राजस्थान: लोकसभा चुनाव प्रथम चरण में कमजोर भाजपा का दर्पण:बड़े नेता कारण.
* करणीदानसिंह राजपूत *
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 400 पार के दावे और राजस्थान भाजपा का राज्य की संपूर्ण 25 सीटें जीतने का दावा है। प्रथम चरण की बारह सीटों के मतदान दिवस 19 अप्रैल पर भाजपा नेताओं की ताकत का बहुत कमजोर प्रदर्शन रहा।नेताओं के रवैये और हालात देख कर लोगों का कम सहयोग मिला। इसमें दावे के खंडित होने की बड़ी संभावना है। भाजपा का दावा समस्त 12 सीटों पर जीत का है और लोगों का दावा सात का है। सही हालात सामने आने से उच्च स्तरीय नेताओं को चिंता हो रही है।
* राजस्थान में बहुत कम वोटिंग हुई है। कम वोटिंग सत्ता के विरुद्ध मानी जाती है। भाजपा नेता कार्यकर्ता सनातनी, हिन्दू, समर्थक वोटों को बूथ तक नहीं ले जा सके। ये लोग घरों में खेतों गावों में रहे।उत्साह हीन जबकि अन्य लोग वोटिंग कर गये।
शुरुआती हालात चिंताजनक होने से आगे और बुरी स्थिति आ सकती है जो 400 की घोषणा को हवा में लटका देगी। बड़े विश्वास में मारे गये वाली हालत।
*दावे प्रमाणिक नहीं होते लेकिन राजनैतिक दल शुरुआती हालात पर रिपोर्ट मंगवाते हैं और अपने आप में समीक्षा शुरू कर देते हैं।
* राजस्थान की बची हुई 13 सभी सीटों पर भी भाजपा का जीत का दावा है लेकिन लोगों का दावा सात आठ का ही है।
**राजस्थान भाजपा का दावा 25 पर और लोगों का दावा पन्द्रह सोलह पर है कि इससे अधिक भाजपा को नहीं मिलेगी।
👌राजस्थान में ऐसे हालात क्यों और कैसे हुए? हालात पर नजर डालें तो कुछ बड़े कारण सामने आते हैं। जितना बड़ा ढोल उतनी बड़ी उसमें पोल।
👍प्रथम कारण।
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 की कमान जिनको सौंपी गई थी। उन्होंने दिल्ली तक सही रिपोर्ट नहीं भेजी। उनकी मनमर्जी वाली रिपोर्ट से टिकटें दी गई और भाजपा की सीटें दुबारा नहीं आई। राजस्थान की 200 सीटों में से 152 सीटों का दावा था। फिर यह दावा 125-130 तक नीचे गिरा। फिर यह भी स्थिर पक्का साबित नहीं हुआ और नीचे गिरा 115 सीटें ही मिल पाईं। *राममंदिर का मुद्दा बड़ा था खूब छाया और जनता ने सराहना की लेकिन यह सदा तो रह नहीं सकता था और नेताओं की मनमर्जी ने इसको नजदीक ही नहीं रखा।
* लोकसभा चुनाव 2024 तक जयपुर में वही मिलता जुलता सा कमजोर नेतृत्व रहा जिसने टिकटों के नाम तय करवाए। प्रदेश पदाधिकारी भी कमजोर रहे जिनकी एक एक की समीक्षा होगी तो अनेक हटा दिए जाएंगेः
👍 दूसरा कारण
विधानसभा चुनाव में गलत टिकटों से पराजित हुए लोगों को ही आगे कमान सौंपे रखी गई। जनता जिनको भारी मतों से हरा चुकी और अनेक की तो रवैये के कारण शक्ल ही नहीं देखना चाहती,उन्हीं पराजित हुए नेताओं को विधानसभा क्षेत्र में कमान सौंपे रखी और वे अपनी संतानों परिवार सदस्यों को आगे रख मनमर्जी चलाते रहे। इससे हालात और बिगड़े। यह फील्ड रिपोर्ट जयपुर के नेताओं ने दिल्ली से छुपाई। पराजित विधायकों से राय ली जाती रही। इनके खुले हाथों से बनाए मंडल मोर्चे आदि व जिलाध्यक्ष तक बदल दिए जाते तो प्रथम चरण कमजोर नहीं रहता।
👍 तीसरा कारण
जयपुर के नेताओं ने बिना सोचे समझे परखे निकम्मे फेल हुए कांग्रेसियों को भाजपा में शामिल किया गया। भ्रष्टाचारी दुराचारी लोगों को भी लिया गया। इन शामिल किए लोगों ने लोकसभा चुनाव में कोई काम नहीं किया। इनके पास न लोग थे न वोट थे। जब इनको घुसाया तब पुराने निष्ठावान चुपचाप पीछे हो गये तब वोटर को लाया नहीं जा सका।
जयपुर नेताओं की बड़ी गलती का बड़ा नुकसान हुआ जिसका नुकसान आगे 13 सीटों पर भी होगा। अब सुधार भी होने की संभावना नहीं है।
👍 चौथा कारण.
मूल ओबीसी और राजपूतों की ताकत को जयपुर के नेताओं ने अपनी मनमर्जी से कम आंका और इसी आधार पर दिल्ली भी चली। विधानसभा चुनाव में मूल ओबीसी को कम टिकटें दी गई और उनकी नाराजगी लोकसभा चुनाव तक खत्म नहीं हुई। राजपूतों को विधानसभा में कमतर आंका गया और अब राजस्थान के अलावा अन्य राज्यों में राजपूतों के बढते आक्रोश को खत्म करने के बजाय आरोप लगाए जाते रहे। मूल ओबीसी और राजपूतों की नाराजगी को भाजपा राष्ट्रीय नेताओं और सत्ता नेताओं जिनमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमित शाह ने भी दूर करने की कोशिश नहीं की।
***** राजस्थान की स्थिति पर भाजपा दावे की समीक्षा की जाए तो 25 सीटों पर भाजपा का दावा है और अन्य 15-16 मानते हैं। मतलब 100 में भाजपा को 60-62 और अन्य दल 38-40 तक। अब प्रथम चरण की स्थिति के अनुसार मोदी जी की 400 पार का दावा किस हालत में मशीन से बाहर आएगा। अभी तार्किक दृष्टि से अन्य की भी सुने तो भाजपा को 250-255 का दावा करते हैं। यदि ऐसा होता है तो क्या होगा? अखबार चैनल दबाए हुए कोई सही रिपोर्ट नहीं दे रहे। लेकिन जनता जागती रहती है तो कोई रिपोर्ट छुपती नहीं।
* ये दावे प्रामाणिक नहीं होते लेकिन राजनीति हलचल मचाते हैं और चुनाव परिणाम आने तक लोगों की बातचीत इन्हीं पर चलती है।०0०
20 अप्रैल 2024.
करणीदानसिंह राजपूत.
पत्रकारिता 60 वर्ष,
( राजस्थान सरकार से आधिस्वीकृत)
सूरतगढ़ ( राजस्थान )
94143 81356
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