शुक्रवार, 1 जुलाई 2016

एसीबी टीमें एसडीएम पोटलिया की संपत्ति की जाँच में लगी हैं:


घुमा फिरा कर अखबारों में वही न्यूज दोहराई जा रही है:
-स्पेशल न्यूज -
सूरतगढ़ 1 जुलाई 2016.
एसडीएम रामचन्द्र पोटलिया द्वारा रिश्वत लेने से इन्कार किए गए एक पुराने प्रकरण में एसीबी टीमें जुटी हुई हैं। पहले अखबारों में छपा कि एक फर्म से दूसरी फर्म में तीन लाख रूपए जमा होने की तस्दीक हो गई है। वह क्लियर हो गया कि फर्म मां ब्रह्माणी ट्रेडिंग कं जैतसर में कोई रूपया जमा नहीं है, चाहे जो छपता रहे या बताया जाता रहे। इसका कोई खंडन स्पष्टीकरण कुछ भी पत्रकारों ने जानने की कोशिश नहीं की।
25 जून को छापों में जो दस्तावेज मिले उनके अलावा कोई नया रिकार्ड नहीं मिला।
पोटलिया की पत्नी, पिता प्रभुराम व पुत्र के नाम से संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं। लेकिन जो अफवाहें चल रही है कि पोटलिया अरबपति है,सो ऐसा कोई चमत्कार कहीं नहीं पकड़ा गया। जो संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं ,उनकी जाँच भी आसान नहीं है। सालों लग जाते हैं मालूम करने में कि आय से कितनी संपत्ति ज्यादा है। यह जाँच बहुत पेचीदगी से भरी होती है।
एसडीएम रामचन्द्र पोटलिया के सरकारी निवास सूरतगढ़ में जो संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं उनमें जिसके नाम से खरीद फरोख्त हुई है,उनके नाम पर नोटिस जारी होंगे और उनके जवाब क्या आऐंगे? इसमें काफी वक्त लगेगा। अभी तक जो संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं,वह अरबों वाली बात प्रमाणित नहीं करते। लोगों ने ऐसे प्रचारित किया मानों पोटलिया सारे दिन केवल नोट लेने में ही लगा रहता था और हर रोज पाँच दस लाख रूपए आ जाते थे। दूसरे शब्दों में पोटलिया पर नोटों की वर्षा हो रही थी। अभी दो दिन से अखबारों में चौथई पेज तक के समाचार छपे हैं उनका सार केवल मात्र पांच दस पंक्तियों में ही निकलता है और वे पांच दस पंक्तियां संबंधित न्यूज में ही लगी हुई होती हैं।

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