मंगलवार, 31 अगस्त 2021

सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुपरटेक के 950 फ्लैट वाले 40 मंजिला 2 टॉवरों को गिराने का आदेश:

 




* करणीदानसिंह राजपूत *

सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों की मिलीभगत से बिल्डरों/ कोलोनाइजरों द्वारा नियम विरुद्ध बनाए गए निर्माणों के मामलों में और आरक्षित क्षेत्र में नियम विरुद्ध निर्माणों के मामलों में बहुत सख्त है। अनेक फैसले अवैध निर्माणों को तोड़ने के होने के बाद निर्माणों को तय समय सीमा में तोड़ना पड़ा है।

एकदम ताजा मामला सुपरटेक का है। प्रोजेक्ट के 950 फ्लैट वाले 2 टॉवरों को गिराने का आदेश मंगलवार 31 अगस्त को दिया गया है।फ्लैट खरीदारों का क्या होगा का भी फैसले में वर्णन है।


सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक के नोएडा एक्सप्रेस वे स्थित एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के टॉवर-16 और 17 को अवैध ठहराया है. कोर्ट ने इन दोनों 40 मंजिला टॉवरों को 3 महीने में गिराने का आदेश दिया है।


सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक के नोएडा एक्सप्रेस वे स्थित एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के टॉवर-16 और 17 को अवैध ठहराया है. कोर्ट ने इन दोनों 40 मंजिला टॉवरों को 3 महीने में गिराने का आदेश दिया है.


सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी को कहा कि बिल्डर और अथॉरिटी मिलकर गैर कानूनी काम कर रहे हैं. बिल्डर अपने पैसे के बल पर हर तरह का उलंघन कर रहे हैं. नोएडा में गैर कानूनी अतिक्रमण और कंस्ट्रक्शन की बड़ी वजह बिल्डर और अथॉरिटी के ऑफिसर का गठजोड़ है।


शीर्ष अदालत ने कंपनी को फ्लैट खरीदारों को ब्याज के साथ पैसे वापस करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि फ्लैट मालिकों को दो महीने में पैसा ब्याज सहित पैसा वापस करना होगा. 12 परसेंट सालाना का ब्याज देना होगा।


* कोर्ट ने दोनों टॉवर को ठहराया अवैध*

सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक के नोएडा एक्सप्रेस वे स्थित एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के टॉवर-16 और 17 को अवैध ठहराया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि Emarald Court सोसाइटी में दो टॉवर नियमों का उल्लंघन करके बनाए गए हैं. इन टॉवर में 950 फ्लैट हैं. एक टॉवर 42 मंजिल का है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब नक्शा पास हुआ था तब ये दोनों टॉवर अप्रूव नहीं हुए थे. बाद में नियमों का उल्लंघन करके ये टॉवर बनाए गए थे।


* 2 करोड़ रुपये हर्जाना भी देना होगा *


इसके साथ ही सुपरटेक सोसाइटी  आरडब्लूओ को दो करोड़ रुपये का हर्जाना देगा. इन दोनों टॉवरों को सुपरटेक अपने पैसे से गिराएगा. कोर्ट ने इन्हें 3 महीने में गिराने के आदेश दिए हैं.

* अन्य भवनों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए*


फैसले में कहा गया है कि टॉवर्स को तोड़ते वक्त अन्य भवनों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए. 


* सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह ने इस मामले की सुनवाई की।०0०





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