मंगलवार, 13 दिसंबर 2022

ओमप्रकाश कालवा पर बड़ा आरोप: हो सकते हैं सस्पेंड:सीवरेज भुगतान गबन.कूट रचित रिकार्ड.

 

 * करणी दान सिंह राजपूत *



सूरतगढ़ 13 दिसंबर 2022.

 नगर पालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा पर सीवरेज घोटाला करने और बहुत बड़ा भुगतान फर्जीवाड़े में करने का गंभीर बड़ा आरोप लगाया गया है। मुख्यमंत्री को विवरण सहित पत्र भेजकर जांच के दौरान बर्खास्त करने की मांग की गई है। 

*सीवरेज घोटाले के भुगतान में अनेक नए बिंदु उभर कर सामने आए हैं जिससे ओमप्रकाश कालवा अधिशासी अधिकारी विजय प्रताप सिंह और लेखा अधिकारी सुनील मेघवाल पर संकट आ सकता है।मुख्यमंत्री से ओमप्रकाश कालवा को गबन के आरोप में बर्खास्त करने की मांग है। अधिशासी अधिकारी विजय प्रताप सिंह और लेखा अधिकारी सुनील मेघवाल को अन्यत्र स्थानांतरित करने की मांग है।

नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष कांग्रेस के नेता बनवारीलाल मेघवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री को भिजवाए पत्र की प्रति जिसमें आरोप और प्रमाण लिखे हैं, पुलिस अधीक्षक को दिए गए पत्र की प्रति जिसमें प्रमाण लिखे हैंऔर राजस्थान उच्च न्यायालय के डायरेक्शन की प्रति दी गई। नगर पालिका अध्यक्ष पर इन सभी पत्रों में गंभीर आरोप लगाए गए हैं जिनके कारण नगरपालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा के विरुद्ध सख्त कार्रवाई हो सकती है और जांच के दौरान उनको सस्पेंड किया जा सकता है।

विदित रहे कि ओमप्रकाश कालवा अधिशासी अधिकारी विजय प्रताप सिंह और लेखा अधिकारी सुनील मेघवाल के विरुद्ध अदालत में इस्तगासा करके पुलिस में मुकदमा दायर करवाया गया जिसकी जांच चल रही है। पूर्व अध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल ने पुलिस की जांच पर भी आपत्ति की है कि दबाव में अंतिम रिपोर्ट दी जा रही है और प्रमाणों को देखा नहीं जा रहा है। इस कारण उच्च न्यायालय में रिट लगाई जहां से अनुसंधान के लिए 10 नवंबर 2022 को आदेश में डायरेक्शन दिया गया। डायरेक्शन यह दिया गया है की थाने के अधिकारी से उंचे स्तर के पुलिस अधिकारी की निगरानी में जांच हो।


* बनवारीलाल मेघवाल ने सशक्त आरोप लगाया है कि 4763 सेफ्टी टैंक तोड़कर टॉयलेट के पाइपों को सीवरेज लाइनों से जोड़ने का कार्य किया नहीं गया लेकिन यह भुगतान मोंटकारलो कं को कर दिया गया। आरोप है कि 1करोड़ 60 लाख रू में से जीएसटी आदि कटौती कर 1 करोड़ 45 लाख 57 हजार 144 रू दि 15 मार्च 2022 को एक्सीस बैंक के माध्यम से चैक द्वारा कर दिए। आरोप यह है कि सीवरेज का 104 करोड रुपए का स्वीकृत प्रोजेक्ट था उसके स्थान पर अपूर्ण स्थिति में ही 71 करोड का बिल सीवरेज कंपनी monte-carlo का फाइनल करने के एवज में पेशगी के रूप में यह भुगतान किया गया। इतना काम बीच में ही लटकाने का आरोप है। यह है कि कमीशन के लिए यह सब किया गया लोगों से गलत प्रमाण पत्र लिए गए।

उन्होंने आरोप लगाया कि लोगों से गलत लिखवाया गया लेकिन सरकारी महकमों में सेफ्टी टैंक आज भी मौजूद है जो प्रमाणित करते हैं कि सेफ्टी टैंक नहीं तोड़े गए। आरोप लगाया गया कि अभियुक्त गण ने नगर पालिका भवन एवं आवास सरकारी विभाग न्यायालय अतिरिक्त जिला कलेक्टर कार्यालय एवं आवास पुलिस उप अधीक्षक कार्यालय पुलिस थाना में सेफ्टी टैंक एवं शोक पिट आज भी मौजूद है जिससे यह सिद्ध है कि वास्तविक रूप से कार्य हुआ नहीं हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस इतने बड़े प्रमाण को अनदेखी कर रही है। यह जांच उपनिरीक्षक  मोटाराम के पास में है जो दबाव में है और सही रिपोर्ट सही जांच नहीं कर रहे। इसलिए उच्च न्यायालय में निवेदन किया।


 बनवारीलाल मेघवाल ने आरोप लगाया कि जिला कलेक्टर के निर्देश पर जो 5 सदस्यों की एक जांच कमेटी बनाई गई थी उसकी रिपोर्ट भी गोलमाल ढंग की रही। उस रिपोर्ट में जो लिखा गया वह भी पालन नहीं हुआ। 

आरोप लगाया गया  कि सा.नि.वि.के अधिशासी अभियंता को बड़ी राशि से प्रभावित किया गया। यह राशि प्रेस कॉन्फ्रेंस में ₹5 लाख बताई गई। जांच समिति की रिपोर्ट थी कि नगरपालिका अपने स्तर पर पता करे यह अपेक्षा की गई थी लेकिन नगर पालिका ने उस पर कार्रवाई नहीं की।

 पूर्व शिकायत करने वालों का संतुष्टि पत्र पर मार्क्सवादी नेता लक्ष्मण शर्मा के हस्ताक्षर स्केन कर लगाने का आरोप लगाया गया। शिकायत करने वाले अन्य तीन किशन स्वामी,सावित्री स्वामी और विमल राजपूत के हस्ताक्षर सहमति पत्र पर नहीं है। उनको तो बताया तक नहीं और भुगतान कर दिया गया।

(पार्षद मदन ओझा,पार्षद पाटनी के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हैं)

** यह आरोप लगाया गया कि मुख्यमंत्री को की गई शिकायत पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर सूरतगढ़ द्वारा की जा रही जांच को भी दबाव डाल कर प्रभावित करने का प्रयास हो रहा है लेकिन भरोसा है कि अतिरिक्त जिला कलेक्टर जांच की सही रिपोर्ट देंगे।

( 👍 4763 सेफ्टी टैंक तोड़कर उनका मलबा कहां फेंका और किन वाहनों से लाद भर कर फेंका गया? यह भी गड़बड़ी है। सच्च में तो यह हुआ ही नहीं। रिपोर्टर)

👍 आरोप यह भी लगाया गया कि इस गबन को छिपाने के लिए दस्तावेजों की नकलें अधिशासी अधिकारी द्वारा दी नहीं गई। मेजरमेंट बुक की नकलें नहीं दी गई।👍 

प्रेस वार्ता में कांग्रेस पार्टी के तो पार्षद परसराम भाटिया और बसंत कुमार बोहरा भी उपस्थित थे और उन्होंने भी अनेक आरोप लगाए विदित रहे कि परसराम भाटिया ब्लॉक कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर भी हैं। 

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