रविवार, 1 जनवरी 2017

यह वर्ष 2017 करणी प्रेस इंडिया का विस्तार और परिवर्तन का वर्ष: अधिकारों के प्रति संघर्ष करना सीखें:


- करणीदानसिंह राजपूत -

पाठकों को नव वर्ष 2017 की बधाईयां और शुभ कामनाएं देते हुए यह संदेश देते हैं कि करणी प्रेस इंडिया की सामग्री में काफी परिवर्तन करेंगे 

ताकि इसे और अधिक विस्तार दे सकें। समाचारों में विस्तार होगा व घटनाएं भी अन्य क्षेत्रों की जो महत्वपूर्ण होंगी को शामिल किया जाएगा।
राजनैतिक व आपराधिक सामग्री में भी परिवर्तन करने का प्रयास होगा। मनोरंजन सामग्री अधिक करने के प्रयास होंगे। भ्रष्टाचार अपराध के मामले में सरकारें भी चाहती हैं कि ऐसे लोगों को सामने लाया जाए ताकि सरकारें उनके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही कर सके,सो भ्रष्टाचार व अपराध के प्रकरणों में पहले की भांति ही नीति समाचार रपटें आदि देने की रहेगी। ऐसी सामग्री को रोकने का मामूली प्रयास भी नहीं होगा। हमारे आसपास भ्रष्टाचार व अपराध काफी फैले हुए हैं जिनसे आम नागरिक परेशान है। आम आदमी के कार्य हो नहीं रहे। उनके आवेदन सरकारी दफ्तरों में बस्तों में बंद पड़े रहते हैं। बड़ा अधिकारी केवल निर्देश देता है कि शीघ्र निस्तारण करें लेकिन उनकी तिथियों का अवलोकन नहीं करता कि आवेदन कब से दबे हुए पड़े हैं। असल में गरीबों को सरकारें सुविधाएं देना चाहती है मगर कामचोर अधिकारी व कर्मचारी परवाह नहीं करते क्योंकि उनको तो हर माह ठाट वाला वेतन मिल जाता है। इस बाबत उदाहरण से समझें की हालत क्या है?
नगरपालिका सूरतगढ़ में खाद्य सुरक्षा योजना के 500 से अधिक आवेदन पैंडिंग पड़े हैं। ये आवेदन कब से पड़े हैं? सरकार तो इस योजना से लोगों को जोडऩा चाहती है मगर निकम्मापन हो तो कागज कैसे सरके। आखिर यहां का चुना हुआ बोर्ड और ईओ क्या करते हैं? अब भी प्रतिदिन कितने आवेदन निपटाए जा सकते हैं?
पंचायत समिति सूरतगढ़ में 235 पेंशन प्रकरण पैंडिंग मिले। पेंशन भी जरूरी है मगर काम नहीं हो और दंड भी नहीं हो तो कर्मचारी क्यों करे काम? अधिकारी भी देखते नहीं। ये दो दफतरों की हालत है जहां पर लोगों का वास्ता अधिक पड़ता है। सरकारी योजनाओं को प्रधानमंत्री उपस्थित होकर लागू नहीं करवा सकते। यहां के लोगों को ही आवाज उठानी होगी। ये दोनों ही प्रकरण जाँच के लिए महत्वपूर्ण प्रमाण हैं। एडीएम सूरतगढ़ रचना भाटिया ने अचानक निरीक्षण में ये हालत पकड़े और शीघ्र निस्तारण का कहा लेकिन निर्दश ही क्यों? इनकी तो जाँच होनी चाहिए कि किसने काम नहीं किया? बस यही बदलाव हम करना चाहते हैं कि किसी का आवेदन फाईलों में बंद होकर न रह जाए। हमने अनेक प्रकरण जनता के सामने रखे हैं लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण हालत यह रही है कि यहां के राजनैतिक लोग नहीं बोले। उनका स्वार्थ केवल वोटों पर टिका है।
जनता को अधिक जागरूक बनाने के लिए ऐसी सामग्री परोसेंगे। सरकार की नौकरियों आदि के लिए पीआरओ सें मिलने वाले समाचार अधिक से अधिक लगा रहे हैं जो लाभप्रद हो रहे हैं।
हम चाहते हैं कि जनता अपने अधिकारों के प्रति संघर्ष करना सीखे और कार्यवाही भी करे। वोटों के स्वार्थी नेताओं के पीछे धक्के खाने से कोई लाभ नहीं मिला है।
हम फेस बुक से लिंक देते हैं मगर पाठक सीधे करणी प्रेस इंडिया नेट पर खोल कर देखें तो एक साथ अधिक समाचार रपटें आदि मिलेंगी। पाठका करणी प्रेस इंडिया के अनुसरण करने वाले यानि कि फोलोअर बनें।
नव वर्ष की शुभ कामनाओं सहित कि आप जरूर अपने अधिकारों के लिए जागरूक बनेंगे और संघर्ष करेंगे।
आपका शुभेच्छु,
करणीदानसिंह राजपूत,
सूरतगढ़।
संपर्क 94143 81356.

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