रविवार, 31 दिसंबर 2017

जापान सरकार के आमंत्रण पर छात्रा कोमल कंवर शेखावत की जापान यात्रा:

 -  करणीदानसिंह राजपूत -

भारत की विश्व विख्यात छात्राओं की शिक्षण संस्था वनस्थली विद्यापीठ की छात्रा कुमारी  कोमल कंवर शेखावत की जापान की शैक्षणिक यात्रा जापान की सामाजिक ऐतिहासिक विविधतापूर्ण संस्कृति की जानकारी उच्चकोटि की तकनीकी और विकास की जानकारी युवाओं को देने के लिए जापान के युवा विभाग के मंत्रालय की ओर से आयोजित की गई थी। यह यात्रा "JENE sys 2017( Japan east Asia network of exchange for students and youth) SAARC countries economic cooperation कार्यक्रम के तहत थी।

 सार्क देशों के युवा और छात्र एवम छात्राओं ने भाग लिया था। 

कोमल कंवर शेखावत का वर्णन प्रथम दृष्टि से इसलिए किया जाना महत्वपूर्ण है कि वह उत्तर भारत की तरफ से एकमात्र छात्रा चयनित हुई थी। कुमारी कोमल शेखावत ने भूटान नेपाल और भारत के तीन देशों के ग्रुप में यह यात्रा प्रतिनिधित्व के रूप में की।

 इस यात्रा में भारत के कुल 16 छात्र छात्राओं ने भाग लिया था। आठ  छात्र छात्र मास्टर डिग्री में अध्ययन करने वाले और  आठ छात्र-छात्रा 11वीं 12वीं कक्षाओं के थे।

 जापान के युवा मंत्रालय के इस आयोजन में भारत की सभी  यूनिवर्सिटी से एक एक  प्रतिभागी का चयन होना था। वनस्थली विद्यापीठ ने शैक्षणिक योग्यता सामान्य ज्ञान और अंग्रेजी भाषा संवाद कौशल के आधार पर कोमल कंवर शेखावत का चयन इस यात्रा के लिए किया।

 यह यात्रा 26 नवंबर से 6 दिसंबर तक हुई जिसमें 27 नवंबर से 5 दिसंबर तक सभी जापान में रहे।

 हम मानते हैं कि अपने शहर में आस पड़ोस की जानकारी की जिज्ञासा होती है। वह जिज्ञासा बढ़ते हुए पड़ोस के शहरों की,पड़ोस के प्रांत की,पड़ोस के देशों की ओर बढ़ती हुई दूरस्थ देशों की जानकारी के लिए बढ़ती जाती है। हम अवगत हों मेलजोल हो बहुत सी सामाजिक जानकारियां और आधुनिक तकनीकी जानकारियां अपने मस्तिषक में सामान लेने की चाहत होती है। यह भी सोचते हैं कि जो कुछ हमने जाना देखा सीखा,हमारा ज्ञानवर्धन हुआ वह समाज के विभिन्न वर्गों के लाभ के लिए और देश के लाभ के लिए प्रचारित और प्रसारित कर दें ताकि अन्य लोग उन जानकारियों का लाभ उठा सकें। कोमल कंवर शेखावत भी इसे बांटने की इच्छुक हैं।

कोमल कंवर शेखावत ने जापान की इस यात्रा में क्या कुछ देखा क्या पाया? उसकी विस्तृत रिपोर्ट जब देगी तो उसमें बहुत कुछ सामग्री होगी। वैसे तो रिपोर्ट सौंपने की अवधि 3 महीने से 9 महीने के बीच में है। हम कोशिश करेंगे कि कोमल कंवर शेखावत जब अपनी रिपोर्ट पेश करें तब उसके बारे में भी समुचित जानकारी हमारे असंख्य पाठकों को दे सकें। 

जापान के युवा मंत्रालय ने जानकारियों के आदान-प्रदान के रूप में है आयोजन किया था जिसमें  Tepia advanced technology gallery, North Asia University, Warabi za co.ltd. (रंगमंच),Akita shuroi seizoh co.ltd.( उद्योग) का अवलोकन किया। जापान में लोगों के नीति निर्माण पर व्याख्यान आदि भी शामिल थे।अकिता प्रिफेक्चर में द्विदिवसीय जापानी परिवार के संग गृह निवास भी था। यह निवास भी रोचक अनूभूति व आनंददायक रहा होगा।

जापान समुद्रतटीय भूकंपीय पट्टी में अनेक बार की विनाशलीलाओं में संकट झेलते हुए नयी तकनीक में आगे बढने वाले देशों में हैं। वहां के युवा निश्चित रूप से देश के विकास में बहुत बड़ा योगदान देते हैं। वहां के स्त्री पुरुष राजनेता भी अपने देश को पूरे विश्व में शक्तिशाली देश के रूप में स्थापित कर चुके हैं। जापान के ज्ञान विज्ञान में तकनीकी में झांकने की कोशिश कोमल कंवर शेखावत ने की है। 

कोमल कंवर शेखावत का सपना भी अपने देश भारत को सर्वोच्च स्थान पर देखने का है। कोमल कंवर शेखावत अर्थशास्त्र की छात्रा है। शैक्षणिक जीवन बड़ा ही जीवट वाला रहा है।

 सैनिक परिवार में जन्मी मां अचरज कंवर जोधा( राठौड़) व सूबेदार प्रेम सिंह शेखावत की संतान  कोमल कंवर शेखावत की शिक्षा विभिन्न स्थानों पर हुई। जहां जहां इनके पिता सूबेदार प्रेम सिंह शेखावत रहे। पिता की  सीमा क्षेत्र में ड्यूटी थी जहां शिक्षा के लिए कोमल को दूर भी रहना पड़ा था।

कोमल के पिता प्रेम सिंह शेखावत सेना से सेवानिवृत्त होने के पश्चात अब राजस्थान के सूरतगढ़ में श्री सीमेंट कंपनी में सुरक्षा अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।

कोमल कंवर शेखावत ने शिक्षा में भी नाम रोशन किया है। मोदी यूनिवर्सिटी में भी वह अग्रणीय छात्राओं में रही थीं।

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 कोमल कंवर शेखावत














दायें से - कोमल कंवरशेखावत,माता श्रीमती अचरज कंवर, पिता प्रेम सिंह शेखावत,भाई अजय सिंह शेखावत।

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