सूरतगढ़ स्टेशन पर टूटे प्लेटफार्म और अंधेरे का राज लापरवाही हद से पार।
* करणी दान सिंह राजपूत *
सूरतगढ़ रेलवे स्टेशन उत्तर पश्चिम रेलवे का बीकानेर डिवीजन का महत्वपूर्ण मॉडल स्टेशन है। यहां से बहुत दूरी की रेलगाड़ियां गुजरती है जिन का ठहराव सूरतगढ़ में 2 मिनट 5 मिनट और 10 मिनट है। जो गाड़ियां केवल 2 मिनट रूकती है उनके यात्रियों के साथ में क्या बीतती है? क्या परेशानियां होती है? टूटे प्लेटफार्म अंधेरे में डूबे प्लेटफार्म और ठोकरें लगना रोजाना की बात है।
सूरतगढ़ में सभी प्रकार का स्टाफ है। रेलवे स्टेशन का हेड स्टेशन अधीक्षक भी है। लगता यह है कि कोई भी अधिकारी और कर्मचारी टूटे प्लेटफार्म को नहीं देखता और अंधेरे को भी नहीं देखता।
*कुछ महीने पहले प्लेटफॉर्मों के अंधेरे के बाबत जिला संयुक्त रेलवे समिति ने ज्ञापन दिया था लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी उसका परिणाम नजर नहीं आया।
मैं इस बाबत रेलवे के महाप्रबंधक को पहले भी लिख चुका था फोटो भी भिजवाई थी।
अब 31 अक्टूबर को पुनः एक पत्र अंधेरे में डूबे प्लेटफार्मों के फोटो सहित मेल किया है।०0०