बुधवार, 31 मई 2017

तंबाकू सेवन से मुंह जीभ गला फेफड़ों व अन्य अंगों में कैंसर का खतरा बढ़ता है

- करणीदानसिंह राजपूत -

 *अन्तर्राष्ट्रीय तम्बाकु निषेध दिवस 31 मई पर विशेष*


तम्बाकु का सेवन चाहे धुम्रपान के रुप बीड़ी​, सिगरेट, हुक्का या खाने चबाने के रुप जर्दा गुटखा, खैनी इत्यादी हर रुप मे स्वास्थ्य के लिए घातक सिद्ध होता है।

 तम्बाकु के सेवन ने मुंह, जीभ, होठ, गला, फेफडों के साथ-साथ शरीर के अन्य अंगों में भी केंसर का खतरा तेजी से बढता है, जो कि मनुष्य की मौत का कारण होता है।
तम्बाकु के सेवन से हाथों, पैरों की नाड़ियों मे खून का दौरा कम हो जाता है, जिससे बरगर रोग हो जाता है, हार्ट अटेक की संभावनाएं भी काफी हद तक बढ जाती है।


इसलिए आज अन्तर्राष्ट्रीय तम्बाकु निषेध दिवस के अवसर पर हम सब सामूहिक रुप से तम्बाकु नामक नशे को जड़ से खत्म करने का संकल्प लेकर नशा मुक्त भारत के निर्माण मे सहयोगी बने।

नशा करना गलत है, क्योकि इससे परिवार बर्बाद हो जाते है। नशे के कारण भाई भाई का दुश्मन बन जाता है।

गुरुओ एवं महापुरुषों ने भी नशा ना करने का उपदेश दिया है, जिस पर हमे चलना चाहिये ।

नशा मानवता का दुश्मन है। नशे के कारण व्यक्ति मानव को मानव नही समझता तथा अत्याचारी बनकर मानवता के विरुद्ध गलत राह पर चलने लग जाता है, जबकि हम सभी को महापुरुषों के बताये मार्ग पर चलकर  खुद को नशे से बचाना चाहिये और दूसरे लोगों को भी नशे से बचाना चहिये।





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