शनिवार, 29 सितंबर 2012

बेटी की मौत के भयानक हादसे के बावजूद बड़े तूफान से लड़ रही एक दीपक रीटा सोनी

यह संघर्ष गंगाजल मील के साथ हो गया है। गंगाजल मील इस समय सूरतगढ़ के विधायक हैं। 

जया सोनी

इस दीपक की संघर्ष गाथा ने हनुमानगढ़ की जनता को बड़े सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है।
खास रपट- करणीदानसिंह राजपूत
रीटा सोनी उर्फ रेखा का कई अपराधिक प्रकरणों को लेकर जिला पुलिस अधीक्षक हनुमानगढ़ कार्यालय के सामने 19 जनवरी 2009 से धरना शुरू हुआ और 11 नवम्बर 2010 से यह धरना दिन रात का कर दिया गया जो अभी भी जारी है। उसके पास में दस्तावेजी अनेक साक्ष्य भी हैं। उसके संघर्ष को न्याय के अंजाम तक पहुंचाने के बजाय पुलिस व सिविल प्रशासन निरंतर भ्रामक हालात पैदा करता रहा है, जिसके भी दस्तावेज बनते जा रहे हैं। इस संघर्ष के तनाव में पूरा परिवार है।
यह संघर्ष एक छोटे से दीये की भयानक तूफान से लड़ाई जैसी कथा है। कथा में तो दीया जीत जाता है,इस संघर्ष में आज नहीं तो कल यह दीपक भी जीत जाने की ही संभावना है। यह संभावना इस लिए है कि रीटा सोनी की 15 वर्षीय बेटी जया सोनी की 19 सितम्बर को जयपुर के एसएमएस हॉस्पीटल में मौत हो गई। लोग उसका शोक व्यक्त करने को धरना स्थल पर आ रहे हैं। जो दीपक इस हादसे के बावजूद तूफान से संघर्ष कर रहा हो उसकी जीत को टाला नहीं जा सकता। इसमें समय लग सकता है। यह संघर्ष गंगाजल मील के साथ हो गया है। गंगाजल मील इस समय सूरतगढ़ के विधायक हैं।
रीटा का आत्मबल बहुत मजबूत है। रीटा ने गंगाजल मील आदि के खिलाफ राजस्थान उच्च न्यायालय में 14 सितम्बर को एक रिट लगाई जिसकी तारीख 28 सितम्बर थी, और बेटी की मौत के बावजूद रीटा स्वयं उच्च न्यायालय में हाजिर हुई व स्वयं का पक्ष रखा जिस पर न्यायाधीश माननीय निर्मलजीत कौर ने गंगाजल मील और सुभाष सोनी को नोटिस जारी करने का आदेश दिया और चार हफता का समय दिया।
इस दीपक की संघर्ष गाथा ने हनुमानगढ़ की जनता को बड़े सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। अभी हनुमानगढ़ में बेटी बचाओ प्रांतीय सम्मेलन 15-16 सितम्बर को हआ है। एक बेटी की मौत के बावजूद एक मां संघर्ष पर डटी है।
हनुमानगढ़ में राजनैतिक दल, सामाजिक संस्थाएं और पत्रकार सभी भी सवालों के घेरे में है कि वे सभी चुप हैं या एक दो बार अपना मामली सा दायित्व निभा कर चुपी ओढ़ ली। क्या लाखों की आबादी में सच और झूठ की संघर्ष गाथा में उस महिला को एकेला ही लड़ते रहना होगा?
मैं यहां पर रीटा सोनी की एक फोटो दे रहा हूं टैंट में संघर्ष में डटी हुई की। वक्त बताएगा कि कितने लोगों और संगठनों की अन्तर आत्मा जागती है और वे संघर्ष में साथ देने को हौंसला बढ़ाने को टैंट में पहुंचते हैं।

रीटा सोनी की याचिका पर उच्च न्यायालय से गंगाजल मील को नोटिस जारी


गंगाजल मील और सुभाष सोनी निवासी हनमानगढ़ पर हथियारों के लायसेंस नवीनीकरण प्रपत्र में अपराधिक मुकद्दमों की सूचनाएं दर्ज नहीं कर तथ्य छिपाने व गुमराह करने का आरोप:
रीटा ने अपनी जान माल का खतरा बताया है और लायसेस निरस्त करने की प्रार्थना भी की है
विशेष रपट- करणीदानसिंह राजपूत

रीटा सोनी उर्फ रेखा  निवासी नजदीक दुर्गा मंदिर,वार्ड नं 13 हनुमानगढ़ ने राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर में विविध अपराधिक याचिका सं 2268-2012 धारा 482 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत दिनांक 12 सितम्बर 2012 को कोर्ट नं 12 में लगाई। न्यायाधीश निर्मलजीत कौर ने 28 सितम्बर को रीटा का पक्ष सुना।
रीटा ने इसमें राज्य सरकार, गंगाजल मील और सुभाष सोनी को प्रतिपक्षी बनाया है। रीटा ने बताया कि पक्ष सुनने के बाद नोटिस जारी करने का आदेश दिया गया। प्रतिपक्ष को इसके लिए चार सप्ताह की अवधि जवाब के लिए दी गई है।
    रीटा ने इसमें एक और अशोक सोनी पर भी आरोप लगाए हैं।
रीटा ने इन सभी जानमाल का खतरा बतलाते हुए हथियारों के लायसेंस निरस्त करने की मांग करते हुए पुलिस अधीक्षक हनुमानगढ़ के कार्यालय के सामने 19-1-2009 से धरना देने का उल्लेख किया है। उसने लिखा है कि एक बार हमला हो भी चुका है। रीटा ने आरोप लगाया है कि पुलिस व प्रशासनिक विभागों के भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारी मिले हुए हैं। प्रभावशाली व राजनैतिक पहुंचवाले होने की वजह से आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं हो रही है।
रीटा ने गंगाजल मील और सुभाष सोनी के हथियार लायसेंसों के नम्बर व दर्ज हथियारों व उनके नवीनीकरण की सूचनाएं दस्तावेज संलग्र किए हैं। उसका आरोप है कि लायसेंस लेते वक्त और नवीनीकरण के वक्त अपराधिक मुकद्दमों के तथ्य छिपाए गए थे। असल में लायसेंस जारी ही नहीं होने चाहिए थे। तथ्य छिपाए गए इसलिए लायसेंस निरस्त होने और अन्य कार्यवाहियों की मांग करते हुए उच्च न्यायालय से प्रार्थना की गई हैं। पुलिस पर भी आरोप लगाया गया है कि उन्होंने भी आवेदनों की जांच सही नहीं की और लायसेंस नवीनीकरण की अनुशंसा कर दी। नवीनीकरण के प्रपत्रों में दिनांक ही नहीं है तथा पूरी सूचनाएं भी भरी हुई नहीं है।
रीटा ने संपूर्ण दस्तावेज सूचना के कानून के अधिकार के तहत प्राप्त किए थे। गंगाजल मील का ठिकाना वार्ड नं 29 हनुमानगढ़ बताया गया है। गंगाजल मील चुनाव लडऩे से पहले हनुमानगढ़ में ही रहते रहे हैं।
याचिका में जानमाल सुरक्षा की मांग भी की है।
रीटा पर एक बार हमला हुआ जिसमें पुलिस की भूमिका पर अनेक सवाल उठाए हैं और उस बाबत भी एक याचिका संख्या 767 दिनांक 10 सितम्बर 2012 को राजस्थान उच्च न्यायालय में पेश की है।
रीटा ने दोनों याचिकाएं स्वयं ने ही पेश की और स्वयं ने ही अपना पक्ष प्रस्तुत किया। रीटा अंडर मैट्रिक है। उसने पूछने पर बताया कि पुलिस और आरोपियों की तरफ से दमन हुआ जिसने उसे संघर्षशील बना दिया व अदालत में जाने तथा सूचनाऐं प्राप्त करने के तरीके सिखला दिए। पुत्री जया पन्द्रह वर्ष की आयु में 19 सितम्बर को संसार त्यागने के बावजूद रीटा 28 सितम्बर को दी गई तारीख पर कोर्ट नं 12 में पहुंची और न्यायाधीश निर्मलजीतकौर के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत किया।
रीटा उर्फ रेखा की ओर से रिट प्रस्तुत की गई जिसके छ: पृष्ठ हैं,जो यहां देखे जा सकते हैं।






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