बुधवार, 6 मई 2015

नौकरी में अंग्रेजी से बड़ी ताकत बन जाएगी राजस्थानी-पढ़ें:


राजस्थानी को मान्यता मिलने दो:
अंग्रेजी को नौकरी के लिए ही ताकतवर मानते हैं:
विशेष रिपोर्ट- करणीदानसिंह राजपूत
एक दिन वह आएगा कि राजस्थानी भाषा नौकरी में अग्रेजी से बहुत अधिक ताकतवर बन जाएगी। अभी नौकरी पाने के चक्कर में ही तो अग्रेजी का पठन पाठन अधिक हो रहा है तथा इस तरह से प्रचारित किया जा रहा है कि अंग्रेजी के बिना नौकरी मिलेगी ही नहीं। इस कुप्रचार में अंग्रेजी पढ़ाने वाले कुछ स्कूल कॉलेज हर स्थान पर लगे हुए मिल जाते हैं। इस प्रचार को वे लोग तरजीह देते हैं जिनके पास में अधिक पैसा है जो अग्रेजी स्कूलों की भारी भरकम फीस आसानी से दे देते हैं तथा अपने आपको को समाज में बड़ा और अलग साबित करते हैं।
लेकिन जिस दिन राजस्थानी को संवैधानिक मान्यता मिल जाएगी उस दिन राजस्थानी भाषा नौकरी में अंग्रेजी से अधिक ताकतवर बन जाएगी।
अभी राजस्थानी की संवैधानिक मान्यता मिलने में देरी होने का कारण यह भी रहा है कि राजस्थान के भी कुछ लोग संस्थाएं आदि क्षेत्र की अलग अलग भाषाओं को आगे ले आते हैं जबकि सभी मिल कर ही राजस्थानी का स्वरूप है।
राजस्थानी को भी एक दिन मान्यता मिल जाएगी और विरोध के बावजूद वह दिन अधिक दूर नहीं होगा।
यह मेरा विश्वास है और लाखों राजस्थानियों का भी विश्वास है जो मान्यता के संघर्ष में किसी न किसी प्रकार से जूझ रहे हैं।
किसी भी मांग को अधिक दिन तक टाला नहीं जा सकता।
अंग्रेजों का राज तो विश्व भर में था। देश स्वतंत्र कैसे होते चले गए?
राजस्थानी मान्यता का आँदोलन अब उस स्तर पर है कि इसे और अधिक दिनों तक दबाए नहीं रखा जा सकता।
इसे ज्यों ज्यों दबाया गया त्यों त्यों अधिक ताकत से शुरू हुआ।
देश की राजधानी दिल्ली में जंतर मंतर पर 6 मई 2015 को धरना प्रदर्शन सभा में राजस्थानियों का जोश व्यर्थ नहीं जाएगा।
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकार,
सूरतगढ़
94143 81356
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