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कोरोना लाक डाउन से हुए नुकसान को पूरा करने के लिए रेलवे ने किराए में दी जाने वाली रियायतें चुपचाप खत्म कर दी हैं। इनमें वरिष्ठ नागरिकों के साथ ही कुल तीस श्रेणियों में मिलने वाली रियायतें शामिल हैं।
लॉकडाउन के दौरान सभी ट्रेनों का संचालन पूरी तरह से ठप था। संचालन ठप होने से हुए नुकसान को पूरा करने के लिए रेलवे ने किराए में दी जाने वाली रियायतें खत्म कर दी हैं। जी हैं, वरिष्ठ नागरिकों के साथ ही कुल तीस श्रेणियों में मिलने वाली रियायत अब बीती बात हो गई है।हालांकि स्पेशल ट्रेनों में गंभीर मरीजों और दिव्यांगजनों को छूट जारी रेखने का फैसला किया गया।
स्पेशल ट्रेनों में रेलकर्मियों, गंभीर बीमारियों के मरीजों व दिव्यांगजनों को छोड़ अन्य सभी श्रेणियों के लिए टिकट में मिलने वाली छूट को बंद कर दिया था।
रेल मंत्रालय ने सीनियर सिटीजंस, मान्यता प्राप्त पत्रकारों, युवाओं, किसानों, दूधियों, सेंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड, भारत सेवा दल, रिसर्च स्कॉलर्स, पदक विजेता शिक्षकों, सर्वोदय समाज, स्काउट-गाइड, वॉर विडो, आर्टिस्ट व खिलाड़ियों सहित 30 से ज्यादा कैटेगरी के लोगों को टिकटों पर मिलने वाली छूट फिलहाल बंद कर दी है।
3 साल में छूट पर ~7418 करोड़ का खर्च
रेलवे इस समय 50 कैटेगरी के लोगों को किराए में छूट देता है। इससे बड़ी संख्या में मरीजों, दिव्यांगों को आवागमन में काफी सहूलियतें होती है।
भारत सरकार के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में बीते वर्षों में रियायती टिकटों पर 7417.44 करोड़ रुपये के खर्च पर सवाल उठे थे। इसके बाद से ही रेलवे रियायती टिकटों पर कैंची चलाने की कोशिश कर रहा था।
कोरोना वायरस से बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन से मौका मिल गया। इसके बाद उसने कई कैटेगरीज की रियायतें फिलहाल बंद कर दी हैं। म ई में जब श्रमिक स्पेशल गाड़ियां शुरु की तब से किराए में बंद कर दी गई।००