गुरुवार, 12 अक्तूबर 2017

आरूषि हत्याकांड में माता पिता नुपुर एवं राजेश तलवार बरी

आरुषि-हेमराज हत्याकांड फैसला: नुपुर-राजेश तलवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बरी किया*

नोएडा के बहुचर्चित आरुषि-हेमराज हत्याकांड मामले में उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए तलवार दंपति को बरी कर दिया है। उच्च न्यायालय के इस फैसले से सीबीआई को बड़ा झटका लगा है। अदालत ने पाया कि परिस्थितियां और मौजूद सबूतों के आधार पर तलवार दंपति को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। इसलिए ‘शक का लाभ’ देते हुए दोनों को बरी कर दिया गया। तलवार दंपति शुक्रवार 13 -10-2017 को गाजियाबाद की डासना जेल से रिहा होंगे। सीबीआई के वकील ने फैसले के बाद कहा कि वह फैसले की कॉपी पढ़ने के बाद ही कोई टिप्‍पणी कर पाएंगे। सीबीआई अदालत द्वारा दोषी करार दिए डेंटिस्ट दंपति राजेश और नुपुर तलवार ने फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील दाखिल की थी। तलवार दंपति अभी गाजियाबाद की डासना जेल में बंद है। 29 अगस्त 2016 को उच्च न्यायालय के एक आदेश के बाद नुपुर कुछ दिनों के लिए पैरोल पर रिहा की गई थी। सीबीआई कोर्ट ने नवंबर 2013 में तलवार दंपति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

 अपील पर न्यायमूर्ति बी.के. नारायण एवं न्यायमूर्ति ए.के. मिश्र की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हो रही है। इससे पहले, अदालत ने 11 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षा कर लिया था। हालांकि बाद में अदालत ने सीबीआई की कुछ दलीलों में विरोधाभास पाते हुए सुनवाई को फिर से शुरू करने का फैसला किया। फिर अदालत ने अपना फैसला 12 अक्‍टूबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया।

14 साल की आरुषि तलवार की लाश 16 मई, 2008 की सुबह नोएडा के जलवायु विहार के फ्लैट नंबर एल-132 में मिली थी। उसका गला रेता गया था। घर के नौकर हेमराज, जिसपर शुरुआत में हत्‍या का शक था लेकिन उसकी लाश अगले दिन फ्लैट की छत पर मिली थी। छत का दरवाजा भीतर से बंद था। इस हत्याकांड में नोएडा पुलिस ने 23 मई को डॉ राजेश तलवार को बेटी आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस मामले की जांच एक जून को सीबीआई को सौंप दी गई। अदालत ने पाया कि परिस्थितियां और मौजूद सबूतों के आधार पर तलवार दंपति को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। इसलिए ‘शक का लाभ’ देते हुए दोनों को बरी कर दिया गया।

अदालत ने दोनों को बरी कर दिया है। दोनों की अपील मंजूर करते हुए अदालत ने यह फैसला सुनाया।

– सीबीआई की जांच के आधार पर गाजियाबाद की सीबीआई अदालत ने 26 नवंबर, 2013 को हत्या और सबूत मिटाने का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद से तलवार दंपति जेल में बंद हैं।


– आरोपी दंपति डॉ. राजेश तलवार और नुपुर तलवार ने सीबीआई अदालत की ओर से आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील दाखिल की है।


– आरुषि-हेमराज हत्‍याकांड भारत के इतिहास के सबसे चर्चित आपराधिक मामलों में से एक है। हालांकि अदालत ने इसे ‘रेयरेस्‍ट ऑफ द रेयर’ मुकदमा मानने से इनकार कर दिया था।



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