़ देंगे तो हमारे संस्कार, घर, परिवार और पहचान तो छूटेगी ही, हमारा रोजगार भी छिन जाएगा। बाहर से आए लोग ही राजस्थान में नौकरियां हासिल करेंगे। उन्होंने कहा कि एक लेखक ही दूसरे व्यक्तिकी पीड़ा को महसूस कर सकता है, उसे शब्दों में पिरोकर प्रस्तुत कर सकता है क्योंकि ईश्वर ने उसे परकाया परवेश की शक्ति प्रदान की है। आशावादी के अनुसार युवा लेखक सबल होगा तो हमारा साहित्य सबल होगा। इसलिए युवाओं को प्रोत्साहन की बहुत आवश्यकता है।
* स्वागताध्यक्ष राजकीय कन्या महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. आशा शर्मा ने कहा कि हम अपनी मातृभाषा में ही प्रभावी अभिव्यक्ति कर सकते हैं। इसलिए हम सभी को अपनी मातृभाषा से सदैव जुड़े रहना चाहिए। राजस्थानी भाषा के साहित्यकारों का सम्मेलन राजकीय कन्या महाविद्यालय में होने पर उन्होंने प्रसन्नता जताते हुए सभी का स्वागत किया।
* साहित्य अकादेमी के सहायक संपादक ज्योतिकृष्ण वर्मा ने राजस्थानी युवा लेखक सम्मेलन की रूपरेखा बताई और कहा कि राजस्थानी में प्रचुर मात्रा में प्रभावी लेखन हुआ है।
* इस सत्र का संचालन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आशाराम शर्मा ने किया।
💐 इसके बाद पहला सत्र कविता पाठ का हुआ। इसकी अध्यक्षता बीकानेर से आए साहित्यकार राजेंद्र जोशी ने की। उन्होंने युवा कवियों की कविताएं सुनकर कहा कि राजस्थानी कविता के प्रति भरोसा और मजबूत हुआ है।
*इस सत्र में सपना वर्मा (रावतसर), महेंद्रसिंह सिसोदिया छायण (जोधपुर) एवं अखिलेश अखिल (कोटा) ने अपनी कविताओं से समां बांधा। इस सत्र का संचालन सुषमा गुप्ता ने किया।
💐 दूसरे सत्र में 'मैं क्यों लिखता/लिखती हूंÓ विषय पर आलेख पाठ हुआ। सत्र की अध्यक्षता मधु आचार्य आशावादी ने की। सत्र में शशांक जोशी (बीकानेर), कृष्णा जांगिड़ 'कीर्तिÓ (सूरतगढ़) एवं विनीता शर्मा (बीकानेर) ने अपने आलेख पढ़े और लेखन संबंधी अपनी अनुभूतियों को श्रोताओं से सांझा किया। इस सत्र का संचालन जिला पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. रामनारायण शर्मा ने किया।
* इस मौके पर कांकरोली से आई साहित्यकार कुसुम अग्रवाल के सद्य प्रकाशित राजस्थानी बाल गीत संग्रह 'टाबरां रा गीतÓ का विमोचन भी किया गया।
सम्मेलन के दूसरे दिन रविवार को भी तीन सत्र होंगे। पहले सत्र में कहानी पाठ, दूसरे में कविता पाठ एवं तीसरा समापन सत्र होगा।
(कृष्णकुमार आशु )०0०