राजेन्द्र भादू के पूवर्जाे के पदचिन्हों पर डा. रामप्रताप चल रहे हैंः
बयानों की कांग्रेस द्वारा कड़ी निन्दाःआँदोलन में कांग्रेस किसानों के साथः

स्पेशल रिपोर्ट- करणीदानसिंह राजपूत
सूरतगढ़ 23 अप्रेल। पूर्व विधायक गंगाजल मील ने ऐटा सिंगरासर माइनर के बारे में जल संसाधनमंत्री डा.रामप्रताप के बयानों को गुमराह करने वाला बताया है तथा कांग्रेस उ्वारा कड़ी निन्दा किए जाने का प्रेस बयान जारी किया है। इस बयान में कहा गया है कि कांग्रेस किसानों के साथ है तथा पानी के लिए ईंअ से ईंट बजा देगी।
ग्ंगाजल मील ने जो प्रेस बयान जारी किया है,वह हूबहू यहां दिया जा रहा है।
ऐटा-सिंगरासर माईनर निर्माण की मांग को लेकर 24 अप्रेल को किसानों का सूरतगढ़ थर्मल जाम और घेराव का कांग्रेस पूर्ण समर्थन करती है। इस माईनर निर्माण को लेकर प्रदेश की भाजपा सरकार और खासकर सिंचाई मंत्री डॉ0 रामप्रताप शुरु से ही क्षेत्र के किसानों को गुमराह करने वाले ब्यान दे रहे हैं जिसकी कांग्रेस पार्टी कड़े शब्दों में भर्त्सना करती है। कल के आंदोलन में पार्टी के जिला अध्यक्ष श्री संतोष सहारण, पूर्व एम.पी. भरतराम मेघवाल, शंकर पन्नू, पूर्व मंत्री गुरमीत सिंह कुन्नर, पूर्व विधायक गंगाजल मील, पूर्व जिला प्रमुख पृथ्वीराज मील, राजकुमार गौड, जगदीश जांदू, पूर्व जिलाध्यक्ष कुलदीप इंदौरा, ब्लॉक अध्यक्ष इकबाल मो0 कुरेशी, बनवारी थोरी एवं जिले के पूर्व व वर्तमान पदाधिकारी इस आंदोलन में बढ़चढ़कर भाग लेंगे।
सिंचाई मंत्री डॉ0 रामप्रताप शुरु से ही ऐटा-सिंगरासर निर्माण के पक्षधर नहीं थे और यही वजह है कि वे इस मामले को लेकर समय समय पर गलत ब्यानबाजी कर रहे है। इन्होंने जनता को ही गुमराह नहीं किया बल्कि अपनी गलत ब्यानबाजी से सदन को भी गुमराह किया है। डॉ0 रामप्रताप इस मामले में विधायक राजेन्द्र भादू के पूर्वजों के पदचिन्हों का अनुसरण कर रहे हैं। डॉ0 रामप्रताप ने सदन में व्यक्तव्य दिया कि बिन दुल्हे के बारात नहीं होती। उनका यह ब्यान सिंगरासर माईनर के लिए पानी की उपलब्धता को लेकर था जबकि सच्चाई ठीक इसके विपरीत है। राज्य सरकार नहरों की मरम्मत के लिए 3264 करोड़ का बजट स्वीकृत करने का ढि़ढोंरा पीट कर यह दर्शाने का प्रयास कर रही है जैसे यह राशि इन्होंने अपनी जेब से दी हो जबकि यह बजट तो पहले से ही स्वीकृत था। वर्ष-2011 में केन्द्रीय जल आयोग से स्वीकृत संशोधित डीपीआर राशि 6924 करोड़ के प्रावधान के अनुसार इंदिरा गांधी नहर का संसोधित सीसीए 18.20 लाख हैक्टयर स्वीकृत किया गया जो पूर्व में 16.17 लाख हैक्टयर था। यानि नहर के जीर्णोद्वार के बाद करीब 1 लाख 81 हजार हैक्टयर भूमि और सिंचित हो सकेगी। सिंचाई मंत्री ने जो कमेटी बनाई है उसके माध्यम से सबसे पहले यह बात साफ करें कि इससे पानी सरपल्स होगा या नहीं और यदि होगा तो यह पानी कहां जाएगा?
सिंचाई मंत्री की कार्यशैली से यह बात भी सामने आई है कि ये प्रदेश के नहीं बल्कि अपने विधानसभा के मंत्री है। अपने क्षेत्र को नाजायज फायदा देने के लिए डॉ0 रामप्रताप ने भाखड़ा नहर से 10 क्यूसिक की फतेहगढ़ माईनर निकाल दी। भाखड़ानहर का यह नियम रहा है कि इससे आज तक एक बीघा बारानी भूमि सिंचित नहीं हुइ है जबकि डॉ0 रामप्रताप ने इससे 12 हजार बीघा बारानी सिंचित कर दी। यह पानी कहां से आया? किसानों को हुए इस फायदे से कांग्रेस को कोई परेशानी नहीं है लेकिन इससे डॉ0 रामप्रताप की दोहरी व्यवस्था व सोच उजागर हो रही है।
कांग्रेस पार्टी राज्य सरकार से यह मांग करती है कि नहरों के जीर्णोद्वार के बाद जो 1 लाख 81 हजार क्यूसिक पानी सरप्लस होगा उसकी स्थिति साफ कर जनता को बताये। यदि सरकार ने उस पानी को अन्य क्षेत्रों में खुर्द बुर्द किया तो पार्टी क्षेत्र के 52 गांवों की जनता के साथ मिलकर उस पानी के लिए ईन्ट से ईन्ट बजा देंगे और अपना हक लेकर रहेंगे।