सूरतगढ का अगला विधायक कौन होगा? लोग बदलाव क्यों चाहते हैं?
- करणीदानसिंह राजपूत -
सूरतगढ़ का अगला विधायक कौन होगा की चर्चाएं और सवाल जवाब सोशलसाइट्स फेसबुक और वाट्सअप पर कुछ लोग पिछले कुछ महीनों से चला रहे हैं मगर आम चर्चाओं में जनता को पूरी फुर्सत चर्चा के लिए नहीं है और सभी अपने अपने काम धंधे में लगे हुए व्यस्त हैं।
गांवों से आवाज उठ रही है कि सत्ता बदल दी जाए।वह एक सूरतगढ़ कि नहीं हमारे आसपास श्री गंगानगर हनुमानगढ़ हनुमानगढ़ संपूर्ण जिलों से ही किसानों का यह जय घोष हो रहा है।
फिलहाल यहां सूरतगढ़ की की चर्चा करते हैं अगला विधायक कौन हो सकता है?
प्रमुख रुप से भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी की टक्कर ही नजर आती है । इसे त्रिकोणीय टक्कर बसपा बनाती है। चतुष्कोणीय टक्कर में इस बार आम आदमी पार्टी भी कुछ हद तक चुनावी मैदान में अपना रोल अदा करेगी । बसपा के प्रत्याशी डूंगरराम और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी सत्यप्रकाश सिहाग अभी सामने हैं लेकिन सत्ता का मजबूत खेल खेलने वाली कांग्रेस का प्रत्याशी कौन होगा? यह पर्दे के पीछे है।
भारतीय जनता पार्टी का मजबूत प्रत्याशी वर्तमान विधायक राजेंद्र सिंह भादू ही है लेकिन इस पार्टी में भी नया चेहरा देखने की आशाएं की जा रही है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की पावर टिकट बंटवारे में चलेगी यह निश्चित है। वर्तमान विधायक राजेंद्र सिंह भादू मुख्यमंत्री राजे के खासमखास विधायकों में है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 28 मार्च 2018 को श्री गंगानगर में लोकार्पण कार्यक्रम में राजेंद्र सिंह भादू की प्रशंसा की और मंच पर कहा कि यह विधायक हंसते हंसते मेरे से सूरतगढ़ इलाके के लिए बहुत ज्यादा बजट लेकर आता रहा है और इलाके को विकसित किया है। निश्चित रूप से इलाके के लोग गांव और शहर के लोग यह मानते हैं कि पिछली कांग्रेस सरकार के विधायक गंगाजल मील से कार्य कराने में और बजट लाने में लगाने में राजेंद्र सिंह भादू बहुत आगे रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद विवाह शादियों की भीड़ में और जहां भाजपा के कार्यकर्ता एक दूसरे से बतियाते हैं वहां पर नए चेहरे की चर्चा जरूर होती है। भाजपा कार्यकर्ता कहते हुए नजर आते हैं कि जनता बदलाव चाहती है नया चेहरा चाहती है है और साथ में यह भी कहती है कि कांग्रेस में भी भी नया चेहरा चाहिए। जनता ऐसा चाहती है चाहती है। जनता के सामने भारतीय जनता पार्टी के अन्य चेहरों में रामप्रताप कासनिया और अशोक नागपाल है कांग्रेस में गंगाजल मील है मगर इनका नाम लेने पर जनता में संतोष नजर नहीं आ रहा। अनेक लोग तो यह कहते हैं कि ये नहीं और कोई। तो फिर दोनों ही पार्टियों में और कोई कौन हो सकता है?
हमेशा सत्ताधारी पार्टी से अगले चुनाव में टिकट की चर्चा होती है चर्चा होती है टिकट की चर्चा होती है चर्चा होती है चर्चा होती है इसलिए अगला चुनाव भारतीय जनता पार्टी की ओर से कौन सा लीडर लीडर लड़ेगा? यह समय बताएगा अगर फिलहाल पावर में राजेंद्रसिंह भादू के अलावा कोई शक्तिशाली नहीं है। इसका प्रमुख कारण भी है राजेंद्र सिंह भादू ने सन 2008 में निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ा और दूसरे क्रम पर रहे थे। भारतीय जनता पार्टी के रामप्रताप कासनिया तीसरे क्रम पर रहेथे। सन 2013 में भारतीय जनता पार्टी ने राजेंद्र सिंह भादू को अपना प्रत्याशी इसीलिए बनाया कि वे वे वे 2008 में दूसरे क्रम पर थे और जो व्यक्ति अपने बलबूते पर सर्वाधिक वोट ले जा सकता है और दूसरे क्रम पर पहुंच सकता है उसकी ताकत को इनकार नहीं किया जा सकता था। भारतीय जनता पार्टी में राजेंद्र भादू की पहुंच पहले नहीं थी लेकिन विधायक बनने के बाद इन्होंने व्यक्तिगत पावर दिखाते हुए अपने संपर्कों को पार्टी लेवल पर बहुत अधिक शक्तिशाली बनाया है। यह शक्ति ही आगामी 2018 के चुनाव में टिकट मिलने की पक्कायत करती है।
बदलाव में जनता नए चेहरे में दूसरे किसी वर्ग के व्यक्ति को देखना चाह रही है लेकिन क्या जनता की सोच सिरे चढ सकती है? देखते हैं कि कांग्रेस और भाजपा में किसकी पावर चलती है?