रविवार, 7 मई 2017

बसपा नेता डूंगर राम गेदर भादू कोठी पर गच्चा खाने लगे




पत्रकारवार्ता में 24 दिसम्बर 2015 को कोठी की शिकायत करने की घोषणा की एवं लिखित विज्ञप्ति में भी यह दावा किया था।
कितनी राजनैतिक पार्टियां व उनके नेता भी गच्चा खा गए हैं। रण करना तो दूर रहा रण के मैदान में भी आना और उसकी तरफ झांकना तक नहीं चाहते।
14-2-2016
update 7-5-2017.



स्पेशल रिपोर्ट - करणीदानसिंह राजपूत 


सूरतगढ़। बसपा नेता डूंगरराम गेदर ने 24 दिसम्बर 2015 को पत्रकार वार्ता की थी। उक्त पत्रकार वार्ता में विधायक राजेन्द्र भादू के 2 सालों में कराए गए कार्यों के दावों को झूठा बताया गया था। भादू ने 16 दिसम्बर को पत्रकार वार्ता में अपने कार्यकाल के 2 वर्षों में कराए गए कार्यों का बखान किया गया था।
गेदर की पत्रकारवार्ता में जब उन दावों को झूठा बताया गया था तब यह भी कहा गया था कि भादू खुद सड़क पर कब्जा किए है। भादू जिस कोठी में रहते हैं वह सड़क पर बनी हुई है। गेदर ने यह घोषणा की थी कि उनकी ओर से भादू की कोठी की शिकायत कर जाँच करवाई जाएगी। यह घोषणा उनकी टाईपशुदा विज्ञप्ति में थी जो पत्रकारों को दी गई थी।
अब करीब डेढ माह बीत चुका है और गेदर का दावा फुस हुआ लगता है। कोई शिकायत करना दूर रहा गेदर व बसपा की ओर से पूर्ण चुप्पी धारण है।

 इसके अलावा यह भी घोषणा की गई थी कि नगरपालिका में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए बसपा में अमित कल्याणा की अध्यक्षता में एक छाया बोर्ड का गठन किया जाएगा जो हर कार्यवाही पर निगह रखेगा। यह छाया बोर्ड भी नहीं बनाया गया। उल्टे नगरपालिका के भ्रष्टाचार पर ही चुप्पी लगाली गई है।
अब यह तो गेदर ही बता सकते हैं कि उन्होंने घोषणाएं क्यों की और उसके बाद चुप्पी क्यों धारण करली। यह चुप्पी अगर किसी गुप्त समझौते या किसी दबाव से है तो कभी भी टूटेगी भी नहीं।
इससे पहले गंगाजल मील ने उपखंड कार्यालय के आगे मुखराम खिलेरी के नेतृत्व में चले आँदोलन में भादू पर आरोप लगाया था कि वह सड़क पर अतिक्रमण हुई कोठी में रह रहते हैं तथा उसकी जाँच करवाने तक की बात कही थी। वे भी गच्चा खा गए और अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।
सभी इस मामले में कोई न कोई गली निकाल रहे हैं। कांग्रेस के अन्य नेता भी चुप हैं।
आम आदमी पार्टी वाले भी अतिक्रमण हटाने की बात तो करते हैं लेकिन इस प्रकार के नेताओं के कब्जों को देखते हुए भी सीधी कार्यवाही की हिम्मत नहीं करते। आम आदमी पार्टी की कार्यवाही केवल बैठकों तक ही सीमित हो कर रह जाती है।
इसके अलावा कुछ और लोगों ने भी 7 फरवरी को अतिक्रमणों को हटाने की बात कही लेकिन उनके मुंह से भी भादू की कोठी की बात नहीं निकली। नगरपालिका बोर्ड की बैठकों में कुछ पार्षद अतिक्रमणों पर बालते रहे हें लेकिन वे भी साफ साफ बात नहीं करते और नेताओं के अतिक्रमणों पर तो एकदम चुप। वैसे भी नगरपालिका में इतना दम नहीं है कि वह भादू की कोठी पर किसी प्रकार की कार्यवाही करे। पालिका अध्यक्ष तो सड़कों और पुुटपाथों पर अभी चल रहे अतिक्रमणों पर झूठे बयान दे रही है कि कहीं अतिक्रमण हो रहें तो कार्यवाही की जाएगी।
बड़े अखबारों में अतिक्रमणों पर छप तो बहुत रहा है मगर सीधे उनकी फोटो या नाम आदि नहीं छापे जा रहे। बड़े जब डरपोक हों तो छोटे अखबारों की तो हिम्मत ही नहीं है।
कुछ दिन पूर्व अतिक्रमण को लेकर पार्षद गोपी नायक व कार्यवाहक ईओ तरसेम अरोड़ा की मुकद्दमेंबाजी भी हुई। नगरपालिका कर्मचारियों ने हड़ताल तक की। लेकिन अतिक्रमण हटाओ दस्ते ने सड़क पुुटपाथ पर चल रहे अतिक्रमणों पर एक भी रिपोर्ट नहीं दी। दिखाई नहीं पड़ते ये सब अतिक्रमण। सड़कों पर रखा सामान जरूर यदाकदा उठाया जाता रहा है मगर पक्के निर्माणों पर कोई कार्यवाही नहीं होती। गोपी नायक के पक्ष में बसपा के अमित कल्याणा और छात्र नेता रामू छींपा सहित कई जने आए व ज्ञापन आदि पुलिस व प्रशासन को दिए लेकिन बाजारों में हो रहे अतिक्रमणों पर उनकी तरफ से एक शिकायत नहीं हुई। अब वे ही जानते हैं कि वे साफ दिखाई दे रहे कब्जों की शिकायत करके गोपी का या अपना पक्ष मजबूत क्यों नहीं करना चाहते?
कांग्रेस में आगे आने वाले विधानसभा चुनाव में भाग लेने की बात कहने वाले भी चुप हैं। नवयुवक कांग्रेस विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष गगनदीप विडींग और उनकी युवा टीम भी बेदम है।
भाजपा के राज में चाहे जो कुछ किया जाता रहे। कोई एक मुद्दा भी कांग्रेस द्वारा नहीं उठाया गया।
पूर्व विधायक स.हरचंदसिंंंह सिद्धु ने इस कोठी के बाबत एक शिकायत राजस्थान की मुख्यमंत्री को 15 नवम्बर 2015 को की थी व उसकी प्रतिलिपियां कार्यवाही के लिए मुख्य सचिव व स्वायत्त शासन निदेशालय को दी थी। वहां से अभी तक किसी भी प्रकार की कोई सूचना नहीं है कि उस शिकायत का क्या हुआ? अब देखते हैं कि स.हरचंदसिंंंह सिद्धु क्या करते हैं?
शहर की जनता की नजरें जोधपुर की तरफ लगी हुई है कि वहीं कोई जाता है या नहीं? चर्चा है कि सिद्धु ने जोधपुर से संपर्क कर रखा है लेकिन कोई खुलासा नहीं हो रहा है।
इसके अलावा जोधपुर जाने की बात तो कई लोग समय समय पर करते रहे हैं मगर कोई भी सूरतगढ़ नगरपालिका की आबादी की सीमा भी लांघ नहीं पाया। यही सच्च है जो सबके सामने हैं।
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