आओ!आओ!!
सब मिल आओ।
पेड़ लगाएं पौधे रोपें
मैं गड्ढे खोदूं तुम पानी लाओ।
सरपंच जी को बुलाओ
स्कूल की घंटी बजाओ
लड़के लड़कियों को पुकारो
आवाज देकर नाम लेकर।
कोई नीम लगाओ कोई बरगद
कोई पीपल खेजड़ी लगाओ
तालाब के किनारे कतार में रोपें।
गौशाला की चारदीवारी
पाठशाला का परिसर
कोई स्थान बाकी न बचे
कोई जमीन खाली न बचे।
ग्राम पंचायत का परिसर
स्वास्थ्य केंद्र की भूमि
सब में हो हरियाली।
हंसते हंसते गाते गाते
पौधे रोप डालो पौधे रोप डालो
मां बहन बेटी करेंगी सिंचाई
पौधे बनेंगे पेड़।
कोई देगा फल तो कोई देगा छाया।
कोई दादा कोई पोता पोती
कहीं नाना तो कहीं दोयता दोयती
इनकी छाया में सुस्ताएंगे।
बच्चे बच्चियां खेलेंगे नाचेंगे
गाएंगे और धूम मचाएंगे।
गायें भैंसे रंभाएंगी छाया में और
भेड़ बकरियां मिमयाएंगी।
पेड़ों के पत्ते डालिया करेंगे प्रेम
लिपट चिपट कर इठलाते।
मंदिर की घंटियां टन्नाएंगी
ढोल नगाड़े ढमा ढम होंगे
मन हर्षित होगा तन हर्षित होगा।
एक पुकार होगी एक आवाज होगी
आओ आओ सब मिल आओ
पेड़ लगाओ पौधे रोपो।
सावन का महीना कितना सुहाना
बरखा की रिमझिम बूंदों का
धरती से मधुर मिलन।
सुनो,सब सुनो।
बरखा की बयार कहती
पेड़ लगाओ पौधे रोपो
वह ऊंचा आसमान छूता
सोनेरी बालू रेत का टिब्बा
कितना मीठा मीठा पुकार रहा
आओ आओ सब आओ।
मेरे सोनेरी रूप में
हरियाला सिंगार करो
पेड़ लगाओ पौधे रोपो।
देखो समझो गांव की रीत
तीज मनाती लड़कियां
नाचती गाती गीत।
गड्ढे खोदती लड़कियां
पौधे रोपती लड़कियां
पानी देती लड़कियां।
कितना सुहावना मौसम
और कितना अनूठा संयोग है
वो पुराने पेड़ पुकार रहे
सुनो ध्यान से कान लगाकर
कुछ कह रहे हैं
इशारा भी कर रहे हैं।
हमारे तनों के पास देखो
जमीन पर निहारो।
हमारे वंश को देखो।
छोटे-छोटे बहुत पौधे
उगे हैं अपने आप
ये मर नहीं जाएं।
इनको भी संभालो।
मिट्टी को साथ रखते गट्टे निकालो।
इनके गट्टों को भी कहीं दूर लगादो।
ये बच्चे हैं हमारे,
प्राणों से ज्यादा प्यारे
इनको कहीं लगा दो
इनके प्राण बचालो
इनका जीवन भी होगा बलिदानी
जब ये पेड़ बनेंगे फल देंगे खट्टे मीठे
और छाया देंगे सुहानी।
मन हरसाएगा गीत गाएगा
जब पक्षी घोंसले बनाएंगे।
उनके अंडों से निकलेंगे चूजे
चहचहाहट होगी उनकी।
मंद मंद बहती सुगंधित हवा
प्यार का संदेश देगी।
धरती बोलेगी मधुर वाणी
आओ आओ सब मिल आओ
पौधे रोपो पेड़ लगाओ।००
*****
करणी दान सिंह राजपूत,
पत्रकार,
सूरतगढ़ (राजस्थान)
( यह कविता 2006-7 के आसपास रची गई। आकाशवाणी केन्द्र सूरतगढ़ में रिकॉर्ड हुई और प्रसारित हुई।*
*अपडेट 5 जून 2024.
********