गुरुवार, 20 फ़रवरी 2020

सूरतगढ़-ग्रामोत्थान माध्यमिक विद्यालय की भूमि किसकी-विवाद उठा तूफान- पहले था किसान छात्रावास:

 * करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 20 फरवरी 2020.

सेठ रामदयाल राठी उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य के एक पत्र से ग्रामोत्थान माध्यमिक विद्यालय के भवन और भूमि पर विवाद खड़ा हो गया है। नगर पालिका से इसकी जांच की मांग की गई है। 

नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी लालचंद सांखला ने ग्रामोत्थान माध्यमिक विद्यालय के संचालक को जमीन आदि के कागजात 26 फरवरी को पेश करने का नोटिस दिया है।

ग्रामोत्थान माध्यमिक विद्यालय भूमि और भवन पर संचालित हो रहा है वहां पहले किसान छात्रावास था। किसान छात्रावास बाहर से शिक्षा लेने के लिए आने वाले विद्यार्थियों के लिए बनाया गया था लेकिन उस छात्रावास को बंद कर दिया गया

अब वहां हजारों रुपए प्रत्येक छात्र से फीस वसूल कर लाखों रुपए इकट्ठे करने वाला अंग्रेजी माध्यम का स्कूल संचालित किया जा रहा है।

यह बदलाव कैसे हुआ और यह लाखों रुपए कहां जा रहे हैं इसका किसी को मालूम नहीं है।

जांच से सामने आएगा कि असल में यह मामला क्या है? 

इस पर भादु परिवार के एक नेता ने अधिकार कर रखा है,जो जांच से स्पष्ट होगा कि किसान छात्रावास के बजाय उसमें स्कूल कैसे चलाया जाने लगा? प्रारंभ में संचालन की ईच्छा रही तो उसका संचालन स्वरूप कैसे बदल दिया गया।

संचालन में ढील अनदेखी के कारण यह खंडहर भी बना और कचरा गंदगी इसमें डाली जाने लगी थी। 
चौ.मनफूलसिंह भादू जब लोकसभा सदस्य काल में इसका पुनः निर्माण करवाया। उन्होंने जनसहयोग भी लिया। इसके पुनः निर्माण के बाद भी छात्रावास ही रहा। इसकी संचालन समिति में रामनारायण गोदारा भी रहे। इसके स्वरूप को बदलने की बातें होने लगी उस चक्कर में गोदारा का विरोध था। इसलिए गोदारा को हटा दिया गया तथा समिति का नया रूप आया। महेंद्र भादू को उस समय अध्यक्ष बनाया गया। (मेरी याददाश्त से)
अब इसकी संचालन समिति में कौन है यह सब परदे के पीछे है।

इसके लिए कुछ साल पहले भी छात्रों ने आंदोलन किया था कि इसे छात्रावास के रूप में ही चलाया जाए।००

०००००






यह ब्लॉग खोजें