बुधवार, 2 नवंबर 2016

देश का हृदय दिल्ली मलमुत्र की गंदगी और कचरे से भरा

- करणीदान सिंह राजपूत-
 देश का हृदय दिल्ली मलमुत्र की गंदगी और कचरे की सड़ांध से भरा है।
 यहां खुले में शौच करते और मुत्र त्याग करते लोगों को देखा जा सकता है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संपूर्ण भारत के  स्वच्छ भारत मिशन को दिल्ली ही नहीं मान रही।दिल्ली प्रशासन की व्यवस्था इतनी लचर है की पूरे देश के संदेश को यहां लागू करने में नाकामी मिल रही है। दिल्ली लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान को जानबूझकर खराब किया जा रहा है यह तो नहीं कहा जा सकता लेकिन दिल्ली राज के जो अधिकारी हैं वे देश के स्वास्थ्य और स्वच्छता मिशन को चलाने में असफल हैं।दिल्ली के अनेक इलाकों में सड़कों पर फैली गंदगी को कचरे के ढेरों को देखा जा सकता है। सड़कों पर लगे कचरा पात्रों पात्रों के भर जाने पर तुरंत कचरा ले जाने की कोई व्यवस्था नहीं है। लोग कचरा पात्रों के बाहर कचरा फेंक देते हैं यह लोगों की मजबूरी है। दिल्ली के स्टेशन और किशनगंज रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्मों पर तथा आसपास कचरा गंदगी मलबे के ढेर लगे हुए देखे जा सकते हैं। उनको देखने से मालूम पड़ता है कि इन कचरा ढेरों को लगे हुए महीनों बीत चुके हैं। रेलवे लाइनों पर भयानक गंदगी प्लास्टिक का कचरा बिखरा हुआ सफाई संदेशों को चिढ़ाता है। रेलवे ओवरब्रिज के आसपास की बस्तियों वाले पुलों के पास रेल लाइन पर कचरा डालते हैं जिन को रोकने टोकने और दंडित करने की कोई व्यवस्था नहीं है। रेल लाइनों के पास बसे झुग्गी झोपड़ी वाले निवासी सुबह सवेरे और रात्रि में रेल लाइनों के आसपास ही मलमुत्र त्यागते हैं। सुबह सवेरे जो रेलें दिल्ली में प्रवेश करती हैं उनके यात्रियों को मल मूत्र त्याग करते लोगों के दृश्य देखने पड़ते हैं। दिल्ली के आसपास के इलाके हरियाणा व उत्तर प्रदेश के हैं उनमें भी भयानक गंदगी पड़ी है और उसको हटाने की कोई व्यवस्था नजर नहीं आती। नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान को देशभर में लागू करने की अपील को राज्य सरकारों ने छोटे छोटे कस्बों में घरों में और सार्वजनिक स्थानों पर लागू कराने की व्यवस्था की। छोटे गांव में भी शौचालयों का निर्माण करवाया गया।लेकिन आश्चर्य है कि देश की राजधानी दिल्ली देश के हृदय स्थल दिल्ली और आसपास के हरियाणा उत्तर प्रदेश के व्यावसायिक इलाकों में सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण नहीं करवाया गया। इसी कारण से दिल्ली और आसपास के इलाकों में मल मूत्र और कचरे की सङांध वाली हवा में लोगों को मजबूरी में सांस लेना पड़ रहा है। इस गंदगी और सङांध से जो बीमारियां फैल रही है। दिल्ली से बीमारियां लेकर लोगबाग अन्य राज्यों में जा रहे हैं उनको रोकना संभव नहीं है।

दिल्ली और आसपास के व्यावसायिक इलाकों की गंदगी और कचरे के ढेरों पर एक मजाक किया जा सकता है यहां के मलमुत्र मैं सुगंध और कचरे के ढेरों में सजावट इसलिए यहां के राज चलाने वाले इस सुगंध को और सजावट को दूर करना नहीं चाहते

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