सोमवार, 7 दिसंबर 2015

राजीव गांधी आवासीय योजना के रंगीन पैप्फलेट का लाखों का घोटाला सूरतगढ़


पैम्फलेटों पर अधिशाषी अधिकारी पृथ्वीराज जाखड़ और अध्यक्ष बनवारीलाल का नाम:
13 से 18 मार्च 2013 को नीलामी थी और पैम्फलेट दो दिन पहले 11 मार्च को पालिका स्टोर में आना बताया गया व प्रेस मालिक द्वारा अपने स्तर पर दूर दूर शहरों कस्बों तक वितरण करना दिखाया गया जो एडीएम जांच में अविश्वसनीय माना:
सिविल सोसायटी के दिलात्मप्रकाश जैन की शिकायत पर हुई थी जाँच:
जिला कलक्टर श्रीगंगानगर ने जाँच रिपोर्ट 18-8-2014 को निदेशक स्वायत्त शासन विभाग को भेज दी थी
- ब्लास्ट की आवाज की तीसरी आँख - दिनांक 7 दिसम्बर 2015 से
सूरतगढ़। नगरपालिका की आवासीय योजना के 30 हजार रंगीन पैम्फलेटों के छापे जाने की शिकायत सिविल सोसायटी के अध्यक्ष दिलात्म प्रकाश जैन ने की और सरकार के आदेश पर इसकी जाँच अतिरिक्त जिला कलक्टर नारायणदास मटई ने करके जिला कलक्टर श्रीगंगानगर को 16 अगस्त 2014 को सौंप दी। जिला कलक्टर ने यह रिपोर्ट 18-8-2014 को निदेशक स्वायत्त शसन विभाग को जयपुर विशेष वाहक के द्वारा भिजवा दी।
इस जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो गया कि गड़बड़ हुई है। 



राजीव गांधी आवासीय योजना के प्रचार का मामला रंगीन पैम्फलेटों के बंटने की संख्या पर संदेह से सामने आया कि नीलामी शुरू होने के दो दिन पहले ही स्टोर में इनकी पहुंच हुई। दो दिन पहले पैम्फलेट आए और इतनी संख्या में इनका वितरण संदेह में आया। सिविल सोसायटी की ओर से पैम्फलेटों पर प्रेस का नाम नहीं छापे होने पर आपत्ति प्रगट की गई और जाँच की मांग की गई।
अतिरिक्त जिला कलक्टर सूरतगढ़ ने जाँच में संदेह प्रगट किया कि जब 30 हजार पैम्फलेट रंगीन छपवाए गए तब 4 हजार पैम्फलेट सादे छपवाने की जरूरत क्यों हुई? जांच में इनके वितरण को अविश्वसनीय माना कि प्रेस अपने स्तर पर वितरण करे। इतने कम समय में वितरण संदिग्ध माना गया। इसके अलावा नगरपालिका के कर्मचारियों द्वारा वितरण पर तो भारी संदेह सामने आया कि जिस कर्मचारी से वितरण दिखलाया उसकी सूरतगढ़ कार्यालय में हाजिरी लगी थी।
इस मामले के अनेक बिंदुओं की जाँच और खुलासा होना बाकी है। पैम्फलेटों का छापने और उसमें कब तक देने का आदेश था। कहां से छपवाए गए? प्रेस ने अपने स्तर पर कहां पर वितरित करवाए? अखबारों में पैम्फलेट डाल कर वितरण करने का हॉकर प्रति सौ पैम्फलेट का 15 से 20 रूपया वसूल करते हैं। प्रेस ने बिना नफे के तो यह कार्य किया नहीं होगा?
दिलात्म प्रकाश जैन का कहना है कि उन्होंने इसमें दोषी अधिकारियों के बाबत कार्यवाही का लिखा हुआ है जिनकी मिलीभगती से घोटाला हुआ। राज्य सरकार ने जिला कलक्टर से अधिकारियों के नाम मांग रखे हैं लेकिन जिला कलक्टर से अभी तक रिपोर्ट जयपुर नहीं भेजी गई है।
यहां पर
पैम्फलेट और रिपोर्ट के पेज का अंश छापा जा रहा है।


दिलात्म प्रकाश जैन


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