* करणीदानसिंह राजपूत *
भाजपा सूरतगढ़ की सीट पर वर्तमान विधायक के नाते सबसे ऊपर चलने वाले रामप्रताप कासनिया को नये चेहरे की प्रबल मांग और सर्वे के आधार पर टिकट नहीं मिलती है तो नया चेहरा कौन हो सकता है के अनुमान लगाने में लोगों के साथ सोशल मीडिया लगे हैं। लेकिन राजनीतिक टिकटार्थियों और समर्थकों में घोर बेचैनी है कि वोट तो कमल को देना है फिर भी प्रत्याशी कौन होगा? यह हर जगह चर्चा हो रही है।
* कांग्रेस ने सूरतगढ़ से मूल ओबीसी वर्ग में कुम्हार डुंगराम गेदर को प्रत्याशी बना कर चौंकाया है और बीकानेर संभाग में 24 में से 3 सीटें मूल ओबीसी को दी है। इसलिए माना जा रहा है कि सूरतगढ़ सीट पर मूल ओबीसी का ही प्रत्याशी उतारा जा सकता है। यहां भाजपा टिकटार्थियों में मूल ओबीसी वर्ग में एक ही टिकटार्थी श्रीभगवान सेवटा ( कुम्हार ) है। कांंग्रेस के मूल ओबीसी उम्मीदवार के सामने भाजपा भी मूल ओबीसी को खड़ा कर सकती है जिसकी संभावना अधिक मानी जा रही है। भाजपा में ओबीसी में जाट वर्ग को ही लगातार तीन बार टिकटें मिली और इस बार बसपा ने महेंद्र भादू तथा जननायक जनता पार्टी ने पृथ्वीराज मील को प्रत्याशी बना दिया। ऐसी स्थिति में भाजपा में अब ओबीसी वर्ग में जाट उम्मीदवार बनाए जाने की संभावनाएं बहुत कम है। हालांकि राजेंद्र भादू पूर्व विधायक ने खूब जोर लगा रखा है मगर महेंद्र भादू को बसपा टिकट घोषित हो जाने के बाद अब राजेंद्र भादू को टिकट मिलना बहुत मुश्किल लग रहा है।
भाजपा में नये चेहरों में ओबीसी वर्ग से टिकटार्थियों में नरेंद्र घिंटाला,राहुल लेघा और मोहन पूनिया जाट हैं। नये चेहरे में ओबीसी में राकेश बिश्नोई भी हैं। वणिक समाज ने भी जोर लगा रखा है। जयप्रकाश सरावगी और सुभाष गुप्ता वणिक समाज में से हैं। नये चेहरे में श्रीमती काजल छाबड़ा अरोड़ा समाज से हैं और महिला होना भी दबाव बनाता है। टिकट बदली जाती है तो पूर्व विधायक अशोक नागपाल भी नये चेहरों में मानते हैं तथा अरोड़ा समाज से हैं। टिकटार्थी तो और भी हैं मगर चर्चा में नहीं हैं।
* अभी तक सभी ने अपने अपने प्रयास और दबाव का जितना जोर लगाना था जो लगा दिया। अब कल एक नवंबर को मालुम होगा कि पार्टी ने किसे अहमियत दी है।०0०
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