मंगलवार, 14 मार्च 2017

पालिकाध्यक्ष काजल छाबड़ा पर करोड़ों के भ्रष्टाचार की एसीबी जाँच शुरू:स्पेशल रिपोर्ट




कार्यवाहक ईओ सहायक अभियंता तरसेम अरोड़ा,कनिष्ठ अभियंताओं महेन्द्र थालौड़ व मोहित व्यास और कर्मचारियों पर शिकंजा:
कई बड़े ठेकेदारों पर भी भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में सबसे अधिक शिकायतें सूरतगढ़ नगरपालिका की:
काजल छाबड़ा का  भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन का दिखावा केवल बोर्डों में:
स्पेशल रिपोर्ट- करणीदानसिंह राजपूत
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प्रथम 7-6-2015

अप डेट 14-3-2017.

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सूरतगढ़। 

पालिकाध्यक्ष काजल छाबड़ा द्वारा जम कर भ्रष्टाचार किए जाने के आरोप लगातार लगते रहे हैं और एक दस्तावेजी शिकायत में सरकार को करोड़ों रूपए की चपत लगाने के मामले में पी दर्ज कर जाँच शुरू कर दी गई है। यह जाँच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की हनुमानगढ़ चौकी को सौंपी गई है और उसके जाँच शुरू करते ही यहां हड़कंप मच गया। काजल छाबड़ा वह चर्चित अध्यक्ष बन गई है जिस पर चुने जाने के अल्प काल में ही करोड़ों के घोटाले की जाँच शुरू हुई है। 


भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की इस पी जाँच में कार्यवाहक अधिशाषी अधिकारी रहे सहायक अभियंता तरसेम अरोड़ा,कनिष्ठ अभियंताओं महेन्द्र थालौड़ व मोहित व्यास और कर्मचारियों पर शिकंजा कसा गया है। इस प्रकरण में बड़े ठेकेदार भी शामिल हैं।


आरोप है कि करोड़ों के सड़क निर्माण ठेकों में गंभीर घोटाले किए गए व सरकारी कानूनों को तोड़ा गया।
करोड़ों रूपए के ठेके में ई टेंडर प्रणाली अनिवार्य रूप से लागू किए जाने के बावजूद यह प्रणाली नहीं अपनाई गई। एक तरह से अपने मर्जीदानों के अलावा ठेके में दूर की कोई पार्टी को आने से रोकने के लिए गुपचुप तरीका अपनाया गया जिसमें सीमित अखबारों में ठेके के टेंडर दिए गए। इसमें इसमें पीडब्ल्यूडी की बीएसआर 2008 को माना गया जबकि यह बीएसआर तो खत्म हो चुकी थी तथा नई लागू हो चुकी थी। इस भ्रष्टाचार में 2015 में काम के लिए बीएसआर 2008 को लागू रखा गया। कार्य पुराने थे तो वर्षों बाद करवाने थे तो नई बीएसआर के हिसाब से ही टेंडर आमंत्रित किए जाने थे। एक महत्वपूर्ण घपला भी रहा कि संपूर्ण कागजों पर ईओ के हस्ताक्षर जरूरी होने चाहिए लेकिन उसमें भी कमी रही। इस कमी के रहते भी टेंडर कार्य नहीं होना चाहिए था।
ब्यूरो के हनुमानगढ़ के एएसपी सहीराम बिश्रोई इसकी जाँच कर रहे हैं तथा इसमें जल्दी ही रिकार्ड जब्त किए जाने की कार्यवाही होगी।

काजल छाबड़ा व ईओ आदि पर घोटालों की लगातार खबरें छपती रही है मगर किसी भी प्रतिपक्ष नेता कार्यकर्ता व शहर की संस्थाओं द्वारा जाँच के लिए प्रकरण दर्ज नहीं करवाया गया। आखिर यह कदम एक पत्रकार मालचंद जैन ने उठाया जिनकी दस्तावेजी शिकायत पर पी दर्ज हुई। जैन अन्ना हजारे को सूरतगढ़ में आमंत्रित करने व आम सभा करवाने वालों में प्रमुख रहे हैं। 


मालचंद जैन अन्ना हजारे के साथ सूरतगढ़ की आम सभा में भ्रष्टाचार के विरूद्ध नारे लगाते हुए:एक दम बाई ओर:

नगरपालिका में भ्रष्टाचार की शिकायतों के ढ़ेर लगते रहे हैं। काजल के राज में करोड़ों रूपए के ठेकों में सरकारी मदों को इधर उधर तक कर देने का आरोप लगता रहा है। कच्ची बस्ती विकास के नाम पर रूपया अन्यत्र लगाए जाने के आरोप भी लगातार लगते रहे हैं तथा कच्ची बस्तियों के गरीब लोग विकास के लिए आवाज उठाते रहे हैं मगर उनकी कभी परवाह तक नहीं की गई।
नगरपालिका बोर्ड की बैठक में जब कुछ पार्षदों ने कामों में भ्रष्टाचार पर आवाज उठानी चाही व बोलना चाहा तब उनको दबाव से बैठा दिया गया व सुनवाई नहीं की गई। यहां तक की उनके द्वारा बोले गए तथ्यों को नोट तक नहीं किया गया। वार्ड नं 10 की पार्षद श्रीमती राजेश सिडाना ने जब बोलना शुरू किया तब उनको जबरन रोक दिया गया। अध्यक्ष ने अपनी गरिमा तक नहीं रखी। अध्यक्ष ने राजेश सिडाना को रोकते हुए कहा कि आप तो बाहर आरोप लगा चुकी हैं अब यहां पर जरूरत नहीं है। बोर्ड की बैठक में पार्षद ऐजेंडे के हर प्रस्ताव पर बोलने का अधिकार है मगर अध्यक्ष ने जबरदस्ती की। इसमें अध्यक्ष के साथ रहने वाले दो तीन पार्षदों ने भी बैठक की मर्यादा तोड़ते हुए अध्यक्ष का साथ देते हुए राजेश सिडाना को बोलने से रोका।

श्रीमती राजेश सिडाना:नगरपालिका में भ्रष्टाचार के विरूद्ध सशक्त आवाज
काजल छाबड़ा और कार्यवाहक ईओ तरसेम अरोड़ा जो पालिका में सहायक अभियंता है पर लगातार शिकायतें हुई हैं। यह एक शिकायत की जाँच शुरू हुई है। चर्चा है कि नागरिक अधिकार मंच के अध्यक्ष सुरेश कौल की भी कुछ शिकायतें अलग से की हुई हैं।
भ्रष्टाचार के मामले इतने गंभीर हैं कि इन पर कभी भी जाँच शुरू हो सकती है। 

काजल छाबड़ा

सूरतगढ़ पालिका बजट 2015-16 में भारी घपला


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