शुक्रवार, 21 जुलाई 2017

अस्पतालों का कचरा बायोवेस्ट जानलेवा :मानव स्वास्थ्य के लिए हर समय खतरा


श्रीगंगानगर, 20 जुलाई। अस्पतालों का कचरा  जानलेवा भयानक प्रदूषण फैलाता है और मानव स्वास्थ्य के लिए हर समय खतरा है।आश्चर्य है कि श्रीगंगानगर जिले में 107 चिकित्सालयों का कचरा नहीं उठाया जा रहा। वह कहां फेंक रहे हैं यह कचरा?

 जिले में कुल 87 सरकारी अस्पताल और 86 प्राइवेट अस्पतालों ने यानि कुल 173 सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों ने सीटीएफ के लिए रजिस्ट्रेशन करवा रखा है, जिनमें से अब 66 ही वेलिड है 107 के रजिस्ट्रेशन एक्सपायर हो चुके हैं। इनका नवीनीकरण नहीं करवा गया है।

बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण को लेकर गठित जिला स्तरीय  मॉनिटरिंग कमेटी की पहली बैठक 20 जुलाई 2017 में यह गंभीर तथ्य सामने आए। यह बैठक जिला कलक्टर ज्ञानाराम की अध्यक्षता में जिला कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। बैठक में जिला कलक्टर ने बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण मामले को गंभीर मानते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रतिनिधियों को जिला मुख्यालय पर जल्द ही रजिस्ट्रेशन और नवीनीकरण का शिविर लगाने के निर्देश दिए। ताकि जिन हॉस्पिटल ने बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण को लेकर रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया हुआ है वो रजिस्ट्रेशन करवा सकें और जिनका रजिस्ट्रेशन खत्म हो रहा है वो नवीनीकरण करवा सके। समिति के सदस्य सचिव सीएमएचओ डॉ नरेश बंसल ने बताया कि जिला कलक्टर ने इसे गंभीर मानते हुए जिले की सभी अस्पतालों को इसमें जोड़ने के निर्देश देते हुए इसकी सूची बनाने के निर्देश दिए। सीटीएफ प्रदाता कंपनी के प्रतिनिधियों को जिले की सभी अस्पतालों की सूची चिकित्सा विभाग और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के सदस्यों को देने के निर्देश दिए। ताकि अन्य अस्पतालों को भी जोड़ा जा सके। 


                                      बैठक में सीएमएचओ डॉ नरेश बंसल और डिप्टी सीएमएचओ डॉ अजय सिंगला ने बताया कि सीटीएफ प्रदाता कंपनी ऑन रोड़ पीएचसी का कचरा तो उठा लेती है लेकिन इंटीरियर में स्थित पीएचसी का बायो मेडिकल वेस्ट नहीं उठाते। इस पर जिला कलक्टर ने कंपनी के साथ हुए एग्रीमेंट को देखने के निर्देश देते हुए कहा कि अगर एग्रीमेंट में इंटीरियर में स्थित पीएचसी से कचरा उठाने का उल्लेख है, तो संबंधित कंपनी के खिलाफ डीएलबी को लिखा जाए। इसके अलावा जिला कलक्टर ने हनुमानगढ़ में बाइपास रोड़ पर स्थित प्लांट का भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निरीक्षण करने के निर्देश दिए कि वहां बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण नियमानुसार होता है या नहीं। बैठक में सीएमएचओ और डिप्टी सीएमएचओ ने बताया कि सीटीएफ के 75 किलोमीटर के रेडियस में जितने भी अस्पताल आते हैं उनका बायो मेडिकल वेस्ट सीटीएफ प्रदाता कंपनी को उठाना जरूरी है चाहे वो इंटीरियर में आए या रोड़ पर। इसको लेकर संबंधित कंपनी के प्रतिनिधियों को निर्देश दिए गए। 


                              सीएमएचओ और डिप्टी सीएमएचओ ने बताया कि राजकीय चिकित्सा संस्थानों में बीएमडब्ल्यू सेगरिगेशन है। बीएमडब्ल्यू मद में निदेशालय को बजट मांग भिजवाई गई है। कार्मिकों को भी प्रशिक्षण दिया जा चुका है। साथ ही जिन संस्थानों में सीटीएफ द्वारा कचरा नहीं उठाया जा रहा वहां बैरल पिट्स का उपयोग किया जा रहा है।  जिला कलक्टर ने बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण को लेकर गठित  जिला स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक प्रत्येक तीन महीने में एक बार बुलाने के निर्देश दिए। 


                         बैठक में जिला कलक्टर श्री ज्ञानाराम के अलावा सीएमएचओ डॉ नरेश बंसल, पीएमओ डॉ. सुनीता सरदाना, डिप्टी सीएमएचओ डॉ. अजय सिंगला, पीआरओ श्री सुरेश बिश्नोई, पीएचईडी के सहायक अभियंता श्री मक्खन सिंह, प्रदूषण निंयत्राण बोर्ड बीकानेर के प्रतिनिधि श्री दारा सिंह श्योरान और श्री ए.के. जेलिया, सीटीएफ प्रदाता प्रतिनिधि श्री घनश्याम राजपुरोहित और श्री कविन्द्र खन्ना उपस्थित थे।

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