रविवार, 25 जून 2017

आनंदपाल की कुख्यात कहानी का अंत 21 लोगों को था जान का खतरा

राजाराम मील विधायक हनुमान बेनीवाल सहित 21 लोगों को जान को खतरा था।

जयपुर. 25-6-2017.


करीब डेढ़ साल से फरार चल रहा कुख्यात बदमाश आनंदपाल सिंह आखिरकार मारा गया। शनिवार रात करीब 11:25 बजे एसओजी ने चूरू के मालासर में मुठभेड़ के दौरान उसे मार गिराया। मुठभेड़ के दौरान आनंदपाल और उसके दो साथियों ने एके 47 व अन्य हथियारों से 100 राउंड फायर किए। इस दौरान आनंदपाल को छह गोलियां लगी। एसओजी के सीआई सूर्यवीर सिंह के हाथ में फ्रेक्चर आया, जबकि पुलिसकर्मी सोहन सिंह गोलियां लगने से घायल हो गया। आनंदपाल के पास से 2 एके-47 व 400 कारतूस मिले हैं। 

एसओजी ने आनंदपाल के दो भाइयों देवेंद्र उर्फ गुट्‌टू और विक्की को हरियाणा के सिरसा से गिरफ्तार किया था।


मालासर में छिपा था


पूछताछ में पता चला कि आनंदपाल मालासर में श्रवण सिंह के घर पर छिपा हुआ है। डीजीपी मनोज भट्ट ने बताया कि पिछले डेढ़ माह से एसओजी के आईजी दिनेश एमएन के सुपरविजन में एडिशनल एसपी संजीव भटनागर हरियाणा में डेरा डाले हुए थे। इस दौरान संजीव भटनागर को आनंदपाल के भाई विक्की व देवेन्द्र को सिरसा में दबिश देकर शाम छह बजे गिरफ्तार किया। इसके बाद एसओजी की एक टीम करण शर्मा के नेतृत्व में चूरू जिले के मालासर गांव में पहुंची। यहां आनंदपाल दो दिन पहले आया था। एसओजी ने घेराबंदी कर आनंदपाल को जीवित पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन वह छत पर जाकर पुलिस पर फायरिंग करने लगा। आनंदपाल ने करीब 100 राउंड फायर किए। एसओजी की जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया।




21लोगों को जान का खतरा था


इंटेलीजेंस ने सरकार को रिपोर्ट भेजी थी कि आनंदपाल के खिलाफ दर्ज केसों में बने गवाह, विरोधी राजू ठेहट की गैंग का सहयोग और उसका विरोध करने वाले लोगों की जान को खतरा है। इंटेलीजेंस के अफसरों का मानना था कि आनंदपाल के फरार होने के बाद कई नेताओं को भी खतरा था। 

इनमें विधायक 1.हनुमान बेनीवाल, 2.चेतन डूडी, 3.बजरंगलाल फोगड़ी,4. गोपालराम, 5.रामप्रकाश, प्रमोद,6. इंद्रचंद जाट, 7.एडवोकेट रामेश्वर भाकर, 8.चूरू निवासी वीरेन्द्र कुमार, 9.सीताराम,10. रामनारायण 11

रामनिवास, 12.बीकानेर निवासी हनुमान जाखड़, 13.ओमप्रकाश ठेहट, 14.सीकर निवासी हरिराम रणवां, 15.ओमप्रकाश जिगर, 16.दिनेश, 17.मनोज आेला, 18.रामचन्द्र और 19.जयपुर निवासी राजाराम मील 20.गगन शर्मा आदि के नाम शामिल थे। इन सभी पर कभी आनंदपाल या फिर उसकी गैंग के सदस्य कभी भी जानलेवा हमला कर सकते थे। 

5 राज्यों में 12 ठिकाने


आनंदपाल के पांच राज्यों में 12 ठिकाने थे। आनंदपाल लूट, डकैती, गैंगवार, हत्या जैसे 24 मामलों में अपराधी था।


पेशी के दौरान भागा था


3 सितंबर 2015 को अजमेर पुलिस आनंदपाल को नागौर के लाडनूं में पेशी पर लेकर आई थी। पेशी से लौटते समय योजना के अनुसार परबतसर के पास बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी और आनंदपाल, श्रीवल्लभ व सुभाष मूंड को छुड़ाकर ले गए। आनंदपाल पुलिस की एक एके-47 भी अपने साथ ले गया था।


बेटी की भूमिका भी संदिग्ध


 एसओजी ने आनंदपाल की बेटी की भूमिका को भी संदिग्ध माना था। अब एसओजी आनंदपाल की बेटी को भी गिरफ्तार कर सकती है। आनंदपाल की बेटी ने जीवनराम गोदाराम हत्याकांड के गवाहों को मैनेज करने के लिए अपने पिता के साथ मिलकर फरारी की रणनीति बनाई थी। इसके बाद वह महेन्द्र सिंह व केसर सिंह के माध्यम से कमांडो शक्ति सिंह से मिली थी। इसके बाद आनंदपाल की गैंग के सदस्यों ने योजना बनाई थी। इसके लिए शक्ति सिंह ने पैसे लिए थे।


एसओजी पहुंचती उससे पहले आनंदपाल गायब हो जाता


- फरारी के पांच माह बाद नागौर पुलिस ने आनंदपाल का पीछा किया, लेकिन वह कमांडो खूमाराम पर फायरिंग कर भाग गया। फायरिंग से खुमाराम की मौत हो गई थी।

- एसओजी ने आनंदपाल के साथी को भरतपुर से गिरफ्तार किया था। आनंदपाल तब ग्वालियर में था। एसओजी कुछ घंटों बाद ग्वालियर उसके ठिकाने पर पहुंची तो वह भाग गया।

- जोधपुर के फलौदी इलाके में एक माह पहले एसओजी ने दबिश दी, लेकिन आनंदपाल एक दिन पहले ही वहां से भाग गया। ऐसे में एसओजी ने शरण देने वाले आरोपियों को  गिरफ्तार किया।

- बीकानेर अमनदीप सिंह के फार्म हाउस से पुलिस व एसओजी की दबिश से तीन दिन पह पबले आनंदपाल भाग गया था। एेसे में एसओजी को अमनदीप सिंह को ही गिरफ्तार करना पड़ा।

- किशनगढ़ में आनंदपाल अपनी गैंग के सदस्य के पास डेढ़ माह पहले आया हुआ था, लेकिन एसओजी के पहुंचने से पहले वह भाग गया। इसके अलावा पंचकुला हरियाणा से भी पुलिस के पहुंचने से पहले आनंदपाल भाग गया था।


सीआई सूर्यवीर व सिपाही सोहन घायल

आनंदपाल से मुठभेड़ के दौरान एसओजी के सीआई सूर्यवीर सिंह के हाथ में फ्रेक्चर आया। इसके अलावा  पुलिसकर्मी सोहन सिंह गोलियां लगने से घायल हो गया। सोहन की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 



जयपुर: 

आनंदपाल करीब दो दर्जनों मामलों में डीडवाना, जयपुर, सीकर, सुजानगढ, चूरू, सांगानेर सहित अन्य स्थानों पर वांछित था. वह नागौर के डीडवाना में जीवन राम गोदारा की हत्या, सीकर जिलें में गोपाल फोगावट हत्या मामले में वांछित था.


फेसबुक पर भी एक्टिव था आनंदपाल

आनंदपाल फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने फैन्स के लिए एक सोशल पेज भी चलाता था. वह अपने समाज से जुड़ी समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों की कतरन अपने फैंन्स को पोस्ट करता था. फैन फॉलोविंग हजारों भी में है. फेसबुक पर आनंदपाल सिंह के नाम से ही प्रोफाइल है जिसमें उसका फोटो इस्तेमाल किया गया है. 


लेडी डॉन अनुराधा चौधरी से था खास संपर्क

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आनंदपाल के गैंग की सदस्य रही अनुराधा चौधरी फिलहाल जेल में है. अनुराधा उर्फ अनुराग सीकर में रानी सती रोड की मूल निवासी है. 33 साल की इस लेडी डॉन की शादी सीकर के ही दीपक मिंज नाम के व्यक्ति के साथ हो चुकी है. वह शेयर बाजार में काम करती थी. नुकसान होने के बाद उसने गैंगस्टर आनंदपाल से संपर्क बढ़ाया. धीरे-धीरे वह गैंग की अहम सदस्य बन गई.

बता दें कि आनंदपाल पर हत्या, डकैती, अवैध वसूली समेत 28 दूसरे मामले दर्ज हैं। आनंदपाल एके-47, कारबाइन और एसएलआर जैसे अत्याधुनिक हथियार भी वारदातों को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल करता है। आनंदपाल नागौर जिले के लाडनूं का निवासी है। 2006 में उसने छात्र नेता जीवनराम गोदारा की हत्या की थी। साल 2011 में वह गिरफ्तार हुआ। तभी से जेल में था।




उस पर अलावा गैंगवार, हत्या, अवैध वसूली, अपहरण के 28 अन्य मामले भी हैं।  

2001 में अपराध की दुनिया में आया। 300 से ज्यादा गुर्गों की गैंग रखता है। राजस्थान के नागौर, सीकर, चूरू, झुंझुनूं और बीकानेर जिलों में एक छत्र राज था। तीन सितंबर 2015 को जयपुर में पेशी के दौरान पुलिस के हथियार लूटे और तब से फरार था।


गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने अपने ताज़ा बयान में एनकाउंटर में आनंदपाल के मारे जाने पर पुलिस को बधाई दी है वही कहा है कि पुलिस आनंदपाल को जीवित पकड़ना चाहते थी।






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