रविवार, 31 जुलाई 2011

गर्भ में कन्या भ्रूण की हत्या रोकने पर टैगोर सेन्ट्रल अकादमी सी.सै.स्कूल में विचार गोष्ठी

गर्भस्थ शिशु सरंक्षण समिति का  टैगोर सेन्ट्रल अकादमी सी.सै.स्कूल में विचार गोष्ठी का आयोजन

विचार रखते  समिति अध्यक्ष परसराम भाटिया, करणीदानसिंह राजपूत,मनोज स्वामी, व्याख्याता कर्मसिंह और निदेशक मोहित जेतली

विचार रखते हुए छात्र छात्राएं


रिपोर्ट: 30 जुलाई 2011
आल्ट्रा साऊंड मशीन पर रोक लगाने की मांग और नारी किसी से कम नहीं विचार आए
गर्भ में कन्या भ्रूण की हत्या रोकने पर टैगोर सेन्ट्रल अकादमी सी.सै.स्कूल में विचार गोष्ठी
गर्भस्थ शिशु संरक्षण समिति का आयोजन
करणीदानसिंह राजपूत
सूरतगढ़, 31 जुलाई। गर्भस्थ शिशु संरक्षण समिति की ओर से गर्भ में कन्या भ्रूण की हत्या रोकने पर टैगोर सेन्ट्रल अकादमी सी.सै.स्कूल में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता शिक्षण संस्था के निदेशक मोहित जेतली ने की जिसमें छात्र छात्राओं ने आल्ट्रा साऊंउ मशीन का दुरूपयोग मानते हुए इस पर रोक लगाने की मांग तक कर डाली और नारी किसी से कम नहीं का बखान हुआ जिसमें कहा गया कि गुणों की खान हे नारी तो कन्या भ्रूण हत्या क्यों की जा रही है? इस पर रोक लगाई जाए।
    छात्र विश्वेन्द्रसिंह ने भ्रूण में कन्या की हत्या किए जाने में कहा कि आल्ट्रा साऊंड का दुरूपयोग किया जा रहा है तथा चिकित्सक इसका उपयोग सही नहीं करते हैं। विचार व्यक्त करते हुए छात्र इतना भावुक हो उठा कि मशीन पर रोक लगाए जाने की मांग तक कर डाली। छात्र ललित ने समाज में जागरूकता लाने व नारी शिक्षा को बढ़ावा दिए जाने का सुझाव दिया। आरती पारीक ने कहा कि समाज में पुरानी अवधारणा को बदलना होगा कि केवल बेटे ही सेवा करते हैं तथा बेटियां तो पराए घर में चली जाऐंगी। छात्रा जयश्री बुडानिया ने कहा कि दहेज प्रथा बंद की जाए यह बात भी प्रचारित की जाए की बेटियां निरंतर आगे बढ़ रही हैं तथा कोई भी क्षेत्र उनकी पहुंच से बाकी नहीं रहा है।
    मुख्य वक्ता करणीदानसिंह राजपूत ने मशीन के दुरूपयोग को रोकने का कहा और बताया कि समाज में ब्याह पर दिखावे का चलन बंद किया जाना चाहिए। राजपूत ने कहा कि बेटी को जो उपहार दिए जातें हैं उनका प्रदर्शन पीहर वाले ही करते हैं। इसके अलावा ससुराल में बहु के गुणों का पूछने के बजाय प्रथम परिचय में यह पूछा जाता है कि बहु क्या लाई है? राजपूत ने कहा कि इन दिखावा रिवाजों का चलन बंइद कर दिया जाए तो समाज का बहुत बड़ा हित हो जाएगा। राजपूत ने कहा कि हमारे तो हर त्यौंहार रिश्तों के गीतों संगीतों कथाओं से जुड़े हैं और कन्या ही पैदा नहीं होगी तो वे रिश्ते ही खत्म हो जाऐंगे। हमारे त्यौंहारों का तो कोई महत्व ही नहीं रह जाएगा। राजपूत ने कहा कि बहन नहीं होगी तो राखी किससे बंधवाई जाएगी, दीवारें तो राखी बांधेगी नहीं। राजपूत बताया कि टैगोर महा विद्यालय में एक छात्र ने विचारों में कहा कि राखी क्या कम्प्यूटर से बंधवाओगे। राजपूत ने कहा कि  बुढ़ापे में भी आज बेटियां मा बाप की अधिक सेवा करती पाई गई हैं।
    राजस्थानी साहित्यकार मनोज स्वामी ने राजस्थानी दोहों में दर्द उभारते हुए बेटी का वर्णन किया जिससे परिचर्चा का माहौल एक बार तो बेटी की विदाई जैसा हो गया। स्वामी ने यह भी बतलाया कि भ्रूण में किस तरह से काट कर हत्या की जाती है। उन्होंने कहा कि समाज में जागरूकता लाने से ही कार्य रूक पाएगा।
समिति के अध्यक्ष परसराम भाटिया ने समिति की गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्यक्रम के तहत ही जल्दी टैगोर महिला शिक्षक प्रशिक्षण महा विद्यालय में विभिन्न महा विद्यालयों की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।
    संस्था के निदशक मोहित जेतली ने कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए विद्यार्थियों का आह्वान किया तथा सहयोग का संकल्प तक करवाया जिसमें विद्यार्थियों ने अपने हाथ उठा कर स्वीकृति दी।
    इस कार्यक्रम की एक खूबी रही कि संयोजन व्याख्याता कर्म सिंह ने अनेक घटनाओं व कविताओं के मुखड़ों को सुनाते हुए सांगों पांग किया।

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